ऑक्सीजन की कमी से यूपी में नहीं थम रहा मौतों का सिलसिला
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा- राष्टï्रीय संकट में मूकदर्शक नहीं रह सकते हम
- मेरठ में नौ और आगरा में आठ कोरोना मरीजों की मौत, सरकार के दावों की खुली पोल
- राजधानी लखनऊ समेत कई शहरों में अपनों के लिए गैस प्लांटों पर लाइन में लगे रहे लोग
- सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सरकार पर साधा निशाना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क. लखनऊ। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच ऑक्सीजन की कमी से संक्रमित मरीजों की मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। मेरठ में नौ और आगरा में आठ मरीजों की मौत ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण हो गई है। राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के तमाम शहरों में लोग अपनों को बचाने के लिए आज भी गैस प्लांटों में लाइन पर लगे रहे। इसने सरकार के ऑक्सीजन की कमी नहीं है, के दावों की पोल खोल दी है। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ऑक्सीजन की कमी पर योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि ऑक्सीजन को लेकर सरकार लगातार झूठ बोल रही है। दूसरी ओर कोरोना संकट पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि यह राष्टï्रीय संकट है और हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते हैं। मेरठ में ऑक्सीजन संकट का बढ़ता जा रहा है। ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे केएमसी अस्पताल में पिछले 24 घंटे में नौ लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं जिला प्रशासन का दावा है कि पर्याप्त ऑक्सीजन सिलिंडर थे। ऑक्सीजन की कमी के कारण कई निजी अस्पतालों ने नए मरीजों को भर्ती करने तक से हाथ खड़े कर दिए। इनके प्रबंधन का कहना है कि उन्हें मांग के अनुरूप ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। केएमसी अस्पताल के चेयरमैन डॉ. सुनील गुप्ता का कहना है कि मरीजों की जरूरत के मुकाबले ऑक्सीजन बहुत कम है। वहीं आगरा में मंडी समिति स्थित अपेक्स हॉस्पिटल में आज सुबह ऑक्सीजन की कमी से तीन मरीजों की मौत हो गई है। हॉस्पिटल में भर्ती पुष्पा शर्मा चार दिन से हॉस्पिटल में भर्ती थींं। बेटे तपिश ने बताया कि ऑक्सीजन की कमी के चलते वे देर रात जिलाधिकारी से मिलने के लिए गए थे लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। वही निधौली कलांं निवासी आलोक कुमार और फतेहाबाद निवासी पुष्पा की ऑक्सीजन की मौत हो गई। इसके पहले श्री पारस हास्पिटल और उपाध्याय हास्पिटल में सोमवार रात आक्सीजन खत्म होने से पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि जिस तरह प्रदेश के लोग ऑक्सीजन के लिए भटक रहे हैं वह बेहद दुखद है। भाजपा सरकार सरेआम झूठ बोल रही है कि कहीं कोई कमी नहीं है।
तूतीकोरिन प्लांट खोलने मुहर
सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता के स्टरलाइट प्लांट में ऑक्सीजन उत्पादन करने की मंजूरी दे दी है। कोरोना संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऑक्सीजन उत्पादन करने का आदेश जारी किया है। दरअसल, तमिलनाडु में वेदांता स्टरलाइट प्लांट को खोलने के लिए याचिका लगाई गई थी। वेदांता की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वेदांता स्टारलाइट प्लांट में सिर्फ ऑक्सीजन प्लांट चालू करना चाहते हैं। जिस पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह राष्ट्रीय आपदा है। केंद्र और राज्य सरकारों के बीच राजनीति कलह नहीं होनी चाहिए। यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता को तूतीकोरिन कॉपर प्लांट में सिर्फ ऑक्सीजन प्लांट शुरू करने की इजाजत दी है। 10 दिन के अंदर ऑक्सीजन प्लांट शुरू कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने मई, 2018 में स्टरलाइट के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन में 13 लोगों की मौत के बाद प्लांट को सील कर दिया था।
चौबीस घंटे में तीन लाख 23 हजार से अधिक संक्रमित
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटों के दौरान संक्रमण से मुक्त हो 2,51,827 लोग अपने घर लौटे हैं वहीं 3,23,144 नए मामले दर्ज किए गए और 2,771 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद अब तक देश में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 1,76,36,307 हो गया और मृतकों की संख्या 1,97,894 हो गई है।
वैक्सीन के दाम पर क्या कर रहा है केंद्र : सुप्रीमकोर्ट
देश में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने अहम सुनवाई की। केंद्र सरकार ने अदालत में अपना हलफनामा दाखिल किया है। देश में बढ़ते संकट के बीच कोर्ट ने केंद्र सरकार से वैक्सीन की सप्लाई, ऑक्सीजन की सप्लाई, दवाओं की सप्लाई और लॉकडाउन पर प्लान मांगा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना के चलते पैदा हुए राष्ट्रीय संकट के इस समय अदालत मूकदर्शक नहीं रह सकती है। सुनवाई का मतलब हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई को रोकना बिल्कुल नहीं है। हाईकोर्ट स्थानीय हालात को बेहतर समझ सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय मुद्दे पर हमारा दखल देना महत्वपूर्ण है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है, वैक्सीन के दाम पर केंद्र क्या कर रहा है। अगर ये नेशनल इमरजेंसी नहीं है, तो फिर क्या है? अदालत में सुनवाई के दौरान राजस्थान, बंगाल की ओर से वैक्सीन के अलग-अलग दाम पर आपत्ति जताई गई थी।
हाईकोर्ट की फटकार पर जागा चुनाव आयोग, विजय जुलूस पर लगाई रोक
मदास हाईकोर्ट की फटकार के बाद चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है। चुनाव आयोग ने 2 मई को मतगणना के दिन या उसके बाद विजय जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया है। चुनाव आयोग ने जीते हुए उम्मीदवार को दो लोगों के साथ सर्टिफिकेट लेने की अनुमति दी है। पांच राज्यों (पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी) में हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे। चार राज्यों में चुनाव समाप्त हो गया है, जबकि बंगाल में एक चरण का मतदान बाकी है। पिछले दिनों मद्रास हाईकोर्ट ने कोरोना की दूसरी लहर बढ़ने के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया था।
बेड की उपलब्धता की जानकारी छिपा रहे निजी अस्पताल
लखनऊ। जिला प्रशासन के आदेश के बावजूद राजधानी के निजी अस्पताल बेड की उपलब्धता को सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं। इससे जिला प्रशासन की ओर से जारी सभी 55 निजी अस्पतालों की सूची हर जरूरतमंद के लिए बेकार हो चुकी है। जिला प्रशासन ने बेड सूची सार्वजनिक करने के साथ ही सभी अस्पतालों को बेड की उपलब्धता को अस्पताल के बाहर चस्पा करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके अधिकांश अस्पतालों ने सूचना सार्वजनिक नहीं की।