नीतीश के ‘जो पिएगा, वो मरेगा ही ’ बयान पर पटना से दिल्ली तक सियासत गर्म
शराब कांड में अब तक 40 लोगों की जा चुकी है जान, विपक्ष हमलावर
भाजपा ने मांगा सीएम का इस्तीफा, कहा- शराबबंदी में नाकाम रही सरकार
नीतीश ने विपक्ष को दी नसीहत, आप भी शराब के खिलाफ चलाइए अभियान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बिहार के शराब कांड की गूंज पटना ेसे दिल्ली तक सुनाई दे रही है। विधानसभा से लेकर संसद तक विपक्ष सरकार पर हमलावर है। शराबबंदी को लेकर विपक्ष सरकार से सवाल कर रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी हमलों पर पलटवार करते हुए कहा है कि जो पीएगा वो मरेगा। बिहार में शराब के सेवन पर रोक है। लोगों को समझाने की जरूरत है। उन्होंने विपक्ष से सवाल किया कि क्या बीजेपी के राज्यों में शराब नहीं बिक रही है? जहरीली शराब से गुजरात में लोगों की जान नहीं गई है? उन्होंने विपक्ष से लोगों को शराब पीने से रोकने के लिए चल रहे अभियान में सहभागिता निभाने को कहा है।
गौरतलब है कि जहरीली शराब से मौतों को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तो बुधवार को भी विधानसभा में शीत सत्र के दौरान जमकर कहासुनी हुई थी, लेकिन गुरुवार को यह और रोचक हो गया। मुख्यमंत्री ने सीधे कह दिया कि जो पिएगा, वो मरेगा। वहीं, सत्तारूढ़ राष्टï्रीय जनता दल के विधायक और राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे और बगावती तेवर के कारण मंत्रीपद गंवाने वाले सुधाकर सिंह ने इन मौतों पर सवाल किया। गुरुवार को राजद के भाई वीरेंद्र जहां जहरीली शराब से मौतों के लिए भाजपा पर जिम्मेदार ठहराया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जहरीली शराब से मौतों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो गड़बड़ कर रहा, उसे पकडि़ए। उसे अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करिए। हम तो बापू और बिहार की महिलाओं की इच्छा से शराबबंदी लागू किए हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष में बैठे जो लोग बिहार में इन मौतों पर पूछ रहे, उनसे पूछिए कि जहां-जहां आपका शासन है, वहां कितने लोग जहरीली शराब से मर रहे हैं। बिहार में सबकी सहमति से शराबबंदी लागू हुआ है। आप भी शराब के खिलाफ अभियान चलाइए और जनता को इससे दूरी बनाने के लिए जागरुक कीजिए।
आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह ने फिर दिखाए बगावती तेवर
जहां सदन में विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी पर सरकार के पक्ष में सदन चलाने और विपक्षी प्रतिनिधियों की बातें दरकिनार करने का आरोप लगा वहीं, सत्तापक्ष के ही विधायक सुधाकर सिंह ने अपनी ही सरकार की बोलती बंद कर दी। आरजेडी विधायक ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को सब पता है और सत्ता के संरक्षण में ही नरसंहार हुआ है। बता दें, कि पूर्व में भी सुधाकर सिंह अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती तेवर अपनाते रहे हैं। जिसकी वजह से उन्हें मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा।
विपक्ष के बोल, अब तक 40…आगे कितनी और
बिहार में मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने सरकार पर करारा प्रहार किया है। भाजपा विधायकों ने सदन में हंगामा करते हुए सरकार पर सवाल किया है कि अब तक जहरीली शराब से 40 लोगों की जान जा चुकी है… आगे कितने और लोगों की जान सरकार लेगी। विपक्ष का आरोप है कि शराबबंदी के बावजूद शराब की तस्करी बिहार में हो रही है। सरकार की नाकामी की वजह से लोग अपनी गवां रहे हैं। मुख्यमंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।
मुख्तार और भीम सिंह को दस-दस साल की सजा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। पूर्व विधायक बाहुबली मुख्तार अंसारी और उनके साथी भाम सिंह गैंगस्टर मामले में दोषी पाए गए। इसके साथ ही गाजीपुर के एमपी, एमएलए कोर्ट ने दोनों को दस-दस साल की सजा सुनाई है। साथ ही मुख्तार अंसारी पर पांच लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
अपर सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट दुर्गेश की अदालत में 21 वर्ष पुराने बहुचर्चित मुहम्मदाबाद कोतवाली के उसरी चट्टी हत्याकांड में अभियोजन की तरफ से मंगलवार को गवाह इजराइल अंसारी का बयान दर्ज हुआ। आरोपियों के अधिवक्ता द्वारा जिरह भी अंकित किया गया। 20 दिसंबर को अगली तिथि नियत की गई है। साथ ही मुख्तार अंसारी का बयान कराने के लिए न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया कि वादी मुकदमा मुख्तार अंसारी को व्यक्तिगत रूप से 20 दिसंबर को न्यायालय में उपस्थित करें। आदेश की एक प्रति जिला कारागार बांदा को भेजने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि नियत तिथि पर किसी प्रकार का स्थगन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
विगत 15 जुलाई 2001 को मुख्तार अंसारी अपने निर्वाचन क्षेत्र मऊ जा रहे थे। दोपहर साढ़े बारह बजे के करीब उसरी चट्टी पर उनके काफिले पर पहले से तैयार हमलावरों ने स्वचलित हथियारों से फायरिंग की। इसमें मुख्तार अंसारी के सरकारी गनर रामचंदर उर्फ प्रदीप की मौके पर मौत हो गई थी। वहीं रुस्तम उर्फ बाबू घायल हुआ था। इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई थी।
मुख्तार अंसारी के साथ चलने वाले हमराहियों को भी चोट आई थीं। इस मामले में मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह को नामजद करते अन्य 15 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था।