इनकम पर छूट : राहत वाला लोकलुभावन बजट

3 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं

  • विपक्ष ने बताया चुनावी बजट, भाजपा ने कहा आम लोगों को मिलेगा फायदा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने नौकरी पेशा लोगों को कर में छूट देकर मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दी है। इसके अलावा इस बार बजट में किसानों, महिलाओं ,ग्रामीणों व सभी को कुछ ने कुछ दिया गया। सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों ने इसे आमजन का बजट बताया है जबकि विपक्ष इसे चुनावी बजट बता रहा है। कुल मिलाकर लोकलुभावन बजट देने की कोशिश की गई है।
नौकरी-पेशा लोगों को इस बार के बजट में लंबे समय बाद खुशखबरी मिली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नई टैक्स रिजीम में टैक्स छूट की 5 लाख की सालान आय की सीमा बढ़ाकर 7 लाख कर दी गई है। अब साल में 7 लाख रुपये तक की कमाई करने वालों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा। वहीं, नई टैक्स व्यवस्था में स्लैब्स भी घटा दिए गए हैं। बजट घोषणा के मुताबिक, नई टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपये तक टैक्स छूट, 3 से 6 लाख रुपये तक 5 प्रतिशत, 6 से 9 लाख रुपये तक 10 प्रतिशत और 9 से 12 लाख रुपये तक 15 प्रतिशत का टैक्स देना होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि अब नई टैक्स रिजीम अपनाने वालों को 15 लाख रुपये की एनुअल इनकम पर 45 हजार रुपये टैक्स देने होंगे।

क्या हुआ महंगा

  • सोना
  • चांदी
  • बर्तन
  • सिगरेट
  • विदेशी किचन चिमनी
  • शराब
  • छाता
  • प्लेटिनम
  • एक्स-रे मशीन
  • विदेशी खिलौने

क्या हुआ सस्ता

  • मोबाइल
  • खिलौना
  • आटोमोबाइल
  • एलइडी टीवी
  • इलेक्ट्रिक गाडिय़ां
  • साइकिल

इनकम टैक्स

  • 0 -3 लाख     00%
  • 3-6 लाख      05%
  • 6-9 लाख      10%
  • 9-12 लाख    15%
  • 12-15 लाख  20%
  • 15 से ऊपर    30%
सप्तऋ षि की तरह सात प्राथमिकताएं

वित्तमंत्री ने कहा बजट में सप्तऋ षि की तरह सात प्राथमिकताएं हैं। पहली है- समग्र विकास। यह विकास किसान, महिलाएं, ओबीसी, एससी-एसटी, दिव्यांगजन, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को तक पहुंचना चाहिए। वंचितों को वरीयता मिलनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पूर्वोत्तर का भी ध्यान रखा गया है। इसी प्राथमिकता के तहत कृषि के लिए डिजिटल लोक अधोसंरचना का निर्माण होगा। इससे किसानों को खेती की योजना बनाने, बीमा, कर्ज, मार्केट इंटेलिजेंस, स्टार्टअप और कृषि आधारित उद्योगों तक पहुंचने में मदद मिलेगी। उत्पादन क्षमता और लाभ कमाने की क्षमता भी बढ़ेगी। किसान, सरकार और उद्योगों के बीच समन्वय बढ़ेगा। इसके लिए एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड बनाया जाएगा ताकि कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा सके। इससे आधुनिक तकनीक को भी बढ़ाया मिल सकेगा।

पैन कार्ड से होगी केवाईसी, आधार कार्ड की नहीं पड़ेगी जरूरत

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बड़ा एलान किया है। अब केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आधार कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब पैन कार्ड का इस्तेमाल सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणाली में सामान्य पहचान के तौर पर किया जाएगा। सरकार के इस फैसले से केवाईसी की प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी। सरकार के इस फैसले के तहत एकीकृत फाइलिंग सिस्टम के लिए अनुमित केवाईसी मानदंड आसान हो जाएगा। अब तक कई जगहों पर केवाईसी कराने के लिए आधार और पैन की जरूरत होती थी। वहीं इस फैसले के बाद पैन कार्ड के जरिए ही केवाईसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

