तो जनता के मुद्दे उठाने पर सांसदों के हो रहे निलंबन!

4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्घजनों ने किया मंथन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को बुधवार को राज्य सभा से निलंबित कर दिया है। एक दिन पहले उन्होंने चेयर की तरफ नारेबाजी करते हुए कागज फाड़कर उछाले थे, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई। ऐसे में सवाल उठता हैं कि आम आदमी की आवाज उठाने पर सांसदों का निलंबन कहां तक उचित है? इस मुद्ïदे पर आप नेता प्रियंका कक्कड़, शुभ लक्ष्मी एजुकेशनिस्ट, सीपी राय लेखक व चिंतक, डॉ राकेश पाठक वरिष्ठ पत्रकार और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
डॉ. सीपी राय ने कहा लोकतंत्र का आधार है संवाद। पुरातन शिक्षा भी संवाद का हिस्सा रही। लोकतंत्र भी उसी से मजबूत होता है कि एक दल ने बोलना बंद किया तो दूसरे ने जारी किया। संवाद होते रहना चाहिए। प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि इस सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। महंगाई का जवाब नहीं, पेगासस का जवाब नहीं, इनके पास कई चीजों का जवाब नहीं है। गुजरात में शराब से कई मौतें हो गई, कोई चर्चा नहीं हुई इस पर। संजय सिंह ने ये मुद्ïदा उठाया वे इस पर भाग रहे हैं। डॉ. राकेश पाठक ने कहा कि अरूण जेटली का बयान है कि सदन को बाधित करना भी लोकतंत्र है। लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज भी ऐसे बयानों से बखान करते थे कि सदन को न चलने देना भी लोकतांत्रिक है। सदन को चलाना सरकार की जिम्मेदारी है। यूपीए टू में 68 फीसदी समय तत्कालीन प्रतिपक्ष भारतीय जनता पार्टी ने जाया किया था। मोदी ने कहा कि गुजरात मॉडल लाएंगे। देश में तो सत्तापक्ष तो हावी ही होगा। प्रतिपक्ष की बात कम सुनी जाएगी। शुभ लक्ष्मी ने कहा जब मैं ऑर्टिकल पढ़ती हूं तो बड़ा मजा आता है। बंगाल का पार्थ कम, चिकन ज्यादा छप रहा है। इतने घंटे सदन के बर्बाद हुए इन लोगों के स्ट्राइक की वजह से ये छप रहा है जबकि जो मुद्ïदे हैं देश के उनको दबाया जा रहा है, वे नदारद है। डेमोक्रेसी का मतलब ही खत्म हो गया, लोगों के बोलने का ही मतलब खत्म हो गया।

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