जीएसटी राहत पर सियासी घमासान
मप्र से बंगाल तक बवाल: टीएमसी, कांग्रेस व आप ने भाजपा को घेरा

- जीएसटी से मुक्त करने का श्रेय केंद्र को नहीं देंगे : ममता बनर्जी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। जीएसटी राहत केनाम पर सियासी घमासान मचा हुआ है। पश्चिम बंगाल, यूपी से लेकर मध्यप्रदेश तक बवाल जारी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीएसटी दरों में मिली राहत को राज्यों के खजाने पर बोझ बताते हुए केंद्र सरकार पर एक पैसा भी खर्च न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इससे राज्यों को 20,000 करोड़ का राजस्व नुकसान होगा और यह सब राज्य सरकारों के जीएसटी हिस्से से काटा जाएगा, जबकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने जनविरोधी दरों को बदलने का श्रेय लिया।
आज से संशोधित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों के लागू होने के बाद, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनडीए सरकार की आलोचना की और कहा कि सारी राहत राज्य सरकारों के खजाने से आएगी, और केंद्र ने एक पैसा भी खर्च नहीं किया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 25 पल्ली क्लब दुर्गा पूजा पंडाल के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार को कोई श्रेय नहीं दिया जा सकता। मैंने सबसे पहले पत्र लिखकर बीमा को जीएसटी से मुक्त करने की मांग की थी। कई जीवन रक्षक दवाओं और छोटी वस्तुओं पर जीएसटी था। केंद्र सरकार ने इस राहत पर एक पैसा भी खर्च नहीं किया है; यह सब राज्य सरकारों के खजाने से आया है। वे श्रेय लेते हैं, लेकिन हमने इसकी कीमत चुकाई है।
भाजपा ने हमारा विचार मान गब्बर सिंह टैक्स को सुधारा: अधीर
जीएसटी सुधार को लेकर कांग्रेस कई सवाल खड़े सरकार से कर रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह जीएसटी की भावना कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार की थी। हमारा उद्देश्य पूरे देश में त्रस्ञ्ज लागू करना था और इसे कई स्लैब में नहीं, बल्कि 1-2 स्लैब में लागू करना था ताकि आम नागरिकों को रोजग़ार पाने में ज़्यादा दिक्कत न हो। हमारी भावना को उधार लेते हुए, भाजपा ने बहुत ढिंढोरा पीटकर जीएसटी लागू किया। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिस जीएसटी का उद्देश्य करों को सरल बनाना था, उसे इस एनडीए सरकार ने गब्बर सिंह टैक्स में बदल दिया। स्लैब कम करने की जो मांग सदन के अंदर और बाहर बार-बार की गई थी, वह अब पूरी हो गई है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का विरोध किया।
आयकर रिफंड की तरह मिले जीएसटी रिफंड : पटवारी
मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने केंद्र सरकार से जीएसटी रिफंड की मांग की है। उनका कहना है कि जिन उपभोक्ताओं ने 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी का भुगतान किया है, उन्हें अतिरिक्त राशि वापस मिलनी चाहिए। पटवारी ने कहा कि सरकार को आयकर रिफंड की तरह जीएसटी रिफंड की नीति लागू करनी चाहिए। पटवारी ने कहा कि जीएसटी की वजह से गरीबों पर आर्थिक बोझ बढ़ा है, और सरकार को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। जीतू पटवारी ने कहा कि मोदी सरकार ने जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बनाकर आम जनता की जेब पर डाका डाला है। पिछले वर्षों में जीएसटी के माध्यम से सरकार ने लगभग 55 लाख करोड़ रुपए एकत्र किए, जिसका बोझ गरीब और मध्यम वर्ग पर पड़ा, जबकि बड़े उद्योगपतियों जैसे अडानी और अंबानी को इसका लाभ मिला। जीतू पटवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि वह जीएसटी के माध्यम से पिछले कई वर्षों से गरीबों पर डाले गए आर्थिक बोझ के लिए देश से माफी मांगें। उन्होंने कहा कि मोदी जी को अब राहुल गांधी जी के विजन की सच्चाई समझ आ गई है, लेकिन उनकी नीतियों ने एक बड़े वर्ग को गरीबी में धकेल दिया है। इसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।
जीएसटी जनता से लूट : संजय सिंह
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने 2017 में लागू किए गए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की आलोचना करते हुए कहा कि इसे ऐसे पेश किया गया जैसे देश को दूसरी आजादी मिल रही हो। मध्यरात्रि में उत्सव मनाया गया, लता मंगेशकर के गीत बजाए गए और जनता से कहा गया कि जीएसटी के आने से खुशियां मनाएं। लेकिन, संजय सिंह ने कहा कि इस जश्न के पीछे करोड़ों मध्यमवर्गीय परिवारों की कमर तोड़ दी गई, क्योंकि उन पर भारी जीएसटी थोप दिया गया। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि जीएसटी के नाम पर जनता की जेब से लाखों-करोड़ों रुपये लूटे गए। उन्होंने कहा कि जीएसटी नियमों में सैकड़ों बार बदलाव करके व्यापारियों और आम जनता को परेशान किया गया। पेट्रोल-डीजल पर भारी टैक्स लगाकर सरकार ने अपना खजाना भरा। अब आठ साल बाद प्रधानमंत्री जीएसटी कम करने की बात करके क्रांतिकारी परिवर्तन का सपना दिखा रहे हैं। संजय सिंह ने सवाल उठाया कि अगर सुधार ही करना था, तो पहले जीएसटी थोपकर जनता को क्यों लूटा गया? आठ साल तक टैक्स की जबरन वसूली क्यों की गई?



