घातक हो रहा है कोरोना का डेल्टा वेरिएंट

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने एक बार फिर से विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। खासकर डेल्टा वेरियंट के बढ़ते मामलों ने स्थिति की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। इस वक्त देश के दस राज्यों में हालात डेल्टा वैरिएंट के कारण लगातार खराब होते जा रहे हैं। इन दस स्टेटï्स में आर-वैल्यू लगातार बढ़ रही है। आर-वैल्यू का मतलब है कि एक संक्रमित व्यक्ति कितने अन्य लोगों को संक्रमित करता है जिनके संपर्क में वह आता है। इसके जरिए यह समझने की कोशिश की जाती है कि कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं या घट रहे हैं। वर्तमान में आर का मान 1.01 है। इसका मतलब है कि एक व्यक्ति एक से अधिक लोगों को संक्रमित कर रहा है।
कोरोना संक्रमण की दूसरी घातक लहर के बीच मार्च में मामले बढऩे पर आर वैल्यू करीब 1.4 थी, लेकिन मई में जब कुल मामले घटने लगे तो यह गिरकर 0.7 के आसपास रह गया। अब एक बार फिर आर वैल्यू में बढ़ोतरी चिंता का विषय है। जानकारों का मानना है कि सिर्फ वैल्यू बढऩे से किसी जिले या राज्य को रेड जोन में नहीं रखा जा सकता है। कम से कम 10 राज्यों का आर की वैल्यू राष्ट्रीय औसत 1.01 से अधिक है। दिल्ली और महाराष्ट्र (दोनों 1.01 पर) राष्ट्रीय औसत के करीब आ गए हैं। मध्य प्रदेश (1.31) में उच्चतम आर मान है, इसके बाद हिमाचल प्रदेश (1.30) और नागालैंड (1.09) है। केरल, जहां वर्तमान में एक दिन में 20,000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं, वहां पर आर का क्र मान 1.06 है। कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के लिए भी यह संख्या 1 से ऊपर है।
हालांकि जानकार बता रहे हैं कि अभी हर राज्य में आर वैल्यू खतरनाक नहीं है। उदाहरण के लिए मध्य प्रदेश जहां आर वैल्यू सबसे ज्यादा है लेकिन यहां एक दिन में 30 से कम मामले सामने आ रहे हैं। अनियमित दैनिक संख्या के कारण आर का मान अधिक है, लेकिन यह जोखिम का संकेत नहीं देता है क्योंकि परीक्षण किए गए सकारात्मक मामलों की कुल संख्या कम है।
राज्यों में कोरोना के मामलों के लिए आर वैल्यू का विश्लेषण कुछ व्यापक पैटर्न की ओर इशारा करता है। आंकड़ों से पता चलता है कि दूसरी लहर, जो अभी भी देश के उत्तर पूर्व में मजबूत थी, अब मामलों को कम कर रही है। पूर्वोत्तर राज्यों में से केवल नागालैंड में इस सूचक के लिए एक से अधिक मान हैं। रोजाना एक हजार से ज्यादा केस वाले राज्यों में मिजोरम, असम और ओडिशा का मान एक से कम है, लेकिन इन राज्यों में भी संक्रमण और मौत की आशंका ज्यादा बनी हुई है. गौरतलब है कि कोरोना की तीसरी लहर दुनिया के कई देशों में कहर बरपा रही है। ऐसे में भारत भी सावधानी बरतने की जरूरत है।

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