राकेश टिकैत का केंद्र सरकार को अल्टीमेटम- किसानों की मांगें मानी जाएंगी तभी खाली होगा बार्डर
- किसान संगठन ने सरकार के सामने रखी हैं छह नयी मांगें
- किसान नेता टिकैत ने 26 जनवरी तक का दिया वक्त
4पीएम न्यूज नेटवर्क. गाजियाबाद। दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बार्डर पर किसानों के धरने की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को एक बार फिर चेतावनी दी है। राकेश टिकैत ने कहा कि अगर अगले साल 26 जनवरी से पहले तक किसानों की सभी बची छह मांगें मान ली जाएंगीं तो वे दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (सिंघु, शाहजहांपुर, टीकरी और गाजीपुर) से चले जाएंगे।
भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ने घोषणा की है तो वे प्रस्ताव ला सकते हैं लेकिन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और 700 किसानों की मृत्यु भी हमारा मुद्दा है। सरकार को इस पर भी बात करनी चाहिए।
गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने छह नयी मांग-किसान संगठनों से वार्ता, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने, प्रदर्शनकारी किसानों और उनके नेताओं पर दर्ज मुकदमे वापस करने, लखीपुरखीरी कांड के पीड़ितों को न्याय दिलाने और दोषियों पर कार्रवाई, रखी है। इसके अलावा बिजली बिल, पराली जलाने से जुड़ी मांग भी है।
कृषि कानूनों की वापसी की प्रक्रिया शुरू, कैबिनेट ने दी मंजूरी
नई दिल्ली। तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की पहली प्रक्रिया आज पूरी हो गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इन कानूनों की वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक में कृषि कानूनों की वापसी का प्रस्ताव रखा गया था। अब इसे मंजूरी मिलने के बाद संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा और दोनों सदनों से मंजूरी ली जाएगी।
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होने जा रहा है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को देश के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की बड़ी घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि संसद के इसी सत्र में कानूनों की वापसी की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।