तीन महीने से कांग्रेस को अपनी प्रदेश इकाई के मुखिया का इंतजार
- यूपी में अब तक प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी खाली
- तीन महीने बाद भी नहीं मिला कोई दावेदार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में अपना निम्नतम प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस सूबे में खुद को सांगठनिक रूप से खड़ा करने को लेकर ऊहापोह में है। विधान सभा चुनाव में पटकनी खाने के बाद लोक सभा चुनाव की तैयारियों का दम भरने वाली कांग्रेस को तीन महीने से ज्यादा समय से अपनी प्रदेश इकाई के मुखिया का इंतजार है। उप्र समेत जिन पांच राज्यों में विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने मुंह की खायी थी, उनमें से चार राज्यों-पंजाब, उत्तराखंड, गोआ और मणिपुर में उसने नए प्रदेश अध्यक्ष मार्च-अप्रैल में ही नियुक्त कर दिए लेकिन उप्र को लेकर पार्टी के भीतर कश्मकश जारी है। विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद निवर्तमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को 15 मार्च को इस्तीफा देना पड़ा था। तब से उप्र कांग्रेस को नए अध्यक्ष की प्रतीक्षा है। यह स्थिति तब है जब विधान सभा चुनाव में हार के बाद उप्र में पार्टी के भीतर उपजी स्थितियों का आकलन करने और चुनाव में उतरे कांग्रेस प्रत्याशियों और वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर संगठन में बदलाव के बारे में सुझाव देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह को मार्च में ही जिम्मेदारी सौंपी थी। भंवर जितेंद्र सिंह अप्रैल के तीसरे हफ्ते में उप्र के दौरे पर आए थे। लखनऊ, वाराणसी, झांसी और पश्चिमी उप्र के जिलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं से दिल्ली में मुलाकात के बाद उन्होंने पार्टी नेतृत्व को रिपोर्ट सौंप दी थी। रिपोर्ट के बाद उदयपुर चिंतन शिविर को संपन्न हुए भी एक माह बीत चुका है।
आखिर कब पूरी होगी तलाश
कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में विधान सभा चुनाव लड़ने के बाद पार्टी के ग्राफ में जिस तरह से गिरावट दर्ज की गई है, उससे पार्टी सकते में है। प्रियंका से करिश्मे की उम्मीद लगाए बैठी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अब और कौन सा करिश्माई चेहरा तलाशे, इसे लेकर भी असमंजस है। फिलहाल पार्टी में चर्चा है कि प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व एकमत नहीं है। वैसे प्रियंका के उप्र कांग्रेस की कमान संभालने के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका रबर स्टैंप से ज्यादा नहीं रह गई है। देखना होगा कि प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए ऐसे मोहरे की तलाश कब पूरी होती है।
केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों व गरीबों की हितैषी : बालियान
लखनऊ। मुजफ्फरनगर में शाहपुर क्षेत्र के गांव उमरपुर में केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने शाहपुर पलडी मार्ग से लेकर आदमपुर तक दस किलोमीटर लंबाई की सड़क निर्माण का शिलान्यास किया। साथ ही कई गांवों में विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया। उन्होंने कहा कि किसानों के ट्यूबवेल पर लगे बिजली के मीटर की रीडिंग के आधार पर बिल नहीं वसूले जाएंगे। डॉ. संजीव ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों, गरीबों की हितैषी है। सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य किए जा रहे हैं। सामूहिक विवाह योजना, फ्री राशन, फ्री शौचालय, आवास के अलावा किसान सम्मान निधि योजनाएं लागू की गई हैं। इनमें कोई भेदभाव नहीं है। पूर्व की प्रदेश व केंद्र की सरकारों में जाति व समुदाय विशेष के लिए योजनाएं लागू होती थीं। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के बिजली बिल आधे कर दिए हैं। ट्यूबवेल के बिल फ्री करने को लेकर मंथन चल रहा है।