ओमिक्रॉन से निपटने को प्लान तैयार, जांच और टीकाकरण की तेज होगी रफ्तार

सभी मेडिकल कॉलेज में इलाज के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश

निगरानी समितियों को किया गया सक्रिय, जीनोम सीक्वेंसिंग पर भी जोर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोविड के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से निपटने के लिए हर स्तर पर तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। टीकाकरण के साथ सामान्य बेड और आईसीयू को तैयार रखने, दवाओं के इंतजाम पर भी जोर दिया गया है।
नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को डेल्टा प्लस की अपेक्षा कम खतरनाक बताया जा रहा है। फिर भी राज्यस्तरीय स्वास्थ्य परामर्शदाता समिति ने इस नए वैरिएंट से निपटने की पुख्ता रणनीति तैयार की है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर सभी जिलों में तैयारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत टीकाकरण की गति बढ़ाने, स्वच्छता अभियान निरंतर चलाने, फोकस सैंपलिंग, सर्विलांस आदि गतिविधियां निरंतर चलती रहेंगी।
सभी मेडिकल कॉलेज में 100 बेड वाले पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) एवं न्यूनेटल इंटेसिव केयर यूनिट (एनआईसीयू) के बेडों की जांच कर उन्हें तैयार रखने का निर्देश दिया गया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को ऑक्सीजन, लैब, जांच किट के बारे में भी लगातार समीक्षा करने को कहा गया है। प्रदेश की 3011 पीएचसी और 855 सीएचसी पर सुविधाएं दुरुस्त रखने, 73000 निगरानी समितियों को सक्रिय रहने और जांच का दायरा निरंतर बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। अभी हो रही डेढ़ लाख कोविड जांच को बढ़ाकर ढाई लाख करने और पॉजिटिव केस में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल रखने के भी निर्देश हैं।

यूपी में डेल्टा वेरिएंट बरकरार
प्रदेश में कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट बरकरार है। यह खुलासा जीनोम सिक्वेंसिंग में हुआ है। शत-प्रतिशत मामलों में डेल्टा का ही असर मिल रहा है। हालांकि नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का अब तक एक भी केस नहीं मिला है। पिछले दो दिन में 22 सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की गई है। इसमें एक सैंपल खराब हो गया जबकि 21 में डेल्टा वेरिएंट मिला है। यह दूसरी लहर के दौरान कहर मचा चुका है। डेल्टा वेरिएंट की संक्रमण दर और मारक क्षमता अधिक है। यह शरीर के विभिन्न हिस्से को प्रभावित करता है। शत-प्रतिशत केस डेल्टा के मिलने से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। केजीएमयू के संक्रामक रोग नियंत्रण यूनिट के प्रभारी डॉ. डी हिमांशु ने बताया कि अभी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ धुलने की प्रवृत्ति बनाए रखनी होगी। दूसरी लहर में ज्यादातर केस डेल्टा के थे। यह वैरिएंट इम्यून सिस्टम को भी चकमा दे सकता है।

Related Articles

Back to top button