कांग्रेस की मजबूती देख घबराई भाजपा, दूसरे चरण में होगा बड़ा खेल!
लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे सभी राजनीतिक दलों ने अपना खूब जोर आजमा लिया है। दूसरे चरण के लिए भले ही तैयारियां हो चुकी हों लेकिन जनता का रुख इस बार कुछ और ही है। भले ही प्रदेश में इन दिनों भाजपा की सरकार हो लेकिन कांग्रेस पार्टी भी लगातार एक्टिव मोड में नजर आ रही है। ऐसे में इस बार के चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी बड़ा दावा किया है।
4PM न्यूज़ नेटवर्क: पहले चरण के मतदान के बाद दूसरे चरण के मतदान के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। चुनावी तैयारियों के बीच नेताओं ने जमकर प्रचार-प्रसार किया न सिर्फ लोगों के बीच पहुंचे बल्कि वोटरों को साधने के लिए कई सारी योजनाओं को भी गिनवाया। नेता लगातार लोगों के बीच पहुंच रहे हैं। वहीं बात करें भाजपा की तो भले ही इन दिनों भाजपा की सरकार हो लेकिन परेश के हालात काफी खराब होते जा रहे हैं। कांग्रेस द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं को भाजपा ने रोक दिया है जिससे जनता में भारी आक्रोश है। अब जनता का बढ़ता आक्रोश तब और दिखा जब पहले चरण का चुनाव हुआ और वोटिंग प्रतिशत भी काफी गिरा जिसने भाजपा की टेंशन बढ़ा दी और भाजपा सरकार पर भी उँगलियाँ उठाने लगे हैं। इन उठती उंगलियों से एक बात तो साफ़ हो गई है कि प्रदेश में इन दिनों भाजपा की प्रोग्रेस अच्छी नहीं है। सरकार भले ही भाजपा की हो लेकिन पलड़ा कांग्रेस का भारी होता दिखाई दे रहा है।
अब भले ही प्रदेश के हालात पहले से बेहतर न हों लेकिन जनता में एक उम्मीद है। बता दें कि ये उम्मीद है बदलाव की। लोकसभा चुनाव में जनता बदलाव चाहती है। राजस्थान की जनता लोकसभा चुनाव को लेकर काफी उम्मीदें लागए हुए बैठी है। हम अगर कांग्रेस नेताओं की मानें तो लोकसभा चुनाव में भारी बदलाव देखने को मिलने वाला है। ऐसा माना जा रहा है कि मौजूदा सरकार से जनता खुश नहीं है और अपना विरोध जनता वोट के रूप में दे रही है। अब 25 सीटों के चुनाव में किस दल को कितने सीटें मिलेंगी ये तो खैर आने वाला समय ही तय करेगा। लेकिन अभी हम दूसरी चारण की बात करें तो सभी दलों ने पूरी तैयारी कर रखी है। बता दें कि उदयपुर सहति प्रदेश 13 सीटों पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा. इससे पहले कल शाम को प्रचार पर ब्रेक लग गया और सियासी दलों ने मतदाताओं को रिझाने के लिए डोर टू डोर प्रचार कर रहे हैं. खास बात यह है कि यहां सियासी दलों का फोकस महिला मतदाताओं पर है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाता के बराबर है, यह किसी भी दल की हार जीत में निर्णायक भूमिक अदा कर सकते हैं. युवा मतदाताओं की संख्या अच्छी तादात में है. इसके अलावा फोकस उन विधानसभा क्षेत्रों पर भी है जहां वोटर्स ज्यादा है।
उदयपुर संसदीय क्षेत्र के लिए डूंगरपुर जिले के आसपुर और प्रतापगढ़ जिले के धारियावाद विधानसभा क्षेत्र के मतदाता देश की सबसे बड़ी पंचायत के लिए अपना प्रतिनिधि चुनेंगे. जिला निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक, प्राप्त आवेदनों की जांच के बाद पात्र मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में शामिल करते हुए पूरक प्रकाशन किया गया. ये सभी मतदाता आगामी लोकसभा चुनाव में मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे। उदयपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच में सीधी टक्कर है. यहां भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी परिवहन विभाग के पूर्व एडिशनल कमिश्नर मन्नालाल रावत और कांग्रेस से पूर्व आईएएस और उदयपुर कलेक्टर रहे ताराचंद मीणा प्रत्याशी हैं. इन दोनों के बीच सीधी टक्कर है. हालांकि भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी प्रकाश बुझ दोनों ही सियासी दलों का गणित बिगाड़ सकते हैं।
वहीं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने इस बार के चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि इस आम चुनाव में लोगों में परिवर्तन की टीस दिख रही है और बदलाव की ‘खामोश लहर’ चल रही है. पायलट ने टोंक यह दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी चुनाव में पिछड़ रही है. राजस्थान में पहले चरण में कम मतदान से जुड़े एक सवाल के जवाब में पायलट ने कहा, ‘‘मैं राजस्थान के कई जिलों में गया हूं…देश के कई राज्यों में गया हूं…हर जगह मुझे लोगों में एक बदलाव की टीस दिख रही है और जो सुगबुगाहट चल रही है…खामोश लहर चल रही है.. वो बदलाव की है. भाजपा जो दावे कर रही है, उससे वह बहुत पीछे रह जाएगी.” सचिन पायलट ने कहा, ‘‘पहले चरण के मतदान के बाद जो प्रतिक्रिया मिल रही है, उसे देखकर और भाजपा नेताओं के भाषणों को देखकर मुझे लग रहा है कि कहीं न कहीं भाजपा आज पिछड़ रही है. जनता संतुष्ट नहीं है और मैं मानता हूं यह चुनाव एक बदलाव का चुनाव है.” कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘ना सिर्फ राजस्थान में बल्कि समूचे देश में जहां भी ‘इंडिया’ गठबंधन चुनाव लड़ रहा है, वहां पर हमारे उम्मीदवारों को बढ़त मिल रही है.”
