बरेली में कांग्रेस की मैराथन में भगदड़, कई छात्राएं दबीं
जूते-चप्पल सड़क पर बिखरे पर बेटियां सुरक्षित
लखनऊ। बरेली में आज सुबह कांग्रेस की मैराथन में भगदड़ मच गई। इस दौरान कई छात्राएं दब गईं। बच्चियों के जूते चप्पल भी सड़क पर बिखर गए। उधर कांग्रेस नेता और पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन ने इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा, वैष्णो देवी में जब भगदड़ मच सकती है, तो यहां क्यों नहीं। उन्होंने कहा बच्चियां हैं और इंसानी फितरत होती है कि दौड़ भाग में अव्वल आना। आगे आने की होड़ में भगदड़ मची, मगर सभी लड़कियां सुरक्षित हैं।
कांग्रेस के बढ़ते जनाधार की वजह से इस तरह की साजिश भी की जा सकती है। इस मैराथन के वीडियो भी सामने आए हैं। इनमें देखा जा सकता है कि काफी अधिक संख्या में छात्राएं इस मैराथन में हिस्सा ले रही थीं। तभी दौड़ते वक्त कुछ छात्राएं गिर जाती हैं। इसके बाद उनसे टकराकर के कई छात्राएं उनके ऊपर गिर जाती हैं। इसके बाद आयोजनकर्ता छात्राओं की मदद से बच्चियों को उठाते हैं। बताया जा रहा है कि कुछ छात्राओं को हल्की चोटें भी आई हैं।
प्रियंका चुनाव में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने पर दे रहीं जोर
दरअसल, प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश चुनाव में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर दे रही हैं। उन्होंने इस चुनाव में महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने का वादा किया है। इसके अलावा लड़कियों को स्कूटी, मोबाइल समेत तमाम वादे किए हैं। वे राज्य के अलग अलग हिस्सों में महिलाओं तक पहुंचने के लिए तमाम कार्यक्रमों में हिस्सा ले रही हैं।
काशी में 9 जनवरी को होगी दौड़
लड़की हूं लड़ सकती हूं अभियान के तहत वाराणसी में होने वाली कांग्रेस की मैराथन का दिन और स्थान बदल दिया गया है। कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने बताया कि 6 जनवरी की बजाय अब आगामी 9 जनवरी को मैराथन आयोजित की जाएगी। मैराथन की शुरूआत सुबह 8 बजे सिगरा स्थित भारत माता मंदिर से होगी और यह बीएचयू गेट पर जाकर खत्म होगी। चर्चा है कि मैराथन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हो सकती हैं, लेकिन फिलहाल उनके आगमन के संबंध में अब तक पुष्टि नहीं हो सकी है।
अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे बीजेपी विधायक
पीलीभीत। पीलीभीत जिले के बीसलपुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक रामशरण वर्मा अपनी कार्यशैली के लिए हमेशा से चर्चा में रहे हैं। विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही उनकी चर्चा भी बढ़ गई है। उन्होंने अब अपने ही सरकार वह और अधिकारियों के ऊपर आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए हैं कि उनकी कहीं पर नहीं सुनी जा रही है। विधायक रामशरण वर्मा की 9 सूत्री मांगे हैं, जिसको लेकर वह धरने पर बैठ गए। इसमें सबसे प्रमुख मांग आवारा पशुओं से किसानों को होने वाली क्षति से राहत देने की है।
उन्होंने गांव-गांव गौशाला खुलवाने, आवारा पशुओं से किसानों को होने वाली क्षति का मुआवजा, गौशालाओं की क्षमता बढ़ाने, गौशालाओं में पशुओं के लिए चारे दाने और पानी की समुचित व्यवस्था, गौशाला भवनों में के निर्माण में कथित घोटाला, सरकारी जमीन पर वर्षों से काबिज रहने वाले लोगों को कब्जा मुक्त कराना, चीनी मिलों से बकाया मूल्य दिलवाना शामिल है। नगर व ग्रामीण क्षेत्रों से आए बीजेपी के सैकड़ों समर्थक विधायक रामशरण वर्मा के साथ रामलीला मैदान पहुंचे और अपनी समस्या उठाते हुए बेमियादी धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे विधायक ने बताया कि जब तक मांगें पूरी नहीं होती, तब तक धरना जारी रहेगा।
विधायक ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले काफी समय से प्रशासनिक अधिकारी से समस्याओं के समाधान की मांग कर रहे थे लेकिन अधिकारी उनकी एक नहीं सुन रहे थे। लगता यह है कि विधायक रामशरण वर्मा का अधिकारियों पर कोई लगाम नहीं है या यह है कहिए कि अधिकारी मौजूदा विधायक की नहीं सुनते हैं, जिससे नाराजगी को लेकर विधायक को अपनी बात मनवाने के लिए धरने पर बैठना पड़ा। वहीं विपक्षियों का यह मानना है कि विधायक आगामी चुनाव को लेकर टिकट लेने की जुगाड़ में हैं और वह मौजूदा सरकार के ऊपर दबाव बनाना चाहते हैं कि उनको या उनके परिवार को ही बीजेपी से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया जाए।
पट्टा भूमि को फ्री होल्ड करने के लिए नई नीति
- देना होगा सर्किल रेट का 25 प्रतिशत
लखनऊ। पट्टागत (लीज होल्ड) भूमि को फ्री होल्ड करने के लिए राज्य सरकार नए सिरे से नीति तैयार कर रही है। नीति संबंधी सात वर्ष पुराने शासनादेश में दी गई व्यवस्था में बदलाव कर प्रस्ताव तैयार किया गया है। लीजहोल्ड भूमि को फ्रीहोल्ड कराने के लिए सर्किल रेट का 25 प्रतिशत तक प्रस्तावित करते हुए सरकार ने उसे अंतिम रूप देने से पहले सुझाव व आपत्ति मांगी है। कोई भी व्यक्ति 15 दिन में लिखित रूप में अपना अभिमत दे सकता है। वर्तमान में पट्टे की भूमि को फ्री होल्ड एवं पुनर्विकास करने के संबंध में राज्य शहरी आवास एवं पर्यावास नीति-2014 के तहत 12 दिसंबर 2014 को तत्कालीन प्रमुख सचिव सदाकान्त की ओर से जारी शासनादेश के तहत ही प्रक्रिया और दर तय है। सात वर्ष पुरानी नीति को व्यावहारिक बनाने के लिए राज्य सरकार उसमें संशोधन करते हुए नए सिरे से प्रस्ताव तैयार किया है।
प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन दीपक कुमार ने बताया कि प्रस्ताव विभागीय वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति 15 दिनों में उस पर अपना अभिमत विभाग को दे सकता है। प्रस्तावित संशोधनों के तहत नए प्रार्थना पत्र के मामले में लीज पर प्रीमियम धनराशि लेकर आवंटित भूखंड या भवन को चालू पट्टागत भूमि के पट्टेदार या विधिक उत्तराधिकारी के पक्ष में फ्री होल्ड करने के लिए सर्किल रेट का 12 प्रतिशत लिया जाएगा।