सर्दियों में घर पर करें ये योगासन

  • शरीर रहेगा गर्म और फिट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
सर्दियों का मौसम आ गया है। इस मौसम में ठंडी हवाएं चलने लगती हैं। तापमान में गिरावट आ जाती है, जिससे काफी ठंड महसूस होती है। इस कारण इस मौसम में लोग घर से बाहर निकलने, खासकर सुबह और शाम के वक्त टहलने जाने से बचते हैं। जिन लोगों को पैदल टहलने या जॉगिंग,रनिंग की आदत है वो भी सर्दियों में बाहर वॉक पर नहीं जाना चाहते हैं। हालांकि स्वस्थ जीवनशैली के लिए शरीर को सक्रिय बनाए रखना जरूरी है, जिसके लिए व्यायाम और योग करना चाहिए। वहीं सर्दियों में घर से बाहर निकलने का मन न होने पर घर पर ही कुछ योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं। ये आसन शरीर को सक्रिय बनाए रखते हैं और वॉक या रनिंग जैसे लाभ भी शरीर को पहुंचाते हैं। इसके साथ ही इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं और सर्दियों में शरीर के तापमान में गर्माहट लाते हैं ताकि ठंड कम महसूस हो। तो आपको घर पर रहकर सर्दियों में इन योगासनों का अभ्यास नियमित तौर से करना चाहिए।

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार को पूरे शरीर का वर्कआउट माना जाता है। इसमें कुल 12 मुद्राएं होती हैं। नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करने से शरीर में लचीलापन आता है, शरीर में ब्लड सर्कुलेशन और ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है। दिल की बीमारियों का रिस्क कम होता है, शरीर के विषैले तत्व बाहर निकलते हैं, इम्युन सिस्टम और नर्वस सिस्टम दुरुस्त होता है और दर्द व अकडऩ से राहत मिलती है। डायबिटीज, आर्थराइटिस जैसी बीमारियों से बचाव होता है, साथ ही तनाव कम होता है। इसके नियमित अभ्यास सेहत को काफी लाभ मिलता है। वजन कम करने के साथ ही पाचन बेहतर करता है।

नौकासन

आप सर्दियों के मौसम में खुद को हेल्दी और शरीर को गर्म रखने लिए नौकासन भी कर सकते हैं। इसे इंग्लिश में बोट पोज भी कहते हैं। नौकासन का अभ्यास करने के लिए योग मैट पर पहले आराम से बैठ जाएं। अब अपने दोनों पैरों को सामने की तरफ फैला लें। दोनों हाथों को फर्श पर रखें। अब बैलेंस बनाते हुए अपने दोनों पैरों को सामने की तरफ ऊपर की तरफ धीरे-धीरे उठाएं। साथ ही पीठ और हाथों को भी फर्श से उठाएं। पैर बिल्कुल मोड़े ना। सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए दोनों पैरों को फर्श से लगभग 45 डिंग्री तक उठाकर रखें। इसी पोजीशन में लगभग 15 से 20 सेकेंड तक बने रहें। सांस लेते रहें और फिर धीरे-धीरे सांस छोडक़र पहले की अवस्था में आ जाएं।

कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति योग षट्कर्म (हठ योग) की एक विधि (क्रिया) है। संस्कृत में कपाल का अर्थ होता है माथा या ललाट और भाति का अर्थ है तेज … अर्थात कपालभाति वह प्राणायाम है, जिससे मस्तिष्क स्वच्छ होता है और इस स्थिति में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली सुचारु रूप से संचालित होती है। कई प्रकार के प्राणायाम में से एक कपालभाति प्राणायाम है, जिसके अभ्यास से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। कपालभाति से पेट की चर्बी तेजी से कम होती है। मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है और पाचन में सुधार होता है। इस प्राणायाम के अभ्यास के लिए सबसे पहले सुखासन या पद्मासन में बैठें। फिर नाक से सांस को तेज़ी से बाहर छोड़ें और पेट को अंदर की ओर खींचें। इसे 1 मिनट तक दोहराएं।

शीर्षासन

शीर्षासन का नियमित अभ्यास करके भी आप खुद को सर्दियों में गर्म रख सकते हैं। इससे एकाग्रता बढ़ती है। आंखों, दिमाग और संपूर्ण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम जैसे स्ट्रेस, एंजायटी, डिप्रेशन से भी बचाव हो सकता है। इतना ही नहीं, सर्दियों के मौसम में शीर्षासन करने से शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है। पेट की कई समस्याएं भी समाप्त होती हैं। शीर्षासन करने के लिए एक दीवार के पास सहारा लेकर आपको खड़ा होना है। सिर को फर्श की तरफ और पैरों को दीवारों पर सटा कर रखें। अपनी क्षमतानुसार इस आसान का अभ्यास करें। पहली बार कर रहे हैं तो किसी एक्सपर्ट की गाइडेंस में ही करें।

अधो मुख श्वानासन

इस आसन से पूरा शरीर स्ट्रेच होता है, जिससे मांसपेशियों में अकडऩ और दर्द से राहत मिलती है। हाथ, कंधे, पीठ और पैरों को मजबूत बनाने के लिए ये आसन असरदार है। यह आसन तनाव या स्ट्रेस को कम करता है। अधोमुख श्वानासन शारीरिक स्वास्थ्य से लेकर मानसिक स्वास्थ्य तक का ख्याल रखता है। यह शरीर में नर्वस सिस्टम के लिए अच्छा होता है, जिससे तनाव कम हो सकता है। अधोमुख श्वानासन एक कारगर स्ट्रेस रिलीविंग एक्सरसाइज है। अधोमुख श्वानासन के अभ्यास के लिए पेट के बल लेटकर पैरों और हाथों को जमीन पर रखते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं।

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