DK शिवकुमार के दांव से BJP चारों खाने चित, कर्नाटक में भाजपा का डब्बा गोल

बेंगलुरु। लोकसभा चुनावों का आगाज हो चुका है। पूरे देश में अब सियासत गरमाई हुई है और चुनावी माहौल चरम पर है। हर राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से जनता को लुभाने का प्रयास कर रहा है और अपनी-अपनी जीत के लिए योजना तैयार कर रहा है। यही वजह है कि नेताओं द्वारा आरोप-प्रत्यारोप व सियासी बयानवाजी का दौर भी लगातार जारी है। देश के अंदर हर राजनीतिक दल के बड़े से लेकर छोटे सभी नेता देश के अलग-अलग कोनों के चक्कर लगा रहे हैं और अपनी-अपनी पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं। इस बार सत्ताधारी दल भाजपा लगातार तीसरी बार देश की सत्ता पर राज करना चाह रही है। इसके लिए पार्टी अबकी बार 400 पार का लक्ष्य लेकर चल रही है। तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष है जो एकजुट होकर भाजपा को सत्ता में आने से रोकने की जुगत में लगा हुआ है।

अब कौन अपने मकसद में सफल होगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। इस बीच 400 पार की उम्मीदें लगाए बैठी भाजपा के लिए ये राह काफी मुश्किल है। इस बात को बीजेपी भी काफी अच्छे से जानती है। इसलिए वो अब साम-दाम-दंड-भेद सभी अपना रही है। अपने इस लक्ष्य के करीब भी पहुंचने के लिए भाजपा को साउथ में अच्छा प्रदर्शन करना जरूरी है। क्योंकि वहां ढंग का प्रदर्शन करके ही भाजपा अपने इस लक्ष्य के करीब भी पहुंच सकती है। वर्ना पार्टी को जीत भले मिल जाए लेकिन 400 का लक्ष्य महज एक कोरी कल्पना बनकर रह जाएगा। यही कारण है कि बीजेपी साउथ भारत में इस बार जोर भी बहुत लगा रही है। लेकिन दक्षिण में भाजपा की दाल गलना इतना आसान भी नहीं है।

क्योंकि दक्षिण में एक कर्नाटक को अगर छोड़ दें तो अन्य राज्यों में बीजेपी को अभी ढंग से खड़ा होना भी बाकी है। जिस एक कर्नाटक से बीजेपी को सबसे ज्यादा उम्मीदें थीं, उस कर्नाटक में भी इस बार भाजपा की हालत काफी खराब नजर आ रही है। इसकी वजह ये है कि एक तो कांग्रेस ने कर्नाटक में काफी जबरदस्त किलाबंदी की है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी को पार्टी के अंदर से भी लगातार नाराजगी और बगावत का सामना करना पड़ रहा है। टिकट बंटवारे में बड़े स्तर पर मौजूदा सांसदों का टिकट काटे जाने से बीजेपी के नेता पार्टी से नाराज हैं और उनमें से अधिकतर अपनी नाराजगी को सरेआम जाहिर भी कर चुके हैं। तो वहीं कुछ नेता तो खुलेआम बगावत पर उतर आए हैं। यही कारण है कि कर्नाटक में इस बार बीजेपी की राह काफी कठिन नजर आ रही है। और कहीं न कहीं ये बात बीजेपी भी अच्छे से ही जानती है।

लगातार लग रहे झटकों के बीच कांग्रेस भी भाजपा पर हमला बोलने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी खुद कर्नाटक पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और पार्टी के सत्ता से बाहर होने की बात भी कही। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भाजपा पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने आगामी लोकसभा चुनाव को दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई करार दिया। कांग्रेस सांसद ने कहा कि एक तरफ इंडिया गठबंधन संविधान बचाने के लिए लड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा है जो संविधान और और लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है। राहुल गांधी ने साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जनता से वादा करते हुए कहा कि अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आता है। तो यह सरकार आम किसानों, मजदूरों, नागरिकों और व्यापारियों की सरकार होगी।

राहुल गांधी ने कहा कि यह चुनाव दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है. एक तरफ कांग्रेस और इंडिया गठबंधन है, जिसने संविधान के लिए लड़ाई लड़ी है। देश को संविधान और लोकतंत्र दिया। दूसरी ओर भाजपा है, जो संविधान और लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है और सभी संस्थानों में अपने लोगों को बिठा रही है। राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा सरकार 22 से 25 अमीर लोगों की सरकार है, लेकिन कांग्रेस ऐसी सरकार देगी जो किसानों, मजदूरों, आम नागरिकों और व्यापारियों के लिए काम करेगी।

