दिल्ली में बिजली की दरें बढ़ने पर सियासी उबाल

  • भाजपा ने आप सरकार को घेरा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राजधानी में बिजली दरों में हुई बढ़ोतरी के बाद सियासत गरमा गई है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि समय रहते अतिरिक्त बिजली खरीदने का इंतजाम नहीं किया गया। प्रबंधन के लिए एक्शन प्लान तक नहीं बनाया। गर्मी अपने पीक पर पहुंची तो पॉवर कट होने लगे।
सचदेवा ने आरोप लगाया कि सरकार एवं डिस्कॉम ने साठगांठ कर 8.75 फीसदी बिजली दर बढ़ा कर पीपीएसी 43.79 फीसदी तक बढ़ा दिया। बिजली मंत्री आतिशी बताएं कि क्या पावर डिस्कॉम को बिना डीईआरसी की पूर्व स्वीकृति के पीपीएससी बढ़ाने का अधिकार है।

बिजली कंपनियों का नहीं किया ऑडिट : लवली

भाजपा के वरिष्ठ नेता अरविंदर सिंह लवली ने मीडिया से बातचीत में कहा कि केवल गर्मी में ज्यादा कंज्यूम करने से बिजली बिल नहीं बढ़े बल्कि बिजली बिल बढऩे का मुख्य कारण है पीपीएसी। केजरीवाल सरकार के वादों के बाद भी पिछले 10 साल के बाद भी बिजली कंपनियों का ऑडिट नहीं किया गया है। डीईआरसी के सदस्य को अभी तक नियुक्त नहीं किया गया। लवली ने अपने घर की बिजली बिल दिखाते हुए कहा की 4000 रुपये से अधिक का पीपीएसी लगा है।पेंशन ट्रस्ट सरचार्ज जो पहले 1.5 फीसदी था अब बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया गया है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने इस मौके पर कहा कि पहले पानी अब बिजली के बहाने दिल्ली की जनता के साथ लूट का खेल चल रहा है।

जनता को गुमराह कर रही भाजपा : आतिशी

दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने बिजली की बढ़ी दरों पर भाजपा की सियासत की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में बिजली की कीमतें सबसे ज्यादा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सबसे कम कीमतों पर बिजली देती है। आतिशी ने दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि वर्तमान पीपीएसी में कोई बदलाव नहीं होगा। 2003 के विद्युत अधिनियम के अनुसार, डिस्कॉम बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए गर्मियों में पीपीएसी को 10 फीसदी तक बढ़ा सकता हैं, ये प्रावधान संसद में 2003 से अधिनियम पारित होने के बाद से लागू है।

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