क्या करोड़ों की डील के कारण नहीं टूट रहा लक्ष्मी मार्केट! कौन है भूमाफिया तारा सिंह विष्ट और बाफिला के पीछे!
तारा सिंह विष्ट और बाफिला की अवैध सम्पत्तियों को न तोड़कर अफसर कर रहे हैं सीएम योगी को बदनाम
योगी के साथ अपनी तस्वीरें दिखाकर अफसरों को रौब में लेता है तारा सिंह विष्टï
पुलिस को करोड़ों रुपये की घूस की चर्चा इसलिये एलडीए के अवैध निर्माण को तोडऩे की औपचारिकता भरे पत्र पर पुलिस बल नहीं मिलता
चेतन गुप्ता
लखनऊ। भूमाफिया दिलीप सिंह बाफिला और तारा सिंह बिष्टï पर लखनऊ विकास प्राधिकरण
और पुलिस इस कदर मेहरबान है कि अवैध रूप से बने लक्ष्मी मार्केट को अभी तक ध्वस्त नहीं किया जा सका। धार्मिक आयोजन की आड़ में ध्वस्तीकरण दस्ता बैरंग लौट गया और एलडीए के अफसर एक दूसरे का मुंह ताकते रह गये।
दिलीप सिंह बाफिला ने लक्ष्मी मार्केट के पास करीब 3000 वर्गफीट क्षेत्र में अवैध रूप से कामर्शियल निर्माण किया है। एलडीए के विहित न्यायालय ने इसके ध्वस्तीकरण के आदेश दिये हैं। इस पर भूमाफिया बाफिला ने मंडलायुक्त के न्यायालय में अपील की थी जो खारिज हो चुकी है। इसके बाद प्राधिकरण ने सोमवार को अवैध निर्माण गिराने की नोटिस दी थी। लेकिन भूमाफिया को एलडीए में बैठे उसके सिंडीकेट के लोगों ने पहले ही सूचना दे दी। जिस पर बाफिला ने एक योजना के तहत विवादित स्थान पर धार्मिक आयोजन शुरू करा दिया। इसी तरह पहले भूमाफिया तारा सिंह विष्टï ने भी धार्मिक आयोजन की आड़ में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को स्थगित करा दिया था।
आरोप है कि बाफिला ने कई आईएएस और आईपीएस अफसरों को जमीनें गिफ्ट की हैं। इसी के चलते कोई अफसर व अधिकारी उनसे लड़ाई मोल नहीं लेना चाहता। मंडलायुक्त रोशन जैकब के आदेश तक दरकिनार कर दिए गए। हकीकत यह है कि गोमतीनगर विस्तार स्थित लक्ष्मी मार्केट गिराए जाने की कार्रवाई करने की हिम्मत कोई नहीं दिखा रहा है। बल्कि अधिकारी व अफसर मौके पर जाकर खानापूर्ति कर रहे हैं ताकि लगे कि प्रशासनिक कार्रवाई जारी है। जबकि अंदरखाने लक्ष्मी मार्केट न तोडऩे के लिए करोड़ों की डील हुई है।
यही नहीं, एलडीए यजदान बिल्डर के मामले में भी हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी की गई। इस अवैध बिल्डिंग को तोडऩे के मामले में किसान यूनियन से वार्ता तो की, पर उनकी बात सुनी नहीं गई। बताया जा रहा है कि गोमतीनगर विस्तार स्थित लक्ष्मी मार्केट नहीं तोड़ा जा रहा, बल्कि अधिकारी और अफसर इस कार्रवाई को मैनेज करने के साथ कॉम्प्लेक्स को बचाने में जुटे हैं। इसमें बड़ी डील चल रही है। दरअसल, कुछ दिन पहले मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने गोमतीनगर विस्तार स्थित लक्ष्मी मार्केट और भूमाफिया दिलीप सिंह बाफिला के अवैध कॉम्प्लेक्स को ध्वस्त होने से रोकने की अपील खारिज कर दी है। उन्होंने एलडीए के ध्वस्तीकरण आदेश को सही ठहराते हुए अवैध निर्माण गिराने का आदेश दिया। भू-माफिया दिलीप सिंह बाफिला ने गोमतीनगर विस्तार में अवैध ढंग से दुकानें और कॉप्लेक्स बनवा ली हैं। एलडीए ने इसका ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया था। विरोध में बाफिला ने कमिश्नर कोर्ट में अपील की थी।
