देश में कौन फैला रहा नफरत का माहौल?

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में अजान के वक्त हो रहा हनुमान चालीसा का पाठ

4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्धों ने उठाए कई सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने जब संविधान का निर्माण किया तो सभी को समान अधिकार दिया लेकिन आज हालात ठीक उलट दिख रहे हैं। उनकी जयंती के समय पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में अजान के वक्त हनुमान चालीसा का पाठ लाउडस्पीकर के जरिए शुरू किया गया। क्या धूमधाम से बाबा साहेब की जयंती मनाने वाले सत्ता धारी सियासी दल संविधान को लागू कर पा रहे हैं? देश में नफरत का माहौल कौन पैदा कर रहा है? इस मुद्दे पर राजनीतिक विश्लेषक अशोक वानखेड़े,, प्रो. सुधांशु कुमार, पत्रकार विनीत नारायण, आप प्रवक्ता वंशराज दूबे, प्रो. जितेंद्र मीना और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के बीच लंबी परिचर्चा हुई।
प्रो. सुधांशु कुमार ने कहा कि ऐसा नहीं है हनुमान चालीसा का पाठ पहले मंदिरों में नहीं होता था, परेशानी तब होती है जब आप टारगेट करते हैं कि जब अजान होगी तो हम हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। प्रो. जितेद्र मीना ने कहा जिस तरह की परिकल्पना संविधान की गई थी उसमें टालरेंस की बात की गई थी। लोगों को अपनी पूजा पद्धति, परंपरा अपनाने की आजादी दी गई थी। जो नफरत का एजेंडा चल रहा है ये आज का एक राष्ट्रीय प्रोजेक्ट है इसे समझना चाहिए। अशोक वानखेड़े ने कहा, दलित व अन्य जातियों के बीच राजनीति समझ पैदा हुई। लिहाजा सियासी समीकरण अपने फेवर में लाने के लिए दलित, ओबीसी अनिवार्य हो गया है। विनीत नारायण ने कहा, लाउडस्पीकर पर धर्म का प्रचार समाज के हक में नहीं है। 2014 में मैंने सुप्रीम कोर्ट में लाउडस्पीकर बैन करने को लेकर पीआईएल दायर की थी। कोर्ट ने कहा कि एक लेवल से ऊपर शोर न हो इसको थाना इंशोयर करे। वंशराज दुबे ने कहा कि एक ओर ये हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे है दूसरी ओर राम मंदिर के नाम पर बड़ा घोटाला किया गया। हनुमान जी को संकट मोचक कहा जाता है लेकिन ये लोग आज देश को संकट में डालने का काम कर रहे है।

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