झाइयां मिटाकर चेहरे की रंगत बदलती है
रौंजी, जिसे चारोली के नाम से भी जाना जाता है, उत्तरी, पूर्वी और मध्य भारत के जंगलों में पाई जाती है। यह सूखे मेवे के रूप में काफी लोकप्रिय है। यह आमतौर पर स्वाद और पोषण बढ़ाने के लिए खीर, आइसक्रीम या पौरिज जैसे डेसर्ट में मिलाई जाती है। चिरौंजी अपने कसैले और एंटी इंफ्लेमेटरीगुणों के कारण घाव भरने में उपयोगी है। यह त्वचा संक्रमण को रोकता है। आयुर्वेद के अनुसार, चिरौंजी के बीज के पेस्ट को गुलाब जल या दूध के साथ त्वचा पर लगाने से दाग-धब्बे, मुंहासे और खुजली की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। आइए जानते हैं कि इससे झाइयों को कैसे दूर किया जा सकता है…