बीजेपी के लिए सिरदर्द बनीं UP की ये सीटें !
लोकसभा चुनाव 2024 के सियासी घमासान के बीच बीते दिन दूसरे चरण के लिए नामांकन का आखिरी दिन था।
4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा चुनाव 2024 के सियासी घमासान के बीच बीते दिन दूसरे चरण के लिए नामांकन का आखिरी दिन था। वहीं पहले चरण के मतदान की तारीख सिर्फ 2 सप्ताह दूर है। साथ ही आपको बता दें कि, बीजेपी और अन्य विपक्षी पार्टियों में उम्मीदवार सीट को लेकर उठा पटक सी मची हुई है। भारतीय जनता पार्टी 400 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर चुकी है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी 200 से ज्यादा प्रत्याशी घोषित कर चुकी है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि, देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की 5 सीटों पर कोई भी पार्टी उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है।
इस सूची में पहला नाम रायबरेली का है। 2019 तक इस सीट को लेकर कांग्रेस नेताओं को कुछ सोचने की जरूरत नहीं होती थी। बीजेपी के लिए भी इस सीट पर मेहनत करना व्यर्थ माना जा रहा था, लेकिन अब यहां के समीकरण में काफी कुछ बदलाव हो चुके हैं।
बीजेपी को नहीं मिला उम्मीदवार
सोनिया गांधी और राहुल के सीट छोड़ने के चलते कांग्रेस को नए उम्मीदवार के चयन में समय लग रहा है, लेकिन बीजेपी भी इन सीटों पर प्रत्याशी नहीं तय कर पा रही है। यूपी की इन सीटों पर लंबे समय से कांग्रेस का कब्जा रहा है और बीजेपी अब यहां अपना गढ़ बनाना चाहती है। लेकिन ये बीजेपी की भूल है। बीजेपी को कोई नहीं उम्मीदवार नहीं मिलने वाला। बीजेपी अब रायबरेली और अन्य सीटों पर उम्मीदवारों का चयन करना चाहती है। इसके अलावा दोनों पार्टियां एक-दूसरे के उम्मीदवार को देखने के बाद अपनी नई रणनीति तय कर सकती हैं। इस कारणवश दोनों पार्टियां को उम्मीदवारों के ऐलान में देरी लग रही है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, रायबरेली सांसद सोनिया गांधी अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं, क्योंकि सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा सांसद बन चुकी हैं। भारतीय जनता पार्टी 70 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को टिकट देने से बचती है और इलाहाबाद सांसद रीता बहुगुणा भी 70 साल पार कर चुकी हैं। कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहते हुए लगातार विवादों में रहे थे। साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया ने बृजभूषण शरण सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए, ऐसे में बीजेपी इस विवादित चेहरे को टिकट देने से बच रही है।
ऐसे में फूलपुर में केशवी पटेल ने 2019 में बड़ी जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार पार्टी किसी नए चेहरे को टिकट दे सकती है। कौशांबी में राजाभैया की राजनीति के चलते मौजूदा सांसद विनोद सोनकर का टिकट कट सकता है और बीजेपी राजाभैया को समर्थन दे सकती है या उन्हें उम्मीदवार बना सकती है। ये सस्पेंस अभी भी बरक़रार है।