डबल इंजन के दम पर विकास का रथ आगे बढ़ाएगी उत्तराखंड सरकार
- बजट में महिलाओं और युवाओं पर धामी सरकार का फोकस
देहरादून। उत्तराखंड की धामी सरकार डबल इंजन के दम से अपने विकास के रथ को तेजी से आगे बढ़ाने का प्रयास करेगी। कल विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए गए 65571 करोड़ 49 लाख रुपये के धामी सरकार के पहले बजट में केंद्र पोषित योजनाओं के तहत 21452 करोड़ रुपये की धनराशि मिलने की आशा की गई है जो कुल बजट का 32 प्रतिशत से अधिक है। राज्य के अवस्थापना विकास के लिए सरकार पहले से चल रही केंद्र और बाह्य सहायतित योजनाओं पर फोकस करेगी। बजट वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पेश किया। धामी सरकार के बजट का आकार पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में बड़ा है। माना जाए तो अब तक का सबसे बड़ा बजट है। पिछले वित्तीय वर्ष में 57400 करोड़ 32 लाख रुपये की व्यवस्था की गई थी। इस साल इसे बढ़ाकर 65571.49 करोड़ रुपये किया गया है। हालांकि इस राशि में 21 हजार एक सौ सोलह करोड़ 81 लाख की लेखानुदान की धनराशि भी शामिल है जो चार माह के लिए मंजूर की गई थी। बजट में सरकार ने किसानों, व्यापारियों, युवाओं और महिलावर्ग का खास तौर पर ध्यान रखा है। व्यापारियों के दुर्घटना बीमा की राशि को दोगुना करने, पर्वतीय क्षेत्रों में राजस्व पुलिस(पटवारियों) को मोटरसाइकिल देने, स्थानीय फसलों के लिए नई योजना चलाने की घोषणा की गई है। गौ सदनों को बनाने के लिए बजट में राशि को छह गुना और समान नागरिक संहिता के लिए बजट में अलग से व्यवस्था कर भाजपा सरकार ने अपने राजनीतिक एजेंडे को धार देने की कोशिश भी की है। बजट में पार्टी के चुनाव दृष्टि पत्र की कुछ घोषणाओं के लिए भी वित्तीय प्रावधान किए गए हैं। इनमें अंत्योदय के 184000 कार्डधारकों को साल में तीन बार रसोई गैस का मुफ्त सिलेंडर दिया जाना भी है, जिसके लिए वित्तीय प्रावधान किया गया है।
बजट का करीब 48.86 फीसदी हिस्सा कर्मचारियों के वेतन, मजदूरी व पेंशन के अलावा पिछले सालों में लिए कर्ज के ब्याज की अदायगी पर खर्च होगा। कर्मचारियों के वेतन पर 17350.21 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जबकि पेंशन मद में 6703.10 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कर्ज पर ब्याज चुकाने के लिए पूरे साल में सरकार 6017.85 करोड़ रुपये व्यय करेगी। सरकार ने बजट में कोई नया कर नहीं लगाया है। इस लिहाज से बजट करमुक्त है। बजट में राजस्व घाटे का अनुमान भी नहीं है। अलबत्ता 8503.70 करोड़ रुपये राजकोषीय घाटा का अनुमान है, जो राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत बताया गया है। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 61 पेज के बजट भाषण को करीब सवा दो घंटे में पूरा किया। बजट में पांच जगहों पर कविताओं के जरिये बात कही गई है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कदम मिलाकर चलना होगा कविता से बजट का समापन किया।