रामदेव बोले, 2024 में मोदी ही होंगे प्रधानमंत्री

  • अखिलेश की तारीफ की, कहा वे विपक्ष के अच्छे नेता

लखनऊ। आगरा में ग्लोबोइल इंडिया-2022 सम्मेलन में आए योग गुरु बाबा रामदेव ने कांग्रेस पर तंज कसा। खुद को उद्यमशील बताया। कहा कि मैं राहुल गांधी नहीं रामदेव हूं। 2024 के चुनाव में पीएम तो मोदी साहब ही बनने वाले हैं। ताजमहल और तेजोमहल विवाद पर बाबा रामदेव ने कहा कि वह राजनीति नहीं करना चाहते हैं। ताजमहल देखने की बात पर उन्होंने कहा कि पहले एक बार देख लिया। अब देखने नहीं जाना है। ताजमहल में भगवा पहनकर एंट्री विवाद पर भी उन्होंने अपनी बात रखी। कहा- भगवा और किसी संन्यासी का प्रवेश कहीं निषेध नहीं हो सकता है। योगी राज में तो बिल्कुल नहीं हो सकता है। उस विवाद का कोई और कारण रहा होगा। बाबा रामदेव ने कहा कि अखिलेश यादव विपक्ष के अच्छे नेता हैं। सत्ता पर टिप्पणी करना एक अच्छे नेता का राजधर्म है। यह लोकतंत्र के लिए शुभ है कि पक्ष और विपक्ष दोनों अच्छे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए बाबा रामदेव ने अमेरिका की कूटनीति को कारण बताया। रामदेव ने कहा कि भारत कभी युद्ध में विश्वास नहीं रखता है। वर्तमान में परमाणु बम की धमकी तो सभी देश देते हैं। पाकिस्तान भी रोज कहता है कि परमाणु बम छोड़ देंगे। लेकिन, सब जानते हैं कि किसी ने भी ऐसा किया, तो उसके एक बम छोड़ते ही उस पर अलग-अलग देशों से 100 बम गिरा दिए जाएंगे। रामदेव ने कहा कि लंपी वायरस के आने के बाद घी महंगा हुआ है। हम कॉरपोरेट जगत में हैं, लेकिन हमारा काम जनता को लाभ देना है। कोरोना काल में हमने ग्राहकों को सस्ती दवाएं और अन्य उत्पाद देकर 10 हजार करोड़ का फायदा पहुंचाया। आज तक हमारे यहां एक भी विदेशी ब्रांड की आलोचना नहीं हुई। लेकिन, बाबा रामदेव के ब्रांड से लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। उनके कंपटीटर उनके ब्रांड की लोकप्रियता से जल रहे हैं।

किसी को नौकरी न मिले तो हमारे पास आ जाए
बाबा रामदेव ने लोगों को सीख देते हुए कहा जो भारत के लिए सोचता है, भारत उसके लिए सोचता है। पहले मुझ निर्धन संन्यासी को करोड़ों रुपए का दान दिया। बाद में हमारे उत्पाद को भी अपनाया। इसलिए तय कर लो जब तक दम में दम है, तब तक बेदम नहीं होना चाहिए। आगरा के लोगों को आशीर्वाद देकर जा रहा हूं और अगर किसी को नौकरी न मिले तो वह हमारे पास आ जाए। हम उसे रोजगार देंगे। भविष्य में हम 5 लाख लोगों को रोजगार देने के लिए काम कर रहे हैं।

