इस बार बोर्ड परीक्षा केंद्र बनाने की जिम्मेदारी डीएम के हवाले
- हाईस्कूल और इंटर परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण नीति में बदलाव
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा-2021 के लिए केंद्र निर्धारण की नीति जारी हो गई है। इस बार के निर्धारण की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव गया है। बोर्ड परीक्षा में पहले बालिका विद्यालयों को सेंटर बनाया जाएगा। बालिका विद्यालयों को राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों पर वरीयता दी गई है। इसके बाद जरूरत के मुताबिक सेंटर बनाए जाएंगे।
पिछले साल राजकीय सहायता प्राप्त और वित्तविहीन कॉलेज के आधार पर सेंटर का निर्धारण किया गया था। इस बार परीक्षा केंद्रों पर सुविधा संबंधी जांच डीआईओएस नहीं बल्कि डीएम की ओर से बनाई गई टीम करेगी। एक पाली में 150 से कम विद्यार्थियों की संख्या वालों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। परीक्षा केंद्र बनाने की पूरी जिम्मेदारी डीएम के हवाले कर दी गई है। डीएम की ओर से तय केंद्रों की सूची डीआईओएस यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे।
9 फरवरी को जारी होगी अंतिम सूची
4 फरवरी तक छात्र व प्रधानाचार्य प्रबंधक के प्रत्यावेदन व आपत्तियों के निराकरण के बाद कोई आपत्ति होगी तो ली जाएगी। इसके बाद 9 फरवरी तक जिला समिति के अनुमोदन पर केंद्र निर्धारण समिति ईमेल आईडी पर निर्धारित तिथि तक आपत्तियों का परीक्षण कर अंतिम सूची वेबसाइट पर जारी करेगी।
कम से कम 150 और अधिकतम 800 छात्रों का सेंटर बनेगा
यूपी बोर्ड परीक्षा में कोविड-19 गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। परीक्षा में कम से कम 150 और अधिकतम 800 छात्रों का सेंटर बनाया जाएगा। कोरोना के चलते प्रत्येक विद्यार्थी के लिए 36 वर्ग फीट का क्षेत्रफल तय किया गया है। 5 दिसंबर तक सभी प्रधानाचार्य विद्यालय की आधारभूत सूचनाएं यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। 20 दिसंबर तक सूचनाओं का भौतिक सत्यापन जिला समिति करेगी। इसके बाद 26 दिसंबर तक जिला समिति भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड होगी। 11 जनवरी तक सूचना और रिपोर्ट के आधार पर केंद्रों का ऑनलाइन चयन कर जिला समिति के निरीक्षण रिपोर्ट की अपलोड जाएगी। इसके बाद 16 जनवरी तक एक्जाम सेंटर को लेकर आपत्तियां व शिकायतें ली जाएंगी। 25 जनवरी तक डीआईओएस को आपत्तियों का परीक्षण व निस्तारण की सूचना वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। 31 जनवरी तक आपत्तियों को परीक्षण की रिपोर्ट की जांच डीएम व उनकी कमेटी करेगी।
प्रताडि़त महिलाओं की मदद के लिए यूपी 112 का दायरा और बढ़ा
- घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं करा सकती हैं पंजीकरण
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश पुलिस की आपात सेवा (यूपी 112) ने घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं की मदद के लिए अपनी सेवाओं का दायरा और बढ़ा दिया है। घरेलू हिंसा की शिकार महिलाएं 112 पर कॉल करके अपना पंजीकरण करा सकती हैं। पंजीकरण के समय महिला का विवरण 112 के सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाएगा ताकि जरूरत के समय त्वरित पुलिस सहायता दी जा सके।
अभी रोजाना करीब 1300 विभिन्न प्रकार की हिंसा से प्रभावित महिलाएं 112 को कॉल कर मदद ले रही हैं, जिनमें औसतन 800 मामले घरेलू हिंसा से संबंधित होते हैं। इससे पहले सवेरा योजना के तहत प्रदेश भर में 7 लाख बुजुर्गों का पंजीकरण किया गया है। पंजीकृत बुजुर्ग 112 को कॉल कर के कई तरह की सहायता ले रहे हैं। मिशन शक्ति शुरू होने के बाद अब घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को पंजीकरण कराने के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। प्रदेश में 300 महिला पीआरवी पहले से तैनात है। इस पीआरवी पर केवल महिला पुलिसकर्मियों की ही ड्यूटी लगाई जाती है। इन महिला पुलिस कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है।
