मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर बोला हमला

चोरी से दिल्ली की सत्ता हथियाने की साजिश

बोले- इस बिल से पीएम ने लोगों की आजादी छीनी

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली बिल राज्यसभा में पास होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सोमवार का दिन भारतीय लोकतंत्र के लिए काला दिन रहा। मोदी सरकार ने राज्यसभा में दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने वाला बिल पास कर दिया। उन्होंने इस बिल को अंग्रेजों की ओर से 1935 में लाए गए गवर्नमेंट ऑफ इंडिया कानून जैसा करार दिया। लिहाजा दिल्ली के लोग अपनी पसंद की सरकार तो चुनेंगे, लेकिन उस सरकार को काम करने की कोई शक्ति नहीं होगी।
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब इन लोगों को लगा कि आम आदमी पार्टी को हराना मुश्किल है, तब इन्होंने पिछले दरवाजे से अध्यादेश लाकर दिल्ली की सत्ता हथियाने की कोशिश की है। आजादी से पहले 1935 में अंग्रेजों ने एक कानून बनाया था। उस कानून में अंग्रेजों ने ये लिखा था कि भारत में चुनाव तो होंगे, लेकिन जो सरकार चुनी जाएगी, उसको कोई काम करने की शक्ति नहीं होगी। जब हमारा देश आजाद हुआ तो हमने संविधान बनाया और संविधान में हमने लिखा कि चुनाव होंगे, लोग अपनी सरकार चुनेंगे और जो सरकार चुनेंगे, उस सरकार को लोगों के लिए काम करने की सारी शक्तियां होंगी। मगर आज आजादी के 75 साल के बाद प्रधानमंत्री ने दिल्ली के लोगों की आजादी छीन ली।
सीएम केजरीवल ने कहा कि 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में भारत एक जनतंत्र देश बताया था। इस जनतंत्र में जनता अपनी सरकार चुनती है और उस सरकार को जनता के लिए काम करने की पूरी ताकत होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का जैसे ही आदेश आया, उसके एक हफ्ते के बाद ही प्रधानमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट दिया और उसके खिलाफ एक अध्यादेश लेकर आए। केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद ने उस अध्यादेश को इस देश का कानून बना दिया कि अब दिल्ली के लोगों की चुनी हुई सरकार को काम करने की कोई ताकत नहीं होगी। इस कानून में लिखा है कि दिल्ली के लोग जो मर्जी सरकार बनाएं, लेकिन उस सरकार को सीधे-सीधे उपराज्यपाल और मोदी चलाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी को हराना बहुत मुश्किल है। दिल्ली में 2013, 2015 और 2020 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद एमसीडी का चुनाव भी भाजपा हार गई। पिछले 25 साल से दिल्ली के अंदर भाजपा की सरकार नहीं बनी है। 25 साल से इनको दिल्ली के लोगों ने वनवास दिया हुआ है। वहीं, उन्होंने बिल के प्रावधानों का जिक्र करते हुए कहा कि संसद में जो कानून पास किया गया है, उसमें लिखा है कि दिल्ली सरकार में ए, बी, सी और डी कैटगरी में जितने भी कर्मचारी हैं, उन सबके के बारे में पूरी पॉलिसी केंद्र सरकार बनाएगी कि किस अधिकारी का ट्रांसफर किया जाएगा और कौन कर्मचारी क्या काम करेगा।

राघव चड्ढा और अमित शाह में तीखी बहस

विधेयक पास होने के समय सदन में आप सांसद राघव चड्ढा के कारण हंगामा शुरू हो गया। दरअसल, चड्ढा ने विधेयक से संबंधित एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसपर बवाल मच गया। गृहमंत्री अमित शाह ने मामले में जांच की मांग की है। वहीं राघव चड्ढा का कहना है कि नोटिस मिलने पर वे जवाब दे देंगे। दरअसल, उच्च सदन में जब ‘दिल्ली राष्ट्रीय  राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ पर चर्चा पूरी हुई। इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने इसे पारित कराने के लिए विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गए संशोधनों को रखवाना शुरू किया। इसके बाद आप सांसद राघव चड्ढा का प्रस्ताव आया, जिन्होंने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव था। इसमें समिति सदस्यों के नाम भी थे। मामले में गृहमंत्री अमित शाह ने आपत्ति जताते हुए कहा कि दो सदस्यों का कहना है कि उनकी सहमति के बिना प्रस्ताव में उनके नाम डाले गए। प्रस्ताव पर उन सदस्यों के हस्ताक्षर भी नहीं है। शाह का कहना है कि यह जांच का विषय है। शाह का कहना है कि बात अब सिर्फ दिल्ली के फर्जीपन की नहीं है बल्कि, सदन के अंदर फर्जीपन की है। शाह ने इसे सदन के विशेषाधिकार का उल्लंघन बताया है। शाह का कहना है कि मामला विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जाना चाहिए।

‘भाजपा वाले आप से काम में मुकाबला नहीं कर सकते’

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री दिल्ली में ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि पिछले 7-8 साल में बिना किसी पावर के भी हम लोगों ने बहुत शानदार काम किए हैं। दिल्ली में हमने इतने शानदार स्कूल-अस्पताल बनाए, 24 घंटे बिजली कर दी, बिजली फ्री कर दी, घर-घर पानी पहुंचा रहे हैं, सडक़ें बनाई। लेकिन इन लोगों से ये काम नहीं हो रहे हैं। 30 साल से गुजरात में इनकी सरकार हैं। इन्होंने गुजरात का बेड़ा गर्क कर दिया है।

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