फिटनेस के लिए हर गृहणी करे ये योगासन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेहतर स्वास्थ्य के लिए हर उम्र के लोगों के लिए योगासन लाभदायक होता है। बच्चों से लेकर बड़े और पुरुषों से लेकर महिलाओं तक को नियमित योगासन का अभ्यास करना चाहिए। हालांकि ज्यादातर महिलाएं दिनभर के कामकाज के कारण खुद के लिए समय नहीं निकाल पातीं। नतीजा होता है कि महिलाओं को मोटापा, ब्लड प्रेशर, शुगर, थायराइड और घुटने के दर्द जैसी समस्याएं हो जाती हैं। ऐसे में योग महिलाओं को होने वाली इन सभी समस्याओं का स्थाई इलाज है। इन शारीरिक तकलीफों से दूर रहने और खुद को स्वस्थ रखने के लिए दिनभर के व्यस्त समय से खुद के लिए समय निकालकर कुछ योगासन जरूर करें। ये कुछ ऐसे योगासन हैं जो गृहिणी के लिए फायदेमंद हैं।
मलासन
इस योगासन का अभ्यास करने से पैरों और जांघों की हड्डियों को मजबूती मिलती है। साथ ही आसन पैरों में या जांघों में होने वाले दर्द में राहत मिलती है। मलासन का अभ्यास करने के लिए मैट बिछाकर सबसे सीधा खड़े हो जाएं। अब घुटनों को मोडक़र हाथों को नमस्ते के पोज में बैठ जाएं। इस दौरान घुटनों के बीच दूरियां बनाकर रखें। इस योगासन को करने से हिप्स और कमर की मांसपेशियां खुलती हैं और मसल्स को स्ट्रेच करता है, शरीर को टोन करने में मदद करता है और मेटाबॉलिज्म बढिय़ा रहता है।
धनुरासन
धनुरासन महिलाओं के मासिक धर्म संबंधी विकृतियों को दूर करता है। इस योगासन से मांसपेशियों का अच्छा खिंचाव होता है, जिससे पेट की चर्बी कम होती है। धनुरासन करने के लिए पेट के बल लेट कर अपने घुटनों को मोड़ते हुए टखनों को हथेलियों से पकड़ें। अब अपने पैरों और बाहों को अपनी क्षमता के मुताबिक ऊपर उठाएं। ऊपर देखते हुए कुछ देर इसी मुद्रा में रहें और फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं। इस प्रक्रिया को दोहराएं। इस आसन से शलभासन और भुजंगासन का लाभ भी मिलता है। यह आसन मेरूदंड को लचीला बनाता है, जिससे व्यक्ति का यौवनकाल अधिक समय तक रहता है।
बालासन
इस योगासन से शरीर लचीला बनता है। इस योगासन के अभ्यास से मानसिक शांति मिलती है और तनाव कम होता है। बालासन करने के लिए जमीन पर वज्रासन अवस्था में बैठ कर सांस अंदर लेते हुए अपने दोनों हाथों को सीधा सिर के ऊपर उठा लें। अब सांस बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। अपनी हथेलियों और सिर को जमीन पर टिकाते हुए लंबी सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें। हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ते हुए सिर को दोनों हथेलियों के बीच में धीरे से रख लें। कुछ देर बाद पुरानी स्थिति में आ जाएं।
सुखासन
मानसिक और शारीरिक शांति के लिए सुखासन का अभ्यास मददगार है। इस आसन को योग की शुरुआत करने से पहले किया जाता है। ताकि सांस लेने की प्रक्रिया पर नियंत्रण किया जा सके। आसन को करने के लिए जमीन पर पालथी मारकर बैठ जाएं और दोनों आंखों को बंद करते हुए हथेलियों को घुटनों पर रखें। फिर गहरी सांस लें। यह प्रक्रिया दोहराएं। सुखासन एक बहुत ही सामान्य, बुनियादी और मूलभूत योग मुद्रा है जिसका अभ्यास प्राणायाम जैसे ध्यान और सांस लेने के व्यायाम करते समय किया जाता है। इसे कमल मुद्रा या पद्मासन के विकल्प के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। मन को शांत करना और तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। आसन में सुधार और पीठ को मजबूत बनाता है। कूल्हों को खोलता है और लचीलापन बढ़ाता है। आंतरिक शांति और विश्राम की भावना को बढ़ावा देता है। मूलाधार चक्र को सक्रिय करता है।