पीएफआई पर शिकंजा, यूपी समेत आठ राज्यों में एनआईए की छापेमारी
टेरर फंडिंग मामले में जांच एजेंसी ने फिर की कार्रवाई, 200 कार्यकर्ता हिरासत में
- यूपी के कई शहरों में कार्रवाई, दस्तावेज जब्त
- दिल्ली के शाहीन बाग में धारा 144 लागू, लखनऊ के कई इलाकों में छापे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। टेरर फंडिंग मामले में राष्टï्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पीएफआई पर अपना शिकंजा और कस दिया है। जांच टीमों ने आज फिर यूपी समेत देश के आठ राज्यों में स्थित पीएफआई के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है जबकि पचास पीएफआई के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली के शाहीन बाग में धारा 144 लगा दी गयी है। यूपी, दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्टï्र, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात और असम में कार्रवाई की गई।
एनआईए की टीम ने यूपी के लखनऊ समेत कई जिलों में छापेमारी की है। बुलंदशहर, मेरठ, सीतापुर, शामली, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद में स्थित पीएफआई के ठिकानों पर कार्रवाई की गई और कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है। कर्नाटक में बड़ी संख्या में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। यहां 75 से ज्यादा सदस्यों को हिरासत में लिया गया है। इसमें एसडीपीआई का जिला प्रमुख भी शामिल है। गुजरात में दस और महाराष्ट्र व असम में 50 से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार भी किया गया है। महाराष्ट्र में जिला अध्यक्ष, सचिव, खजांची को भी गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली में निजामुद्दीन, शाहीन बाग इलाके में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी हुई। कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। शाहीन बाग में धारा 144 लगाई गई है। बिहार में 15 सदस्यों को हिरासत में लिया है। वहीं एनआईए और एटीएस ने मध्य प्रदेश के इंदौर, उज्जैन, शाजापुर समेत सात जगहों पर छापेमारी की है। पीएफआई के सचिव यूसुफ और जिला कमेटी सदस्य सईद टेलर के यहां कार्रवाई की गई। इससे पहले एनआईए ने ईडी व अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर 22 सितंबर को पीएफआई के 93 ठिकानों पर रेड की थी। पीएफआई पर देश में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने, युवाओं को आतंकी प्रशिक्षण देने, दंगे भडक़ाने आदि का आरोप है।
ध्वस्त किया जा रहा नेटवर्क, करेंगे कड़ी कार्रवाई: बृजेश पाठक
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा, पीएफआई के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। लोग सर्विलांस पर हैं। किसी भी स्थिति में हम प्रदेश में गैर कानूनी गतिविधियों को अनुमति नहीं देंगे। कड़ी कार्रवाई करेंगे।
खाड़ी देशों से मिल रहा था चंदा
ईडी ने खुलासा किया है कि पीएफआई के हजारों सदस्य खाड़ी देशों में एक्टिव हैं जो संगठन के लिए धन जुटाने का काम करते हैं। इन पैसों को अबू धाबी के एक रेस्तरां से मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए भारत भेजा जाता था। मनी लॉड्रिंग के जरिए पिछले साल 120 करोड़ जुटाए गए थे। जांच में यह पता चला कि संगठन ने फर्जी दान रसीद बनाकर भारत में भी मनी लॉड्रिंग से धन जुटाया।
क्या है सीक्रेट दस्तावेज में
बरामद सीक्रेट दस्तावेज से पता चला है कि ये हिन्दुस्तान की सत्ता हासिल करना चाहते हैं। इसमें लिखा है कि 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा तब तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है। इस दस्तावेज में ये भी लिखा है कि 10 फीसदी मुस्लिम भी साथ दें, तो कायरों को घुटनों पर ला देंगे। इसके लिए इनके पास 4 लेयर का पूरा प्लान है। बिहार पुलिस ने 11 जुलाई को बिहार शरीफ में अतहर परवेज को गिरफ्तार किया तो पता चला कि वह पहले प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का सदस्य रहा है। उसने वहीं किराए के मकान में कई राज्यों से आए लोगों को ट्रेनिंग भी दी है।
शिंदे-उद्धव के शिवसेना के अधिकार पर बोला सुप्रीम कोर्ट, हम जल्द निपटाना चाहते हैं विवाद
- आज से कोर्ट की सुनवाई का सीधा प्रसारण हुआ शुरू
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठों में होने वाली सुनवाई की आज से लाइव स्ट्रीमिंग शुरू हुई। अब सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जाकर सुनवाई का सीधा प्रसारण देखा जा सकता है। आज तीनों संविधान पीठों की सुनवाई का सीधा प्रसारण हुआ। इसकी शुरुआत आज उद्धव वर्सेस एकनाथ शिंदे केस से हुई।
उद्धव गुट की ओर से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील रखी। उन्होंने कहा कि जब अयोग्यता का मामला पेंडिंग में है तो चुनाव आयोग सिंबल पर फैसला कैसे कर सकता है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, मैं चाहता हूं कि इस विवाद का जल्द निपटारा हो। हम यह देखना चाहते हैं कि स्पीकर के अधिकार क्षेत्र और चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र में क्या कोई कंट्रडिक्शन है। इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि चुनाव आयोग में जिस व्यक्ति ने केस दाखिल किया है, वह शिवसेना का सदस्य ही नहीं है। गौरतलब है कि शिवसेना के सिबंल को लेकर शिंदे और उद्धव गुट ने अपना-अपना दावा किया है।
राजस्थान संकट पर मंथन, गहलोत गुट के खिलाफ एक्शन ले सकता कांग्रेस हाईकमान
- सोनिया से मिलने पहुंचे मिस्त्री, रिपोर्ट पेश करेंगे खडग़े और माकन
- अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए कई नाम और आ सकते हैं सामने
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले सीएम की कुर्सी को लेकर राजस्थान में मचे घमासान पर पार्टी आलाकमान गंभीर हंै। इस मामले में आज दिल्ली में मंथन किया जा रहा है। माना जा रहा है कि आब्जर्वर अजय माकन और मल्लिकार्जुन खडग़े की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी गहलोत गुट के खिलाफ कड़ा एक्शन ले सकती हैं।
जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बहिष्कार और उसके बाद हुए घटनाक्रम को अनुशासनहीनता माना गया है। इस पर चर्चा के लिए आज सोनिया गांधी के आवास पर अंबिका सोनी, गिरिजा व्यास, राजीव शुक्ला जैसे नेता पहुंचे हैं। रिपोर्ट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके गुट के विधायकों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। वहीं मधुसूदन मिस्त्री ने सोनिया से मुलाकात की। अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए कुछ और नाम सामने आ सकते हैं।
हाईकमान के फैसले का इंतजार कर रहे पायलट
समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सचिन पायलट ने कांग्रेस हाईकमान को बता दिया है कि अगर गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें सीएम पद पर नहीं रहना चाहिए। इतना ही नहीं यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे विधायकों को साथ लाएं। सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के अलावा अन्य विधायकों के भी लगातार संपर्क में हैं। हालांकि, उन्होंने अभी समर्थकों से हाईकमान के फैसले का इंतजार करने के लिए कहा है।