इतना ही नहीं उन्होंने हाल ही में पीएम मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि, ‘‘पिछले दो तीन दिन में जो धारणा बनी है, वह बड़ी अचंभे वाली है और मुझे लगता है जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को इस प्रकार की शब्दावली का… इस प्रकार की भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए.” साथ ही पायलट ने कहा कि, ‘‘हमें तो किसान, नौजवान, विकास, उन्नति, उद्योग, निवेश और एक बेहतर भारत बनाने की बात करनी चाहिए. हम चर्चा अगर करते हैं तो वही मंदिर-मस्जिद और मंगलसूत्र…इस तरह की बातें करके मुझे लगता है कि भावनाओं को भड़काने का काम हो रहा है. कहीं ना कहीं इस चीज से परहेज करना चाहिए। अगर हम पीएम मोदी के उस विवादित बयान की बात करें तो राजस्थान के बांसवाड़ा में रविवार को एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कांग्रेस की योजना लोगों की गाढ़ी कमायी और संपत्ति ‘‘घुसपैठियों” तथा ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले लोगों को देने की है. मोदी ने कहा था, ‘‘ये अर्बन नक्सल वाली सोच…. मेरी माताओ- बहनों ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे। इस हद तक चले जाएंगे.” पायलट ने कहा, ‘‘10 साल में अगर भाजपा सरकार ने इतना अच्छा कार्य किया है और आपको आत्मविश्वास है कि आप जीत कर आयेंगे तो उन कार्यों पर चर्चा करनी चाहिए, उस पर संवाद होना चाहिए.” उन्होंने कहा, ‘‘26 अप्रैल को जो मतदान होगा।
सियासी गलियारों में ऐसी भी ख़बरें हैं कि पीएम मोदी के बयान के बाद ही पहले चरण के मतदान में वोटिंग प्रतिशत कम रहा। अब इसे लेकर खुद सीएम भजन लाल शर्मा ने भी सक्रियता दिखाई है। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भीलवाड़ा में बीजेपी जिला कार्यालय में आयोजित बूथ विजय संकल्प बैठक में कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी बूथ अध्यक्ष और शक्ति केंद्र संयोजक है. इसे लेकर उन्होंने कहा, ”उन पर अपने अपने बूथ, शक्ति केंद्र को देखने की जिम्मेदारी होती है. अपनी हर एक कमजोरी को दूर कर बूथ को मजबूत करने का दायित्व उन पर होता है. एक एक वोटर को घर से निकालने का काम वे करते है. आज मंच के सामने ऐसे ही सभी कार्यकर्ता बैठे हैं.” भजन लाल शर्मा ने आगामी लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि ये चुनाव कार्यकर्ताओं की परीक्षा है जिसमें सभी को पास होना है. सभी कार्यकर्ताओं को अपना पूरा समय इसमें देना है, अंतिम छोर तक संपर्क कर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाना है. बूथ स्तर तक के मैनेजमेंट की जिम्मेदारी हम सभी की है।
उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता कैमरे की नजर में हैं. पार्टी में काम करने वाले कार्यकर्ता का भी आंकलन होता है और काम नहीं करने वाले कार्यकर्ता का भी. इसलिए सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर चुनाव के शेष बचे समय में विशेष रणनीति तैयार कर अपने अपने बूथ को बड़े मार्जिन से जीतने के लिए कमर कस लेनी है. हमें चुनाव के दिन प्रातः जागरण कर 5 बजे पोलिंग एजेंटों को उठाकर 6 बजे तक पोलिंग बूथ पर भी भेजना है. मतदान समाप्ति तक वहां डटे रहना यह सब जिम्मेदारी का काम है, जिसे हमें पूरा करना है. उन्होंने प्रदेश की बीजेपी सरकार के कामकाज की बात करते हुए कहा कि हमने अपने संकल्प पत्र के 45 प्रतिशत संकल्प मात्र 90 दिनों में पूरा करने का काम किया है. हमने यह साल पानी और बिजली के नाम करते हुए इस तरह की योजना तैयार की है आने वाले समय में प्रदेश का कोई कोना पानी से वंचित नहीं रहेगा. ईआरसीपी, यमुना जल समझोता, माही डेम और इंदिरा गांधी नहर का कार्य, यह सभी 90 दिनों की कार्ययोजना का परिणाम है. यह सभी और वहीं आने वाले तीन सालों में ऐसी व्यवस्था बना देंगे कि किसान जब मांगेगा तब उसे बिजली उपलब्ध हो जाएगी।
सियासी गलियारों में आज जिस तरह की बयानबाजियां हो रही हैं इससे एक बात तो तय है कि इस बार का चुनाव पिछले लोकसभा चुनाव से अलग होने वाला है इतना ही नहीं चुनावी परिणाम भी काफी चौंकाने वाले हो सकते हैं। प्रदेश की कुल 25 लोकसभ सीटों पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं और इसे लेकर कई अटकलें भी लगाई जा रही हैं। लेकिन अब जनता का रुख किसकी तरफ जायेगा ये तो खैर आने वाला समय ही तय करेगा। प्रदेश में इस बार चुनाव में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है, बड़े-बड़े दिग्गज लगातार जनता के बीच पहुँच रहे हैं और लोगों को साधने के लिए योजनाओं का पिटारा भी खुल रहे हैं हालांकि अब किसके पाले में कितनी सीटें आएँगी ये तो खैर आने वाले 4 जून को ही पता चल पाएगा।