उफ! इस नींबू ने तो निचोड़ ही दिया
राजधानी की सब्जी मंडियों में ढाई से तीन सौ रुपये किलो बिक रहा नींबू
- पंद्रह दिन से बाजार में लगातार चढ़ रहे भाव, बिगड़ गया आम आदमी का बजट
- गर्मी में राहत देने वाला नींबू रसोई से गायब, खरीदारी 70 फीसदी तक घटी
- 4पीएम की टीम के सामने छलका व्यापारियों और ग्राहकों का दर्द
क्षितिज कान्त
लखनऊ। महंगाई के कटे पर अब नींबू भी निचोड़ दिया गया है। गर्मी में आम से खास तक को राहत देने वाला नींबू भी अब अपने तेवर दिखाने लगा है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सब्जी मंडियों में नींबू ढाई से तीन सौ रुपये किलो बिक रहा है। इसके कारण आम आदमी की रसोई से नींबू गायब हो गया है। बढ़ते दामों को लेकर सब्जी विक्रेताओं और ग्राहकों के बीच रोजाना तू-तू-मैं-मैं देखने को मिल रही है। वहीं व्यापारियों का कहना है कि थोक में दाम बढऩे का असर सब्जी के फुटकर व्यापार पर पड़ रहा है। नींबू के आसमान पर पहुंचे दामों ने आम आदमी की जेब निचोड़ दी है। 4पीएम की टीम ने जब राजधानी की सब्जी मंडियों में व्यापारियों और ग्राहकों से बात की तो उनका दर्द छलक पड़ा।
देश में महंगाई से हाहाकार मचा है। आम आदमी की थाली से सब्जियां और नींबू नदारद हो गए हैं। 4पीएम की टीम ने जब सब्जी मंडियों का जायजा लिया तो वहां ग्राहकों का टोटा नजर आया। बस कुछ लोग सब्जी की दुकानों पर दिखे। कुछ तो नींबू के दाम सुनकर ही वापस लौट गए। सब्जी विक्रेता अभिषेक ने बताया कि नींबू दो सौ रुपये किलो बिक रहा है। इसके कारण खरीदारी आधी हो चुकी है। सब्जी की लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है। दस रुपये में एक नींबू है। रेट सुनकर ही ग्राहक लौट जाते हैं। सभी सब्जियां बेहद महंगी हो चुकी हैं। महंगाई के कारण जो ग्राहक एक किलो सब्जी लेते थे वे आधा किलो ले रहे हैं। सब्जी खरीदने आईं कल्ली देवी का कहना है कि इतना महंगा नींबू कैसे खरीदेंगे। दस रुपये में एक नींबू लेने से अच्छा है आधा किलो आलू खरीद कर एक टाइम की सब्जी बना लें। महंगाई ने हालत खराब कर दी है। सरकार अगर महंगाई कंट्रोल नहीं करेगी तो आम आदमी कैसे जी सकेगा। सब्जी खरीदने आए अधिकांश ग्राहकों का कहना है कि गर्मियों में नींबू की मांग बढ़ जाती है। पहले इस मौसम में नींबू दस रुपये के तीन या चार मिल जाते थे लेकिन आज इसके दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। ग्राहक विष्णु पांडेय ने बताया कि नींबू और अन्य सब्जियों के रेट काफी बढ़ गए हैं। इससे काफी दिक्कत हो रही है। दुकानदारों को अपना थोड़ा मुनाफा कम करना चाहिए। वहीं सब्जी खरीदने आए आरएस पांडेय का कहना है कि नींबू की आवक कम हो गयी है इसलिए दामों में इजाफा हुआ है। इसका असर जनता की जेब पर पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल के महंगे होने से ढुलाई बढ़ गयी है, इससे दाम तेजी से बढ़े हैं। सरकार को महंगाई पर नियंत्रण करना चाहिए ताकि जनता को राहत मिल सके। एसआर शुक्ला का कहना है कि महंगाई इतनी बढ़ गयी हैं कि आम आदमी का रसोई का बजट बिगड़ गया है। अब चीजें बर्दाश्त के बाहर चली गयी हंै। पेट्रोल और डीजल का दाम बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारें जिम्मेदार हैं।
बस ग्राहकों का करते हैं इंतजार
सब्जी विक्रेता पिंटू यादव का कहना है कि सब्जी के दाम बढऩे के कारण खरीददारी घटी है। ग्राहकों का इंतजार रहता है। हालत यह है कि केवल तीस फीसदी लोग ही आज सब्जी खरीद रहे हैं। लोगों ने सब्जी पर अपना बजट कम कर दिया है। इसके कारण काफी नुकसान हो रहा है।
सभी बोले, महंगाई कम करे सरकार
व्यापारी से लेकर आम आदमी तक महंगाई की मार से परेशान हैं। सभी की मांग है कि सरकार को कम से कम खाने-पीने की चीजों की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण लगाना चाहिए। महंगाई बर्दाश्त के बाहर हो चुकी है। सब्जियों की बिक्री नहीं होने से व्यापारी परेशान हैं तो आम जनता महंगाई के कारण खरीदारी से हाथ खींच चुकी है।
नींबू 240 रुपये किलो बिक रहा है। ग्राहकों से दामों को लेकर बहस हो जाती है। थोक दाम बढऩे से फुटकर में भी नींबू महंगा बिक रहा है। अलग-अलग मंडियों में अलग-अलग दाम हैं। कहीं यह 70 रुपये पाव बिक रहा है तो कहीं 80 रुपये में ढाई सौ ग्राम है।
महेश मौर्य, अध्यक्ष, पत्रकारपुरम सब्जी मंडी