मोटापा किडनी-लिवर को भी पहुंचाता है नुकसान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मोटापा गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसका खतरा लगभग हर उम्र के व्यक्ति में देखा जाता रहा है। मोटापे के शिकार लोगों में कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है। अधिक वजन और मोटापा की स्थिति न सिर्फ क्रोनिक बीमारियों का कारण बन सकती है साथ ही जिन लोगों को पहले से डायबिटीज-हार्ट की समस्या है उनके जोखिमों को और भी बढ़ा सकती है। अगर आपका भी वजन अधिक है तो सावधान हो जाइए, अगर इसे समय रहते कंट्रोल न किया गया तो आपको गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं। आमतौर पर बढ़े हुए वजन की समस्या को हृदय रोगों का कारक माना जाता है, पर इसके जोखिम यहीं तक सीमित नहीं हैं।
हाई ब्लड प्रेशर
जिन लोगों का वजन सामान्य से अधिक होता है उनमें हाई ब्लड प्रेशर और इससे संबंधित बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर में खून का दबाव आपके रक्त वाहिकाओं की दीवारों पर अधिक होने लगता है। हाई ब्लड प्रेशर का सबसे बड़ा खतरा हृदय स्वास्थ्य पर देखा जाता रहा है और इसकी अनियंत्रित स्थिति हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का भी कारण बन सकता है। हाई बीपी के कारण ब्रेन की समस्याओं से बचना है तो आपको सबसे पहले अपनी बीपी को चेक करते रहना होगा। अगर आपका ब्लड प्रेशर हमेशा बढ़ा रहता है कि तो डॉक्टर आपके लिए कुछ दवाइयां लिख सकते हैं। इसलिए इससे बचाव के लिए पहला कदम है अपना बीपी चेक करते रहना। उसके बाद अपने जीवनशैली में बदलाव करना जरूरी है। हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए अपने सोडियम लेवल को सही रखें। अपने सोडियम सेवन को एक दिन में 2,300 मिलीग्राम से कम करें। साथ ही ज्यादा नमक वाली चीजों को खाने से बचें।
लिवर में फैट
मोटापे के दुष्प्रभाव सिर्फ ब्लड प्रेशर और हार्ट की दिक्कतों तक ही सीमित नहीं है, इसका असर लिवर की सेहत पर भी हो सकता है। अधिक वजन की समस्या से फैटी लिवर रोग का जोखिम बढ़ जाता है। इस स्थिति में आपके लिवर में वसा की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे गंभीर लिवर डैमेज, सिरोसिस और यहां तक कि लिवर फेलियर भी हो सकती है। नॉनअल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज के बढ़ते वैश्विक जोखिमों के लिए शोधकर्ताओं ने मोटापे को प्रमुख कारकों में से एक माना है। ज्यादातर लोग नहीं जानते कि उन्हें फैटी लिवर डिसीज हो चुका है। ये अक्सर ऐसे लोग होते हैं, जो बाहर से पतले दिखते हैं लेकिन उनके लिवर पर फैट होता है। उनके पेट के चारों ओर चर्बी जमी होती है और थकान भी होने लगती है। ऐसे लोगों को 7 से 10 प्रतिशत वजन घटाने की कोशिश करनी चाहिए। एरोबिक एक्सरसाइज या हल्की वेट ट्रेनिंग से भी लिवर की सेहत को फायदा होता है। इसके लिए डॉक्टर डायबिटीज कंट्रोल करने की भी सलाह देते हैं। शरीर में कॉलेस्ट्रोल लेवल को भी घटाने की कोशिश करनी चाहिए।
हृदय रोग
हृदय रोगों के लिए ब्लड प्रेशर बढ़े रहने को प्रमुख कारक माना जाता है। ये स्थिति दिल का दौरा, हार्ट फेलियर, एनजाइना और या असामान्य रूप से हृदय गति को भी बढ़ाने वाली हो सकती है। जिन लोगों को पहले से ही हार्ट की समस्या रही है अगर उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं रहता है तो ऐसे लोगों में जानलेवा हार्ट अटैक और स्ट्रोक का भी जोखिम बढ़ जाता है।
टाइप-2 डायबिटीज
अधिक वजन की समस्या आपको डायबिटीज का भी शिकार बना सकती है। टाइप-2 डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो तब होती है जब आपका ब्लड ग्लूकोज लेवल बहुत अधिक हो जाता है। टाइप-2 डायबिटीज वाले लगभग 10 में से 9 लोगों का वजन अधिक देखा जाता रहा है। समय के साथ, हाई ब्लड शुगर के कारण हृदय रोग, स्ट्रोक, किडनी की बीमारी, आंखों की समस्याएं, तंत्रिकाओं का विकार होने का भी जोखिम बढ़ता जाता है। इसमें कई स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। मधुमेह के लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, दृष्टि संबंधी समस्याएं, थकान, भूख और प्यास का बढऩा, घावों का धीरे-धीरे भरना आदि हैं। टाइप 2 मधुमेह प्रबंधन में मधुमेह की दवाएं और इंसुलिन थेरेपी शामिल हैं।
हाई ब्लड प्रेशर
जिन लोगों का वजन सामान्य से अधिक होता है उनमें हाई ब्लड प्रेशर और इससे संबंधित बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर में खून का दबाव आपके रक्त वाहिकाओं की दीवारों पर अधिक होने लगता है। हाई ब्लड प्रेशर का सबसे बड़ा खतरा हृदय स्वास्थ्य पर देखा जाता रहा है और इसकी अनियंत्रित स्थिति हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का भी कारण बन सकता है। हाई बीपी के कारण ब्रेन की समस्याओं से बचना है तो आपको सबसे पहले अपनी बीपी को चेक करते रहना होगा। अगर आपका ब्लड प्रेशर हमेशा बढ़ा रहता है कि तो डॉक्टर आपके लिए कुछ दवाइयां लिख सकते हैं। इसलिए इससे बचाव के लिए पहला कदम है अपना बीपी चेक करते रहना। उसके बाद अपने जीवनशैली में बदलाव करना जरूरी है। हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए अपने सोडियम लेवल को सही रखें। अपने सोडियम सेवन को एक दिन में 2,300 मिलीग्राम से कम करें। साथ ही ज्यादा नमक वाली चीजों को खाने से बचें।