पुलिस ध्वज से पुलिस कर्मियों में नई ऊर्जा का होता है संचार : डीजीपी

मुख्यमंत्री आवास पर जाकर सीएम योगी को झंडा प्रदान किया

लखनऊ। आज पुलिस झंडा दिवस है। इस मौके पर प्रदेशभर के पुलिस कार्यालयों में ध्वजारोहण किया गया और पुलिस झंडे को सलामी दी गई। लखनऊ में पुलिस के मुखिया हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि 23 नवंबर का दिन पुलिस के लिए ऐतिहासिक है। यह ध्वज पुलिस के गौरवशाली अतीत का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पुलिस ध्वज से पुलिस कर्मियों में नई ऊर्जा का संचार होता है। इस अवसर पर डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने आज सुबह मुख्यमंत्री आवास पर जाकर सीएम योगी को झंडा प्रदान किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पुलिस टीम को शुभकामनाएं दीं और प्रदेश को अपराध मुक्त करने की बात कही। डीजीपी हितेश चंद अवस्थी के साथ एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशान्त कुमार भी मौजूद थे। बता दें कि विभाग के वीर जवानों के शौर्य, कर्तव्यपरायणता एवं उत्कृष्ट कर्तव्यनिष्ठा के फलस्वरूप देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने सबसे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस को ध्वज प्रदान किया था।
न्याय दिलाने का संकल्प दिलाया
डीजीपी ने सभी पुलिसकर्मियों को पीड़ितों को न्याय, सबको सुरक्षा और सम्मान दिलाने का संकल्प दिलाया। पुलिस झंडा दिवस यानि प्रति वर्ष 23 नवंबर को पुलिस मुख्यालयों व कार्यालयों, पीएसी वाहिनियों, थानों, भवनों व कैम्पों पर पुलिस ध्वज फहराए जाते हैं। पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा पुलिस ध्वज का प्रतीक (स्टीकर) वर्दी की बांई जेब के ऊपर लगाया जाता है। यह सिलसिला 23 नवंबर 1952 से लगातार जारी है।
पुलिस अधिकारियों का हुआ सम्मान
पुलिस झंडा दिवस के अवसर पर लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने रिजर्व पुलिस लाइन में ध्वजारोहण किया। इसके बाद वहां मौजूद उपस्थित अधिकारी/कर्मचारियों को पुलिस झंडा दिवस का प्रतीक चिन्ह लगाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हमें इस चिन्ह का सम्मान करना है। इसके लिए अपराध को रोकना हमारा कर्तव्य है। सभी पुलिसकर्मी अपने कर्तव्यों का पालन करें।


सीएम योगी को फिर जान से मारने की धमकी

लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। इस साल यह तीसरी धमकी है। इस बार एक नाबालिग ने डायल 112 पर फोन पर योगी को धमकी देते हुए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। सूचना के बाद पुलिस तुरंत सक्रिय हो गई।
सुशांत गोल्फ सिटी थाने की पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया। इससे पहले भी कई बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की है। पुलिस ने बताया कि धमकी मोबाइल नंबर से आई थी। पुलिस अब रिकॉर्ड निकाल रही है कि यह नंबर किसका है और किसके नाम पर दर्ज है। बता दें कि इससे पहले 26 सितंबर को आपातकालीन नंबर 112 के व्हाट्सएप पर बाहुबली मुख्तार अंसारी को जेल से ना छोड़ने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की दी गई। धमकी देने वाले ने मैसेज में लिखा था कि मुख्तार को जेल से नहीं छुड़ाया गया तो 25 तारीख तक सरकार मिटा दी जाएगी। इससे पूर्व मुख्यमंत्री को बम से उड़ाने की भी धमकी दी गई। पुलिस ने जब इस मामले में आरोपी को पकड़ा तो उसने माफी मांग ली थी और कहा कि मजाक में ऐसा किया था। बावजूद पुलिस ने एफआईआर दर्जर् की थी।