कमिश्नर ने अपने आदेश में लिखा है कि बाफिला की बिल्डिंग भू-उपयोग के विपरीत बनी है। भू-उपयोग आवासीय है, लेकिन इसमें वर्तमान में भूतल, प्रथम तल, द्वितीय तल का कॉम्प्लेक्स बना है। मौके पर दुकानों के बड़े-बड़े बोर्ड भी लगे हैं। कमिश्नर ने उसकी अपील आधारहीन होने से निरस्त कर दी। आदेश की प्रति प्राधिकरण को भेज दी गयी थी। ताकि प्राधिकरण इसे ध्वस्त कराए। इसके अलावा तारा सिंह बिष्ट ने भी अवैध तरीके से गोमती नगर विस्तार में लक्ष्मी मार्केट बना रखा है। कमिश्नर ने तारा सिंह बिष्ट की भी अपील खारिज कर दी थी। बता दें कि दिलीप सिंह बाफिला अपनी हिमालयन सोसायटी के नाम पर सरकारी व किसानों की जमीनों पर कब्जा करके प्लॉटिंग करता है। 2015 में गोमतीनगर पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा था।
बाफिला और बिष्टï के एक इशारे पर खोल दिये जाते हैं सील हुए अवैध निर्माण
नवंबर 2019 में गोमती नगर विस्तार के सेक्टर एक में दि हिमालयन सुपर हॉस्पिटल के नाम से आरक्षित जमीन का इस्तेमाल दिलीप सिंह बाफिला मैरिज लॉन के तौर पर कर रहा था। अवैध तरीके से निर्माण व इस्तेमाल करने पर एलडीए ने इसे सील कर दिया था। बेटे की शादी के मौके पर बाफिला के कहने पर एलडीए ने मैरिज लॉन की सील खोल दी थी। हालांकि बाद में विहित प्राधिकारी पीसी पांडेय के निर्देश पर इसे दोबारा से सील कर दिया गया था।
बाफिला और बिष्ट के रुतबे के आगे बौने साबित हो रहे एलडीए अफसर
पैसे के दम और एलडीए के अफसरों व कर्मियों की मिलीभगत से भू-माफिया दिलीप सिंह बाफिला और तारा सिंह बिष्ट ने राजधानी लखनऊ में अरबों रुपये की सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है। एलडीए में उसका रूतबा यहां तक पहुंच गया था कि वह सीधे अर्जन विभाग में घुसकर गोपनीय फाइलों से छेड़छाड़ करता और कर्मचारी उसके सामने हाथ बांधे खड़े रहते। बाफिला पर दर्जन भर से अधिक मुकदमे दर्ज हैं लेकिन मजाल उसके खिलाफ किसी अधिकारी ने कोई कड़ी कार्रवाई की हो। वह पैसे के बल पर अब तक कई मामलों को रफा-दफा भी करा चुका है। दिलीप सिंह बाफिला हिमालयन सहकारी आवास समिति का चेयरमैन भी रह चुका है। उस पर सरकारी सहित किसानों की जमीन कब्जाने के दर्जन भर से अधिक मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं। हालांकि उसने पैसे के बल पर कई मामले खत्म करवा दिए हैं।
बाफिला और बिष्ट के अवैध निर्माण को गिराने की पूरी तैयारी है। कल पुलिस फोर्स नहीं मिल पायी थी जिस वजह से कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया जा सका। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर से बात कर फोर्स मांगी जायेगी। – डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी, उपाध्यक्ष, एलडीए
प्रकरण की जानकारी नहीं है। एलडीए अफसरों से बात कर अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई करायी जायेगी। – नितिन रमेश गोकर्ण प्रमुख सचिव, आवास