डिफेंस सेक्टर के बजट में बढ़ोत्तरी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में वर्ष 2023-24 के लिए डिफेंस सेक्टर को कुल 5.94 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो कुल बजट का आठ फीसद है। सरकार ने इस बार रक्षा बजट में बढ़ोतरी कर दी है। इस बार कुल मिलाकर, रक्षा बजट बढक़र ५.९४ लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। अगर पिछले साल से इसकी तुलना करें तो यह 16 प्रतिशत तक ज्यादा है। इसमें पेंशन भी शामिल है। डिफेंस सेक्टर में पिछले साल सरकार ने जो आवंटन पेश किया था वह करीब 5.25 लाख करोड़ रुपये का था। डिफेंस सेक्टर पर सरकार का हमेशा से ही फोकस ज्यादा रहा है। पिछले साल के आम बजट में डिफेंस के लिए 5.2 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। इसमें से सबसे ज्यादा 1.9 लाख करोड़ रुपये आर्मी के लिए आवंटित किए गए थे, लेकिन इसका 83 फीसदी हिस्सा सैलरी और रोजाना के खर्चों में चला जाता है। केवल 17 फीसदी हिस्सा ही सेना के आधुनिकीकरण के लिए बच जाता है। विश्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि साल 2000 से लेकर अब तक भारत का डिफेंस एक्सपेंडीचर हमारी जीडीपी के 2.5 से 3.1 फीसदी के बीच बना रहा था। साल 2001 में भारत का कुल रक्षा बजट 14.6 अरब डॉलर था। यह साल 2011 तक 339 फीसदी यानी करीब साढ़े तीन गुना बढक़र 49.63 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

भाजपाई बजट, महंगाई व बेरोजगारी को और बढ़ाता है : अखिलेश

अखिलेश यादव ने बजट को लेकर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी। भाजपाई बजट, महंगाई व बेरोजग़ारी को और बढ़ाता है। किसान, मज़दूर, युवा, महिला, नौकरी पेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुँचाने के लिए बनता है।

देश का नहीं पार्टी का बजट : मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट में आमजन के लिए कुछ नहीं है। सरकार ने देश का नही अपनी पार्टी का बजट बनाया है। सरकार की संकीर्ण नीतियों व गलत सोच का सर्वाधिक दुष्प्रभाव उन करोड़ों गरीबों किसानों व अन्य मेहनतकश लोगों के जीवन पर पड़ता है जो ग्रामीण भारत से जुड़े हैं और असली भारत कहलाते हैं। भारत लगभग 130 करोड़ गरीबों, मजदूरों, वंचितों, किसानों आदि का विशाल देश है जो अपने अमृतकाल को तरस रहे हैं।

किसान व नौजवान किसी को कुछ नहीं : संजय सिंह

आप नेता संजय ङ्क्षसह ने कहा है कि न किसान न जवान न नौजवान। बजट में किसी के लिये नही कोई प्रावधान। अमृत काल में अमृत के लिये तरस रहा है आम इंसान पूँजीपतियों की लूट हुई आसान।

पुरानी बातों को नए रुप में परोस रही सरकार : अधीर

कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सरकार के बजट में किसानों व एमएसपी की बात नहीं है। सरकार केवल पुरानी बातों को नए रुप में परोस रही है।

बिहार को बजट से उम्मीद नहीं : तेजस्वी

केंद्रीय बजट पर बिहार के उपमुख्यमंत्री ने तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार को बजट से उम्मीद नहीं है। बीजेपी ने बिहार को ठगने का काम किया है। कई वादे कर उसे पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि पहले के बजट और अब के बजट में बहुत अंतर हो गया है। पहले रेल बजट अलग होता था, लोग बहुत ही इच्छा से इसे देखते थे और आम बजट भी अलग होता था।

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