नई संसद से विपक्ष ने क्यों बनाई दूरी?

Why did the opposition distance itself from the new parliament?

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क लखनऊ।

नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को होना है , लेकिन इससे पहले सभी विपक्षी दल एक होकर सत्त्ता धारी शासन पर निशाना साध रहे हैं। दरअसल सभी दूसरे दलों का कहना है कि सरकार के कार्यकाल में संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है।  अगर देश की राष्ट्रपति संसद के नए भवन का उद्घाटन नहीं करेंगी तो ये कही न कही लोकतंत्र पर हमला है। सरकार ने विपक्ष के इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि विपक्षी पार्टियों को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि हर मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए. शाह ने कहा, ”राजनीति को इसके साथ मत जोड़िए. एक बड़ी भावनात्मक प्रक्रिया है कि पुरानी परंपराओं से नए भारत को जोड़ने की। इसको इतने ही सीमित अर्थ में देखना चाहिए. राजनीति अपनी जगह चलती है. सब अपनी सोचने की क्षमताओं के अनुसार रिएक्शन देते हैं और काम करते हैं.प्रधानमंत्री PM मोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे। लेकिन विपक्षी दल का कहना है कि जिस दिन गोडसे का जन्मदिन है उस दिन ही संसद भवन का  उद्घाटन तो इसे कही न कही राजनितिक नजरिए से जोड़ कर देख रहें हैं।

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