अब मोदी सरकार पेट्रोल चोरी कर रही: पवन खेड़ा

  • कांग्रेस ने भाजपा पर फिर साधा निशाना
  • बोले- इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल नीति से ऐंठे जा रहे पैसे

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भाजपा पर से चोर का टैग नहीं हट पा रहा है। कांग्रेस अब उस पर पेट्रोल चोरी का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मोदी सरकार पर पहले वोट चोरी, अब पेट्रोल चोरी का आरोप लगाते हुए इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल नीति (ई-20) को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस नेता और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मीडिया एवं प्रचार अध्यक्ष पवन खेड़ा ने गुरुवार को मोदी सरकार और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल नीति को लेकर तीखा हमला बोला और कहा कि वोट मिलावट से जीतने वाली सरकार अब मिलावट से देश चला रही है।
एक प्रेस बयान में, पवन खेड़ा ने कहा कि पहले वोट चोरी, अब मोदी जी द्वारा पेट्रोल चोरी। उन्होंने कहा कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा के तथाकथित झंडाबरदार – वोट चोरी-जो भारतीय जनता के साथ सबसे बड़ा धोखा है – लागू करने के बाद, पेट्रोल चोरी लागू कर रहे हैं। सबसे ताज़ा है पैसे ऐंठने के लिए ई-20 नीति। ई-20 इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल नीति पर, खेड़ा ने कहा कि इथेनॉल मिश्रण नीति को लेकर अब व्यापक आक्रोश है। खेड़ा ने आरोप लगाया कि 2014 में पदभार संभालने के बाद से नितिन गडकरी इथेनॉल उत्पादन के लिए आक्रामक रूप से पैरवी कर रहे हैं। सितंबर 2018 में, गडकरी ने कहा कि सरकार पांच इथेनॉल उत्पादन संयंत्र स्थापित कर रही है, जहां लकड़ी आधारित उत्पादों और अलग-अलग नगरपालिका कचरे से इथेनॉल बनाया जाएगा। खेड़ा ने आगे कहा कि गडकरी ने यह भी कहा था कि इस नीति से डीज़ल 50 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल का विकल्प 55 रुपये प्रति लीटर पर उपलब्ध होगा, लेकिन पता चला कि यह एक जुमला था।

गडकरी के बेटे की कंपनी करती है इथेनॉल का कारोबार

खेड़ा ने आगे कहा कि पेट्रोल की कीमतें 2014 में 71.41 रुपये से बढक़र 2025 में 94.77 रुपये हो गई हैं, और डीजल की कीमतें 55.49 रुपये से बढक़र 87.67 रुपये हो गई हैं, जबकि इथेनॉल उत्पादन से जुड़ी चीनी मिलें रिकॉर्ड मुनाफे के साथ बैंक तक पहुंच रही हैं। पवन खेड़ा ने कुछ आरोप लगाए थे। इनमें से एक कथित हितों के टकराव का मामला था, जिसमें निखिल गडकरी (केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बेटे) के स्वामित्व वाली सियान एग्रो इंडस्ट्रीज इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, एक प्रमुख इथेनॉल आपूर्तिकर्ता है, उनके एक अन्य बेटे, सारंग गडकरी, मानस एग्रो इंडस्ट्रीज में निदेशक हैं, जो भी इथेनॉल का कारोबार करती है।

बड़े-बड़े दावों की खुल रही पोल

खेड़ा ने एक प्रेस बयान में कहा कि निर्धारित समय से पाँच साल पहले 20प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण प्राप्त करने के बड़े-बड़े दावों के बावजूद, ये वादे धरे के धरे रह गए हैं। वादे के अनुसार, लकड़ी आधारित उत्पादों या नगरपालिका के कचरे से एक बूंद इथेनॉल भी नहीं निकला है, और पेट्रोल की कीमतें कभी भी 55 रुपये प्रति लीटर के स्तर तक नहीं पहुंच पाईं। इसके बजाय, आम आदमी को ज़्यादा कीमत चुकानी पड़ती है – वाहन ज़्यादा ईंधन की खपत करते हैं, जल्दी खराब हो जाते हैं, और प्रत्येक लीटर इथेनॉल 3,000 लीटर पानी की खपत करता है।

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