अपर नगर आयुक्त के जाति सूचक शब्द कहने पर हंगामा

  • हंगामा बढ़ने पर नगर निगम टीम को लौटना पड़ा

लखनऊ। लखनऊ में विशेष सफाई अभियान के दौरान चालान काटना और ठेलिया आदि जब्त करने पर लालकुआं के निवासियों ने जमकर हंगामा किया। अपर नगर आयुक्त अर्चना द्विवेदी से तीखी नोकझोंक हुई। स्थानीय लोगों ने उनपर जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल का आरोप लगाया। हंगामा बढ़ने पर नगर निगम टीम को लौटना पड़ा। उधर लोगों ने अपर नगर आयुक्त के खिलाफ एससी/एसटी आयोग से शिकायत की है। घटना आज सुबह लगभग दस बजे की है। लालकुआं वार्ड के महाकालेश्वर मार्ग पर स्थित मलिन बस्ती में विशेष सफाई अभियान के लिए नगर निगम की टीम पहुंची थी। टीम का नेतृत्व अपर नगर आयुक्त डॉ. अर्चना द्विवेदी कर रही थीं। यहां सुलभ काम्पलेक्स के पास सोनकर समाज की बड़ी संख्या में ठेलिया आदि खड़ी थीं। आरोप है कि निगम की टीम ने ठेलिया जब्त करना शुरू कर दिया। साथ ही चालान काटाने की कार्रवाई होने लगी। इसपर वहां मौजूद लोग भड़क गए। नगर निगम की टीम और स्थानीय लोग आमने-सामने हो गए। अपर नगर आयुक्त के जाति सूचक शब्दों के प्रयोग पर लोगों का गुस्सा भड़क गया। हंगामा बढ़ने पर निगम की टीम को लौटना पड़ा। पूर्व पार्षद अमित सोनकर का आरोप है कि मलित बस्ती में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। लोगों ने अपनी समस्या बतानी शुरू की तो अधिकारी ने स्थानीय लोगों पर ही दोष देना शुरू कर दिया। जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए चालान काटने की कार्रवाई शुरू कर दी। एससी-एसटी आयोग में शिकायत की गई है।
लालकुआं निवासियों द्वारा लगाए गए सभी आरोप गलत व निराधार हैं। मेरा कभी ऐसा आचरण रहा ही नहीं। नगर निगम की टीम के पास कई ऐसे वीडियो है, जिसमें कुछ अराजक तत्वों ने टीम के साथ अभद्रता की। ऐसे लोगों को चिन्हित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-अर्चना द्विवेदी, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम


माध्यमिक विद्यालयों में भी होगा पूर्व छात्र मिलन समारोह

  • दिग्गजों से मिलेगा विद्यार्थियों को मार्गदर्शन

लखनऊ। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की तरह ही यूपी बोर्ड के स्कूलों का भी फंकशन मनाया जाएगा। अब माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड को स्टूडेंट फ्रेंडली और एडवांस बनाए जाने की दिशा में जोर शोर से तैयारी शुरू हो चुकी हैं। इसी क्रम में परिषद के अधीन संचालित स्कूलों में हर साल पूर्व छात्र मिलन समारोह आयोजित किए जाने की योजना बन रही है। ताकि अलग-अलग क्षेत्रों में बड़े-बड़े पदों पर काम कर रहे पूर्व छात्रों का संरक्षण मौजूदा छात्रों को मिल सके और वे उनके मार्गदर्शन में कॅरियर और इंडस्ट्री से जुड़े अनुभव को जानकर अपनी दिशा भी उसी अनुसार तय कर सकें। इसके लिए के लिए अलग-अलग क्षेत्र में काम कर प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों, न्यायाधीशों, राजनेताओं, इंडस्ट्रलिस्ट, इनोवेटर, वैज्ञानिक की सूची तैयार की जाएगी। जिस विद्यालय से इन सभी विभूतियों ने शिक्षा ग्रहण की है, उस विद्यालय की ओर से पूर्व छात्र मिलन समारोह के लिए आमंत्रण भेजा जाएगा। पूर्व छात्र मिलन समारोह के दौरान 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थी भी समारोह में मौजूद रहेंगे। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला के मुताबिक हम पूर्व छात्र मिलन समारोह की भी प्लानिंग कर रहे हैं, ताकि बच्चों को एक अच्छा मार्गदर्शन मिल सके।
अपलोड होगी टॉपर्स की सूची
यूपी बोर्ड के हर साल के टॉपर का नाम परिषद की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा। साथ ही उनके प्राप्त अंकों को भी अंक पत्र के रूप में वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। ताकि छात्र उनकी मेहनत से प्रेरणा ले सकें। इसकी तैयारियां चल रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से स्कूल बंद चल रहे थे। इसी दौरान माध्यमिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के ई-कंटेंट तैयार कर विभिन्न चैनलों के माध्यम से उसका प्रसारण कराया ताकि बच्चे लाइव क्लास की तरह लेक्चर का लाभ उठा सकें। इसके लिए विभाग ने योग शिक्षकों की सूची तैयार की और डॉ एपी अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में उनके लेक्चर का वीडियो शूट कराया। वीडियो लेक्चर को परीक्षण के लिए एनसीईआरटी भेजा गया। एनसीईआरटी द्वारा पास करने पर ही वीडियो लेक्चर का प्रसारण किया गया।

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