जाहिर है कि जैसे-जैसे चुनावों की घड़ी नजदीक आती जा रही है कर्नाटक में सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। कांग्रेस के भाजपा पर हमले भी तेज होते जा रहे हैं। इस बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी भाजपा पर जमकर निशाना साधा। सिद्धारमैया ने कहा कि कांग्रेस इस बार राज्य में 15 से 20 सीटें जीतेगी। बता दें कि कर्नाटक में दो चरण में लोकसभा चुनाव होने हैं। इस दौरान मांड्या में पहले चरण में मतदान होगा। जहां राज्य के दक्षिणी हिस्से में 14 निर्वाचन क्षेत्रों में 26 अप्रैल को चुनाव होगा। वहीं उत्तरी जिलों के लिए दूसरे चरण का मतदान 7 मई को होगा।

मांड्या लोकसभा केंद्र में कांग्रेस का मुकाबला जेडीएस से है। जद-एस भाजपा की गठबंधन की सहयोगी पार्टी है। यहां जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी और ‘स्टार चंद्रू’ के नाम से मशहूर कांग्रेस के वेंकटरमणे गौड़ा के बीच सीधा मुकाबला है। कांग्रेस को 2019 के आम चुनावों में कर्नाटक में केवल एक सीट हासिल हुई थी। जिसमें कुल 28 निर्वाचन क्षेत्र हैं। भाजपा को 25 सीटें मिली थीं। जबकि पार्टी समर्थित एक स्वतंत्र उम्मीदवार भी विजयी हुआ था। उस समय कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली जद-एस ने एक सीट पर जीत हासिल की थी।

एक ओर जहां कांग्रेस के भाजपा पर हमले तेज हो रहे हैं और कांग्रेस चारों ओर से बीजेपी की किलेबंदी कर रही है। तो वहीं दूसरी ओर भाजपा के अपने ही नेता उसके लिए आए दिन मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। प्रदेश में भाजपा को लगातार झटके पर झटके लगते जा रहे हैं। इस बीच लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को कर्नाटक में एक और बड़ा झटका लगा है। कोप्पल से नाराज बीजेपी सांसद कराडी संगन्ना ने सांसदी से इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद कराडी संगन्ना ने भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस का ‘हाथ’ थाम लिया।

कराडी संगन्ना का भाजपा से जाना और कांग्रेस में शामिल होना चुनाव से पहले बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है। संगन्ना 2019 में कोप्पल से जीते थे। लेकिन पार्टी ने इस बार कराडी संगन्ना को टिकट नहीं दिया था। जिससे वो पार्टी से नाराज थे। संगन्ना कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए। बीजेपी ने इस बार कोप्पल से बसावराज क्यावातूर को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने इस सीट से के राजशेखर बसवराज हितनाल पर दांव खेला है।

कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख और राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने पार्टी को 20 सीटें जिताने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में कराडी संगन्ना का कांग्रेस में आने उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। संगन्ना के कांग्रेस में आने से कोप्पल लोकसभा सीट पर कांग्रेस को फायदा हो सकता है। कोप्पल लोकसभा सीट से दो बार के सांसद संगन्ना इस बार टिकट कटने के बाद बीजेपी नेतृत्व से नाराज थे। 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने कर्नाटक में शानदार प्रदर्शन किया था। राज्य में तब बीजेपी की कमान बीएस येदियुरप्पा के पास थी।

तब बीजेपी को 28 सीटों में 25 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। कांग्रेस और जेडीए को एक-एक सीट मिल पाई थी। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी। बता दें कि कर्नाटक की 28 सीटों के लिए 2 चरणों में वोटिंग होनी है। जिसमें दूसरे चरण (26 अप्रैल) में उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बैंगलुरु ग्रामीण, बैंगलुरु उत्तर, बैंगलुरु सेंट्रल, बैंगलुरु दक्षिण, चिकबलपुर और कोलार की सीटो पर वोटिंग होगी। तीसरे चरण (7 मई) में चिकोडी, बेलगाम, बागलकोट, बीजापुर, गुलबर्गा, रायचूर, बीदर, कोप्पल, बेल्लारी, हावेरी, धारवाड़, उत्तर कन्नड़, दावनगेर और शिमोगा की सीटों पर वोटिंग होगी।

फिलहाल कर्नाटक में हर बीतते दिन के साथ भाजपा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में बीजेपी के 400 पार के लक्ष्य को आए दिन बड़ा झटका लगता जा रहा है। फिलहाल देखते हैं कि आगे क्या होता है।

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