राज्यसभा के सभापति सत्तारूढ़ व्यवस्था के चीयरलीडर नहीं: जयराम रमेश
- किसानों ने टाली मोदी सरकार की साजिश
- बोले-अम्पायर की भूमिका निभाएं जगदीप धनखड़
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस ने राहुल गांधी की आलोचना को लेकर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर हमला बोला है। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि राज्यसभा के सभापति को अम्पायर की भूमिका में होना चाहिए, वह किसी सत्तारूढ़ व्यवस्था का चीयरलीडर नहीं हो सकते हैं।
कांग्रेस ने यह प्रतिक्रिया तब दी जब धनखड़ ने राहुल गांधी के संसद में विपक्ष का माइक बंद किए जाने के बयान की कड़ी आलोचना की। बता दें कि धनखड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की परोक्ष रूप से आलोचना करते हुए कहा कि विदेशी धरती से यह कहना मिथ्या प्रचार और देश का अपमान है कि भारतीय संसद में माइक बंद कर दिया जाता है। जयराम रमेश के अनुसार, राहुल गांधी के बारे में उपराष्ट्रपति का बयान हैरान करने वाला है तथा उन्होंने सरकार का बचाव किया जो निराशाजनक है। उन्होंने कहा राहुल गांधी पर उपराष्ट्रपति का बयान चौंकाने वाला है, क्योंकि भारत के उपराष्ट्रपति का कार्यालय संविधान से बंधा होता है और वह राज्यसभा के सभापति के रूप में अपनी अतिरिक्त जिम्मेदारियां निभाते हैं। लेकिन यहां कई कार्यालय ऐसे हैं जिन्हें अपने दुराग्रह छोडऩे चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों की जमीन को पूंजीपतियों को सौंपना चाहती थी पर इस साजिश को किसानों के आंदोलन के चलते कुछ समय के लिए नाकाम कर दिया गया। चूंकि सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़े थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सवाल पूछते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अहमदाबाद में भारत-आस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट टेस्ट मैच का जिक्र करते हुए कहा कि अपने जीवनकाल में अपने ही नाम पर बनवाए स्टेडियम में सम्मानित होने पर इन सवालों को पूछने का उचित समय है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के कठोर श्रम से भारत के खाद्यान्न रसद को एक समूह को सौंपने की साजिश है। सरकार के कृषि के काले कानून वापस लेने से यह साजिश कुछ समय के लिए टल गई है। उन्होंने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि उपभोक्ता मामले और खाद्यान्न वितरण मंत्रालय सीडब्ल्यूसी के पक्ष में हैं जबकि वाणिज्य और कानून मंत्रालय मुंद्रा पोर्ट के पास स्थित दो प्रमुख सीडब्ल्यूसी वेयरहाउसों को अपने नियंत्रण में लेना चाहते हैं।
समिति की नियुक्तियों में सलाह नहीं लेते उपराष्ट्रपति
जयराम रमेश का धनखड़ पर समिति की नियुक्तियों में सलाह नहीं लेने का आरोप कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि संसदीय समिति का अध्यक्ष होने के बावजूद राज्यसभा सचिवालय में समिति से जुड़ी नियुक्तियों में उनसे कोई सलाह नहीं ली गई थी। कांग्रेस महासचिव का यह बयान राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के उस बयान के बाद आया जिसमें बीस समितियों के पसर्नल स्टाफ के आठ सदस्यों की नियुक्ति में लिए अपने फैसले का बचाव किया था।
कर्नाटक में चार बार के भाजपा एमएसली कांग्रेस में शामिल
नई दिल्ली। कर्नाटक में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बड़ा झटका लगा है। यहां भाजपा से चार बार के विधान परिषद के सदस्य रहे दिग्गज नेता पुत्तन्ना ने पद और पार्टी से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस जॉइन कर ली। उन्हें एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, एलओपी सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई। बता दें कि एक दिन पहले ही पुत्तन्ना ने एमएलसी और भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। पुत्तन्ना विधान परिषद के चार बार के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने बेंगलुरु शहरी, बेंगलुरु ग्रामीण और रामनगर जिलों के शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। पुत्तन्ना को अक्टूबर 2020 में विधान परिषद के लिए दोबारा चुना गया था और उनका कार्यकाल अक्टूबर 2026 को खत्म होना था।