नवनिर्वाचित विधायक 28 व 29 मार्च को लेंगे शपथ

लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक रमापति शास्त्री को विधानसभा के अध्यक्ष का चुनाव होने तक प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। प्रोटेम स्पीकर रमापति शास्त्री विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों को 28-29 मार्च को शपथ दिलाएंगे। राज्यपाल ने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए पांच अन्य वरिष्ठ विधायकों को नियुक्त किया है। गोंडा जिले की मनकापुर सीट से विधायक रमापति शास्त्री 1974 में पहली बार छठी विधानसभा के लिए विधायक निर्वाचित हुए थे। शास्त्री 7वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं, 14वीं और 17वीं विधानसभा में विधायक रहे। शास्त्री कल्याण सिंह सरकार में समाज कल्याण और राजस्व मंत्री रहे। मायावती और कल्याण सिंह सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे। योगी सरकार में भी शास्त्री समाज कल्याण मंत्री थे। 18वीं विधानसभा में शास्त्री आठवीं बार विधायक निर्वाचित हुए है। सदन के सबसे वरिष्ठ विधायक होने के कारण उन्हें प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। राज्यपाल ने विधानसभा के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, पूर्व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेश खन्ना, फतेह बहादुर सिंह और रामपाल को भी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए नियुक्त किया है। राज्यपाल राजभवन में 26 मार्च को प्रोटेम स्पीकर के साथ इन पांच विधायकों को भी शपथ दिलाएंगी।

12 राज्यों के मुख्यमंत्री और पांच उप मुख्यमंत्री होंगे शामिल
योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण के साक्षी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ भाजपा शासित 12 राज्यों के मुख्यमंत्री और पांच उप मुख्यमंत्री भी बनेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में योग गुरु बाबा रामदेव, विभिन्न मठों और मंदिरों के महंत भी मौजूद रहेंगे। यूपी में उद्योग स्थापित करने वाले और उद्योग संचालित करने वाले सभी प्रमुख उद्योगपतियों को भी आमंत्रित किया गया है।

राजा भैया के करीबी गोपालजी को झटका

लखनऊ। रघुराज प्रताप सिंह राजाभैया के करीबी और विधान परिषद सदस्य अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी को एमपीएमएलए कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। फर्जी पते पर शस्त्र लाइसेंस बनवाने के मामले में कोर्ट ने उन्हें सात साल की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर 10 हजार रुपया जुर्माना भी ठोका है। उन्हें एक दिन पहले ही न्यायिक हिरासत में ले लिया था। एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह ने जनसत्ता दल के प्रत्याशी के रूप में प्रतापगढ़ स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र के नामांकन पत्र भी दाखिल किया है। वह लगातार तीन बार से इस सीट से एमएलसी निर्वाचित होते आ रहे हैं। माना जा रहा है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत उनका नामांकन पत्र निरस्त किया जा सकता है। प्रतापगढ़ की एमपीएमएल कोर्ट ने अक्षय प्रताप सिंह को सात साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 10 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोका है। 15 मार्च को कोर्ट ने नोटिस जारी कर दोषी करार दिया था। मंगलवार को कोर्ट के आदेश पर उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया था। सजा सुनाए जाने के बाद पूरे कोर्ट में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। सजा सुनाए जाते समय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजाभैया भी कोर्ट में मौजूद रहे। अक्षय प्रताप सिंह राजाभैया के करीबी रिश्तेदार हैं।

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