महिलाओं द्वारा पंजीकरण कराने के बाद महिला पीआरवी पीडि़त महिला के घर जाकर विस्तृत जानकारी लेगी। इसमें जीपीएस लोकेशन और समस्या का डिटेल भी दर्ज किया जाएगा। बाद में ऐसी महिलाओं द्वारा 112 को कॉल किए जाने पर अधिक जानकारी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। शिकायत मिलते ही त्वरित रिस्पॉन्स के लिए निकटतम पीआरवी और महिला पीआरवी को मैसेज भेजा जाएगा, जो कार्रवाई करेंगी।
कैसे ले सकते हैं मदद
्र 112 पर कॉल करके अपना पंजीकरण कराएं।
्र रजिस्ट्रेशन में महिलाओं का नाम व पता आदि दर्ज होगा।
्र महिला पीआरवी पीडि़ता के घर जाकर उनके अधिकारों के बारे में बताएगी।
्र प्रताडऩा करने वालों को पुलिस सचेत करेगी।
्र आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
सर्दी में सांस व दिल के तीस फीसदी मरीज बढ़े
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लखनऊ। सर्दी की वजह से अस्थमा व सांस के साथ दिल के मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिवाली के बाद बलरामपुर और सिविल अस्पताल सहित शहर के अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों व डॉक्टरों के यहां 20 से 30 फीसदी मरीजों की संख्या बढ़ गई है। बलरामपुर और सिविल अस्पताल की ओपीडी में सामान्य दिनों के मुकाबले सांस और दिल के मरीजों की संख्या में करीब 20 फीसदी इजाफा हुआ। हालांकि कोरोना के डर से मरीज अस्पतालों में जाने के बजाय निजी डॉक्टरों के यहां जा रहे हैं।
बलरामपुर अस्पताल के चेस्ट फिजीशियन डॉ. एके गुप्ता बताते हैं कि दिवाली के बाद मरीजों की संख्या बढ़ गई है। अस्पताल में करीब 125 अस्थमा व सांस के मरीज आ रहे हैं। मरीज दवाएं न बन्द करें। दिवाली के पहले यह संख्या 100 के भीतर थी। यही हाल सिविल अस्पताल की ओपीडी का है। यहां भी करीब 100 सांस के मरीज आ रहे हैं। सिविल अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राजेश श्रीवास्तव बताते हैं कि ओपीडी में अनियंत्रित ब्लड प्रेशर, सांस फूलने और सीने में दर्द वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। ओपीडी में मरीजों की संख्या 100 से ऊपर पहुंच गई है। बलरामपुर में भी दिल के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। दिल के मरीज दवाएं बन्द न करें। दिक्कत होने पर डॉक्टर की सलाह लें।
मास्क से प्रदूषण का बचाव संभव
डॉ. एके गुप्ता बताते हैं घर से बाहर निकलने वाले हर व्यक्ति को मास्क लगाना चाहिए। मास्क लगाने से कोरोना के साथ प्रदूषण से भी बचाव सम्भव है।
15 दिसंबर से 6वीं से 8वीं तक के स्कूल खोलने पर सहमति नहीं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश में कक्षा छह से आठ तक के स्कूलों के 15 दिसंबर से खुलने की संभावना नहीं है। इस संबंध में सरकारी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने डीआईओएस को रिपोर्ट भेजकर अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है।
प्रधानाचार्य स्कूल खोलने के हक में नहीं हैं। उनका कहना है कि कोरोना के खौफ के चलते कक्षा 9 से 12 तक खुल रहे स्कूलों में भी विद्यार्थियों की संख्या बेहद कम है। परिषदीय विद्यालय भी अब तक नहीं खुल सके हैं। लिहाजा जूनियर हाईस्कूल भी अभी नहीं खोले जाने चाहिए। डीआईओएस को भेजी रिपोर्ट में प्रधानाचार्यों ने कहा है कि कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में स्कूल खोलना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं होगा। गौरतलब है कि यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने 24 नवंबर को सभी जिलों के डीआईओएस को पत्र जारी कर जूनियर हाईस्कूल खोलने को लेकर फीडबैक मांगा था। जानकारी के अनुसार 70 फीसदी प्रधानाध्यापकों ने 15 दिसंबर से स्कूल खोलने पर नकारात्मक फीडबैक दिया है। माना जा रहा है कि इस स्थिति में सरकार फिलहाल जूनियर हाईस्कूल नहीं खोलेगी। प्रधानाचार्यों की ओर से मिले इस फीडबैक के आधार पर डीआईओएस ने अपनी रिपोर्ट बोर्ड के सचिव को सौंप दी है। बोर्ड ने यह रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर उतारा गया वायुसेना का हेलीकॉप्टर
लखनऊ। आगरा एक्सप्रेस-वे के बाद अब सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के रनवे पर वायुसेना का हेलीकॉप्टर लैैंड कराया गया। वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर अयोध्या-अंबेडकरनगर के बीच बन रही 3300 मीटर लंबी एयर स्ट्रिप पर वायुसेना फ्रंास से आए आधुनिक राफेल विमानों को भी उतार सकती है।