32 नगरीय निकायों के अध्यक्षों पर कार्रवाई की तैयारी, योगी सरकार ने तैयार की लिस्ट

लखनऊ। प्रदेश सरकार नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों में चल रही धांधली व इसको बढ़ावा देने वाले अध्यक्षों कड़ा रुख अपनाने जा रही है। सरकार ऐसे अध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है जो लोकायुक्त, सतर्कता या ईओडब्ल्यू जैसी जांचों में आरोपित पाए गए हैं। वर्ष 2017 में 653 नगरीय निकायों में चुनाव हुए थे। इसमें 16 मेयर, 199 पालिका परिषद अध्यक्ष एवं 429 नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हुआ था। इस साल के अंत में नगरीय निकाय चुनाव फिर होने हैं। नगर विकास विभाग के पास 32 से अधिक नगरीय निकायों के अध्यक्षों के खिलाफ गंभीर शिकायतें प्राप्त हुईं हैं। अधिकतर मामलों में सरकारी पैसों की बंदरबांट की गई है। कुछ ने अपने परिवारवालों को ठेका और नौकरी देने जैसी शिकायतें भी की हैं। कुछ मामले सतर्कता, ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त के यहां से भी आए हैं। इनमें दोषी अध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुतियां भी की जा चुकी हैं। पिछले दिनों शासन में उच्चस्तर पर हुई बैठक में निकाय अध्यक्षों की कार्यप्रणाली को लेकर हुई शिकायतों पर कार्रवाई की प्रगति की समीक्षा हो चुकी है। हालांकि ज्यादातर मामलों में अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है। सरकार ने अब ऐसे नगरीय निकाय अध्यक्षों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं जिनके खिलाफ शिकायतें हैं और वे जांच में भी दोषी पाए गए हैं। सरकार ने यह भी कहा है कि बगैर ठोस आधार के किसी पर भी कार्रवाई न की जाए, ताकि हाई कोर्ट में मामला जाने पर सरकार का पक्ष कमजोर न पड़े। बता दें कि सीएम योगी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बेहद संवेदनशील हैं। इसलिए जिस भी अध्यक्ष के खिलाफ बड़ी जांच चल रही है, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।

अब एमएसएमई इकाइयों को मिलेगा प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव

  •  केंद्र सरकार की योजना को यूपी में भी लागू करने की तैयारी

लखनऊ। घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने में केंद्र सरकार के सफल प्रयासों को देखते हुए योगी सरकार यहां भी प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव (पीएलआई) देने का मन बना चुकी है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को वित्तीय प्रोत्साहन देने के साथ बड़े निवेश को आकर्षित कर अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने के लिए सरकार पीएलआई योजना को यहां लागू करेगी। नई बनाई जा रही एमएसएमई नीति में इसे शामिल करने के लिए प्रारूप लगभग तैयार कर लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डालर बनाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए उद्योगों को हर संभव प्रोत्साहन देने का प्रयास है किया जा रहा है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ एमएसएमई क्षेत्र को माना जाता है, क्योंकि देश में सर्वाधिक 90 लाख से अधिक इकाइयां यहीं हैं। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना 2018 में शुरू कर योगी सरकार ने छोटे उद्योगों को पूंजी और कौशल विकास का सहारा दिया तो एमएसएमई के निर्यात में भी उछाल आया और यह 88 हजार करोड़ से बढ़कर एक लाख 56 हजार करोड़ तक पहुंच गया।

अब इसे तीन लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसे देखते हुए ही मुख्यमंत्री ने नई एमएसएमई नीति तैयार करने का निर्देश दिया। नई सरकार के गठन के बाद से विभाग इस पर काम कर रहा है। देश के विभिन्न राज्यों की अच्छी योजनाओं का अध्ययन कर यूपी की नई एमएसएमई नीति में शामिल करने का प्रयास है। इन्हीं में एक प्रमुख योजना पीएलआइ की है। एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. नवनीत सहगल ने बताया कि नई नीति में ऐसे कई प्रविधान किए जा रहे हैं, जो उद्योगों के हित में हों। केंद्र की तर्ज पर यहां भी एमएसएमई इकाइयों को प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव देने का विचार है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद इसे प्रस्तावित नीति में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना से छोटे उद्योगों को उत्पादन पर निर्धारित अवधि तक वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा। इससे यूपी में बड़े निवेशक भी आकर्षित होंगे।

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