तो नरेंद्र मोदी के एकलव्य हैं केजरीवाल!

4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्घजनों ने किया मंथन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ आम आदमी पार्टी के धरने के प्रति कांग्रेस की बेरुखी और विरोधी-एकता को लेकर कुछ बुनियादी सवाल खड़े हुए हैं। कांग्रेस इस मामले में बीजेपी पर निशाना जरूर साध रही है पर उसके सीधे निशाने पर आम आदमी पार्टी है। आम आदमी पार्टी के खिलाफ भाजपा-कांग्रेस साथ क्यों? इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार अशोक वानखेड़े, शीतल पी सिंह, अनिल रॉयल, प्रो. रविकांत, डॉ. सीपी राय, आप नेता प्रियंका कक्कड़ और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा से एक लंबी परिचर्चा हुई।
प्रो. रविकांत ने कहा, बीजेपी और आप दोनों के चिढ़ में फर्क है। ब्रांडिंग के मामले में दो लोग ही प्रिय है। सरनेम को ब्रांड बनाने वाले दो लोग हैं केजरीवाल और मोदी। इस ब्रांडिंग का ही फायदा मिल रहा है दोनों को। अनिल रॉयल ने कहा केजरीवाल ने दिल्ली में स्कूल और अस्पताल सुधारे। इसका लाभ आमजन को मिल रहा है। वहीं कांग्रेस लीडरशिप में खराब स्थिति में है। आप संतुलित बैटिंग करती है। आप ने पंजाब में दिखाया। शीतल पी सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर जो काम किया वह कोई नहीं कर पाया क्योंकि पार्टी को मालूम है कि प्रोप्रोगेंडा का बहुत बड़ा रोल है। केजरीवाल के पास सफलता के मंत्र है, इसका वे बाखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं। एजुकेशन पर जबरदस्त काम किया, जो काबिलेतारीफ हैं। पूरे मॉडल को देशभर में प्रचारित भी कर रहे हैं। अशोक वानखेड़े ने कहा केजरीवाल नरेंद्र मोदी के एकलव्य है और वे उनको कॉपी करते हैं, उनके हिसाब से ही चलते हैं। दिल्ली में कांग्रेस बड़ी पार्टी थी और आज उसकी जगह आम आदमी पार्टी ने ले ली। सारे वोट आप ने हाइजैक कर लिया। भाजपा लड़ रही है पर वो जगह नहीं बना पाई।
प्रियंका कक्कड़ ने कहा आम मुद्ïदों को आम आदमी पार्टी ने जन-जन तक पहुंचाया ही नहीं उन पर काम भी किया है। आम आदमी पार्टी का शिक्षा व स्वास्थ्य पर फोकस है, उसका नतीजा सबको दिख भी रहा है। केजरीवाल की पार्टी को बी टीम बुलाया जाता है तो ये बात गलत है। ए टीम है जनता तो हम उसी पर काम कर रहे है। हार के डर से बीजेपी ने दिल्ली में एमसीडी के चुनाव टाल दिए। यूपी चुनाव में सपा और भाजपा को मेनिफेस्टो में लिखना पड़ा 300 यूनिट बिजली फ्री। जितना हमने लोगों को अवेयर कराया उनके मुद्ïदों के बारे में, तो बीजेपी, कांग्रेस व अन्य दलों ने नहीं। डॉ. सीपी राय भी परिचर्चा में शामिल हुए।

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