भारतीय सेना में राफेल के मायने
sanjay sharma
सवाल यह है कि भारतीय सेना में राफेल की मौजूदगी के क्या मायने हैं? इन सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों से देश के दुश्मनों पर क्या असर पड़ेगा? क्या हवाई हमले में ये चीन और पाकिस्तान दोनों को धूल चटाने में सक्षम हैं? विनाशक हथियारों से लैस ये विमान छोटे और बड़े हमलों में कहां तक कारगर होंगे? क्या इन विमानों की मौजूदगी भारत को युद्ध में रणनीतिक रूप से बढ़त देने में सफल होगी?
चीन और भारत के बढ़ते तनाव के बीच दुनिया के सबसे ताकतवर और हाईटेक लड़ाकू विमान राफेल की पहली खेप अंबाला एयरबेस पर पहुंच गई है। सात हजार किमी की यात्रा कर पहुंचे राफेल का वॉटर सैल्यूट से स्वागत किया गया और भारतीय सीमा में दाखिल होने पर सुखोई विमानों ने इसको एस्कोर्ट किया। सवाल यह है कि भारतीय सेना में राफेल की मौजूदगी के क्या मायने हैं? इन सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों से देश के दुश्मनों पर क्या असर पड़ेगा? क्या हवाई हमले में ये चीन और पाकिस्तान दोनों को धूल चटाने में सक्षम हैं? विनाशक हथियारों से लैस ये विमान छोटे और बड़े हमलों में कहां तक कारगर होंगे? क्या इन विमानों की मौजूदगी भारत को युद्ध में रणनीतिक रूप से बढ़त देने में सफल होगी? भारत के लिए राफेल जरूरी क्यों हैं?
भारत ने वायुसेना को और मजबूती देने के लिए फ्रांस के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा किया। इसमें पांच विमानों की पहली खेप भारत पहुंच चुकी है। राफेल ऐसे समय आया है जब चीन और भारत के बीच तनाव चरम पर है और कभी भी दोनों देशों के बीच युद्ध हो सकता है। हालांकि भारत के पास सुखोई और जगुआर जैसे फाइटर जेट है। बावजूद इसके राफेल जैसे अत्याधुनिक विमानों की कमी महसूस की जा रही थी। भारत के लिए अपनी सेना को मजबूत करने के लिए यह जरूरी भी था क्योंकि वह एक ओर चीन और दूसरी ओर पाकिस्तान जैसे शत्रु देशों से घिरा है। पाकिस्तान और चीन दोनों मिलकर भारत के खिलाफ दो मोर्चा खोलने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों से भी भारत को नुकसान पहुंचाने की लगातार कोशिश करता रहता है। राफेल लड़ाकू विमान न केवल भारतीय सीमा में रहते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी अड्डों को तबाह कर सकता है बल्कि युद्ध के दौरान भयानक तबाही भी मचा सकता है। चीन और पाकिस्तान दोनों देशों के पास राफेल का मुकाबला करने वाला कोई विमान नहीं है। अमेरिका का एफ-16 भी इसके सामने बौना साबित हो जाता है। यह एक साथ कई लक्ष्यों पर निशाना साध सकता है। यही नहीं मिसाइल के जरिए यह जमीन पर स्थिति मजबूत से मजबूत बंकरों को तबाह करने में सक्षम है। जरूरत के मुताबिक यह परमाणु मिसाइलों से भी हमला करने में सक्षम है। जाहिर है राफेल के आने से न केवल भारतीय सेना को मजबूती मिलेगी बल्कि युद्ध के दौरान यह दुश्मनों को धूल चटा देगा। हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने की इसकी क्षमता से भारतीय सेना को युद्ध के समय बेहतर रणनीतिक बढ़त हासिल होगी। सीमा पर तैनात राफेल दुश्मन के होश उड़ाने के लिए काफी होंगे।