मंदिरों का डीजे बनाम मस्जिदों का लाउडस्पीकर! वरिष्ठ आईएएस ऑफिसर शैलबाला मार्टिन के कंमेट ने खड़ा किया नया बखेड़ा, अधिकारी ने उठाया तेज डीजे बजाने के नये कल्चर पर सवाल!

नई दिल्ली। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन द्वारा सोशल मीडिया पर मंदिरों में लगाए गए पब्लिक एड्रेस सिस्टम के कारण ध्वनि प्रदूषण पर सवाल उठाने के बाद मध्य प्रदेश में विवाद खड़ा हो गया है। धार्मिक समूहों ने अधिकारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। पिछले सप्ताह भोपाल में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान 13 वर्षीय एक लडक़े की मौत के बाद पब्लिक एड्रेस सिस्टम के कारण ध्वनि प्रदूषण पर बहस शुरू हुई थी। लडक़ा डीजे की धुन पर नाच रहा था और अचानक बेहोश हो गया और शुक्रवार को उसकी मौत हो गई। घटना के बाद मध्य प्रदेश पुलिस हरकत में आई और मामले की जांच शुरू की। वहीं इस घटना ने भी इस मुद्दे पर बहस शुरू कर दी है।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी द्वारा यह कहे जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया है कि मंदिरों में लाउडस्पीकर के कारण होने वाले ध्वनि प्रदूषण को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। इस पर दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। शैलबाला मार्टिन, जो वर्तमान में सामान्य प्रशासन विभाग में अतिरिक्त सचिव के रूप में कार्यरत हैं, ने कहा कि सभी को धार्मिक दृष्टिकोण से परे ध्वनि प्रदूषण के बारे में निष्पक्ष रूप से सोचना चाहिए। आईएएस अधिकारी ने यह टिप्पणी पिछले सप्ताह दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान लाउडस्पीकर से बज रहे डीजे संगीत पर नाच रहे 13 वर्षीय लडक़े की मौत के बाद सोशल मीडिया पर चल रही बहस के बीच की। एक्स पर एक पत्रकार ने मस्जिदों में सार्वजनिक संबोधन प्रणालियों पर कार्रवाई को उजागर करते हुए प्रवर्तन में असमानता पर सवाल उठाया।
पत्रकार की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए शैलबाला मार्टिन ने ट्वीट किया, मंदिरों में लाउडस्पीकरों से होने वाला ध्वनि प्रदूषण, जिसे कई सडक़ों से सुना जा सकता है और देर रात तक जारी रहता है, अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि शपथ लेने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा जारी किए गए आदेशों में सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने और डीजे पर प्रतिबंध लगाना शामिल था। उनके ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई, जिसमें कुछ उपयोगकर्ताओं ने उनके रुख का समर्थन किया जबकि अन्य ने इस मुद्दे को उठाने के लिए उनकी आलोचना की।
दक्षिणपंथी संगठन संस्कृति बचाओ मंच ने कहा कि वे मार्टिन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे और उन्हें हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई अधिकार नहीं है। संगठन के प्रमुख चंद्रशेखर तिवारी ने कहा अगर कोई हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश करेगा तो संस्कृति बचाओ मंच उसका विरोध करेगा। मंदिरों में आरती और मंत्र अज़ान की तरह दिन में पांच बार लाउडस्पीकर पर नहीं बोले जाते। शैलबाला मार्टिन से मेरा सवाल है कि उन्होंने कब मुहर्रम के जुलूस पर पत्थर फेंके जाते देखे? जबकि हिंदुओं के जुलूस पर पत्थर फेंके जा रहे हैं। इस बीच, कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने कहा कि आईएएस अधिकारी ने सही सवाल उठाया है। हफीज ने कहा, भाजपा सरकार धर्म के आधार पर लाउडस्पीकर पर कार्रवाई कर रही है, और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।

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