अयोध्या जमीन खरीद मामले की जांच शुरू, पांच दिन में सीएम को देनी है रिपोर्ट
- विपक्ष के मुद्ïदा बनाने पर मुख्यमंत्री ने दिए जांच के आदेश
- विशेष सचिव राजस्व करेंगे पूरे मामले की तहकीकात
लखनऊ। योगी सरकार ने राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद अयोध्या में अफसरों, नेताओं और उनके रिश्तेदारों द्वारा बड़े पैमाने खरीदी गई जमीन की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर विशेष सचिव राजस्व राधेश्याम मिश्रा को जांच सौंपी गई है। मिश्रा को पांच दिन में जांच पूरी करके रिपोर्ट देने को कहा गया है।
राम जन्मभूमि मंदिर पर शीर्ष अदालत का फैसला आने के बाद अयोध्या में अधिकारियों-नेताओं व उनके रिश्तेदारों ने बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदी हैं। करोड़ों की ये जमीनें औने-पौने दाम पर खरीदी गई हैं। इसका खुलासा होने के बाद योगी सरकार ने इसकी जांच कराने का फैसला किया है। चुनावी मौसम में राज्य सरकार की इस कार्रवाई को काफी अहम माना जा रहा है। विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि राम मंदिर के नाम पर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। भाजपा के कई करीबियों का फायदा हो रहा है।
अफसरों-नेताओं के रिश्तेदारों ने कौड़ियों में खरीदी करोड़ों की जमीन
राममंदिर पर सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के तुरंत बाद अयोध्या की जमीन भी सोना उगलने लगी। जिस जमीन को कोई पूछने वाला नहीं था उसे अयोध्या में तैनात रहे अधिकारियों और स्थानीय नेताओं ने औने-पौने खरीद लिया। अब इसी जमीन पर नव्य अयोध्या विकसित की जानी है।
स्पष्ट है कि जब यह नगरी वैश्विक पर्यटन का केंद्र बनेगी तो कौड़ियों के भाव खरीद गई यही जमीन मुंह मांगी कीमत दिलाएगी। यह वही अयोध्या है जहां फैसला आने के पहले कोई अफसर जाना भी पसंद नहीं करता था। इस बीच कहा जा रहा है अभी कई अफसर और जमीन का सौदा करने के लिए लाइन में हैं। सुप्रीम कोर्ट से नौ नवंबर 2019 को राममंदिर के हक में फैसला आया।
चुनावी मौसम में विपक्ष को मिला बड़ा मुद्ïदा
खरीदारों में कुछ ने तो जमीन खरीदने की बात स्वीकार की है तो कुछ ने इससे साफ इनकार भी किया है। ऐसे में अब इस विवाद को शांत करने के लिए और सच्चाई पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं। अब जांच के आदेश के बीच विपक्ष ने इसे फिर बड़ा मुद्दा बना दिया है। कांग्रेस की तरफ से सीधे पीएम मोदी से स्पष्टीकरण मागां जा रहा है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि अंधेर नगरी-चौपट राजा..। अयोध्याजीवी में लूट पर प्रधानमंत्री मोदीजी मौन है, आदरणीय मोदी जी, इस खुली लूट पर अब आप कब बोलेंगे?