नेपाल सीमा पर लहराएगा 105 फीट ऊंचा भारतीय ध्वज

लखनऊ। अब भारत की आन-बान-शान तिरंगा देश की दूसरी सीमाओं की तरह नेपाल सीमा पर भी लहराएगा। गृह मंत्रालय ने राष्टï्रध्वज लगाने को मंजूरी दी है। इस कार्य पर करीब 20 लाख रुपये का खर्च आएगा। रुपईडीहा सीमा पर अब तक भारत का राष्टï्रध्वज नहीं लगा था। इस क्षेत्र में भारत-नेपाल के बीच खुली सीमा करीब डेढ़ सौ किलोमीटर के दायरे में फैली है। बहराइच से नेपाल जाने का मुख्य मार्ग रुपईडीहा है। सीमा पर महज एक द्वार बना हुआ है। यह द्वार नेपाल का है। इस द्वार पर भारत का कोई संकेतक नहीं लगा है। सशस्त्र सीमा सुरक्षा बल की जांच चौकी पार करते ही नो-मेंस लैंड शुरू हो जाता है। नेपाल आवागमन के लिए भारत सरकार ने इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का निर्माण शुरू कराया है। चेक पोस्ट का निर्माण लैंड पोर्ट अथारिटी आफ इंडिया (एलपीआई) करा रही है। चेकपोस्ट पर वाहनों की चेकिंग के साथ भारत की शान विशालकाय राष्टï्रीय ध्वज फहराने की भी कवायद चल रही है। गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद इसका प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। अॅथारिटी के परियोजनाधिकारी एपी सिंह ने बताया कि चेकपोस्ट पर 105 फुट ऊंचा तिरंगा लगाया जाएगा।

कर्मचारी की मौत पर एलडीए में साथियों ने किया अफसरों का घेराव

लखनऊ। गोमती नगर स्थित राम मनोहर लोहिया पार्क में माली के पद पर तैनात गया राम (42) की आज सुबह बीमारी के चलते मौत हो गई। दयाराम की आरती स्थिति बहुत खराब थी। घर में पत्नी 6 बेटियां और एक बेटा है। जिसके चलते साथी कर्मचारियों ने मृतक आश्रित कोटे से नौकरी दिए जाने की मांग करते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण कार्यालय पर इक_ा होकर अपने साथी के हक में आवाज बुलंद की। स्मारक समिति के कर्मचारियों ने एलडीए अफसरों को मौके पर आने का दबाव बनाया। इस बीच पहुंची पुलिस ने भीड़ को समझाते हुए उनकी मांगों को प्राधिकरण के अफसरों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। स्मारक समिति के प्रशासन प्रबंधक डॉ आशीष कुमार ने बताया कि अभी तक मृतक आश्रित कोटे से नौकरी देने का प्रावधान नहीं है। प्रस्ताव शासन को भेजा गया जहां वह लंबित है। परिजनों का कहना है कि गया राम के खाते में मात्र 210 रूपए है। दाह संस्कार तक के लिए घर में पैसे नहीं हैं। 1090 के पास जियामउ इलाके में किराए के घर में पूरा परिवार रहता है।

बिना अनुमति नहीं कर सकते बंद का आह्वान: हाईकोर्ट

केरल। केरल उच्च न्यायालय ने केरल में एक दिवसीय राज्यव्यापी बंद का आह्वान करने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेताओं के खिलाफ स्वत: संज्ञान लिया है। केरल हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार कोई भी राज्य में बिना अनुमति के बंद का आह्वान नहीं कर सकता है। केरल उच्च न्यायालय का कहना है कि पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार और हड़ताल के आह्वान का समर्थन नहीं करने वाले नागरिकों की सार्वजनिक/निजी संपत्ति को किसी भी तरह की क्षति/विनाश को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय किए जाएं। बता दें कि देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े लोगों पर एनआईए और ईडी ने छापेमारी की। केंद्रीय जांच एजेंसियों ने टेरर फंडिंग मामले में पीएफआई के लोगों को बड़ी संख्या में गिरफ्तार भी किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी की छापेमारी की कार्रवाई के खिलाफ पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को केरल बंद का आह्वान किया है। पीएफआई द्वारा बंद के आह्वान में केरल के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की घटनाएं सामने आईं हैं। तिरुवनंतपुरम में बंद का समर्थन कर रहे पीएफआई के लोगों ने एक ऑटो-रिक्शा और एक कार को कथित रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया।

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