ऋषिता डेवलपर्स के कब्जे से किसान की जमीन छुड़ाने में मदद करेंगी नूतन

  • आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने दी जानकारी
  • बिल्डर्स ने अब तक नहीं छोड़ा कब्जा
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। 4पीएम में सरोजनीनगर तहसील के गांव बगियामऊ के किसान प्रेमचंद की खबर छपने के बाद अब काफी लोग उनकी लड़ाई में सहयोग के लिए आगे आने लगे हैं। यूपी के चर्चित आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने किसान की पीड़ा जानने व उनका दुख बांटने के लिए उनसे मिलने पहुंचे और कहा कि न्याय की लड़ाई में हम आपके साथ है। आईजी अमिताभ ठाकुर ने किसान प्रेमचंद्र को भरोसा दिलाया कि एक्टिविस्ट व मेरी पत्नी नूतन ठाकुर कानूनी सहायता में पूरी तरह मदद करेगी और जमीन वापस दिलाने का भरसक प्रयास करेगी। गौरतलब है कि बगियामउ के किसान प्रेम चंद की जमीन हड़पने की खबर को 4पीएम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर छपने के बाद बिल्डर से लेकर पूरे प्रशानिक अमले में हड़कंप मच गया। दरसल प्रेमचंद की पुश्तैनी 6 बीघा जमीन पर ऋ षिता बिल्डर और अंसल ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए जबरन कब्जा किया हुआ है। किसान प्रेमचंद लगातार अपनी जमीन वापस पाने के लिए संघर्ष कर रहा है। बावजूद अब तक उसे जमीन वापस नहीं मिल सकी है। बिल्डरों ने हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर के बावजूद प्रेम चंद की जमीन खुदवाकर हजारों ट्रक मिट्टी निकलवाकर किसान की जमीन को गड्ढों में तब्दील कर दी है। किसान ने इसकी शिकायत भी उच्चाधिकारियों को की है।
ऐसे किया गया था जमीन पर खेल
अंसल ने धोखे से प्रेमचंद को स्थानीय पुलिस से साठ-गांठ करके थाने में बिठा लिया और जमीन पर कब्जा कर लिया। फिर अंसल ने प्रेमचंद की जमीन ऋषिता डेवलपर्स को बेच दी। गौरतलब है कि प्रेमचंद ने न तो अपनी जमीन का मुआवजा लिया है और न जमीन बेची है। वहीं इनकी जमीन को एक बिल्डर ने दूसरे बिल्डर को बेच दिया। इस बार भी वही तरीका अपनाया गया। प्रेमचंद को पुलिस ने पीजीआई थाने में ले जाकर बिठा दिया और जमीन पर ऋषिता डेवलपर्स को कब्जा दे दिया गया। प्रेमचंद कोर्ट का ऑर्डर लेकर लखनऊ विकास प्राधिकरण के चक्कर लगाते रहे पर कहीं सुनवाई नहीं हुई।

मैसेज वायरल होने के बाद मचा हड़कंप, फिर भी भर्ती हुआ सुबह चार बजे कोविड पेशेंट
  • कोरोना मरीजों के साथ अब भी हो रहा दुर्व्यवहार
  • कागजों पर हो रहा है कोरोना से निपटने का इंतजाम
  • 89 साल के कोविड पेशेंट बुजुर्ग घंटों रहा बेहाल
  • सीएम और पीएम को ट्वीट करने के बाद हुए भर्ती
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। कोरोना मरीजों के साथ अब भी दुर्व्यवहार हो रहा है। इसी वजह से राजधानी लखनऊ में कोविड मरीजों की हालत चिंताजनक है। अफसरों की लापरवाही के चलते ही मरीज दम तोड़ रहे हैं। हकीकत यह है कि पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा 1122 मौंतें लखनऊ में हुई है। बावजूद लखनऊ प्रशासन कोई ठोस इंतजाम नहीं कर पा रहा है। कल देर रात 89 साल के कोविड पेशेंट बुजुर्ग तारा दत्त त्रिपाठी करीब 11 घंटे तक कोविड अस्पताल में भर्ती किए जाने को लेकर परेशान रहे। किसी ने भर्ती नहीं किया। अलीगंज निवासी बुजुर्ग त्रिपाठी के स्वजनों ने सीएम और पीएम को ट्वीट किया तो रात बारह बजे के बाद प्रशासन ने सुध ली। बावजूद पूरी रात निकालने के बाद सुबहे साढ़े चार बजे डीएम अभिषेक प्रकाश के दखल के बाद उन्हें भर्ती कराया जा सका।
दरअसल अलीगंज निवासी 89 साल के बुजुर्ग तारा दत्त त्रिपाठी को सर्दी बुखार की शिकायत पर सीतापुर रोड स्थित रिलीफ अस्पताल में भर्ती कराया गया। कल दोपहर तीन बजे उनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। रिपोर्ट पाजिटिव आते ही रिलीफ अस्पताल में हड़कंप मच गया और इन बुजुर्ग को कोरोना के डर से दवा आदि देने भी कोई नहीं गया। इस बात से खफा परिजनों ने सीएमओ से लेकर डीजी और सभी अधिकारियों को इसकी सूचना दी कि रिलीफ अस्पताल के लोग कह रहे है कि अपने मरीज को ले जाओ यहां भी मदद नहीं कर रहे हैं। मरीज को घर ले नहीं जा सकते। ऐसे में यहां से हम कहां ले जाए यह बताने को रिलीफ अस्पताल प्रबंधन तैयार नहीं। मामले में सूचना के बाद भी किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद रात बारह बजे जब बुजुर्ग की हालत ज्यादा खराब होने लगी और कोई अफसर इनकी सुध लेने को तैयार नहीं हुआ तो इसकी शिकायत सीएम और पीएम को ट्वीट कर की गई। इसके बाद डीएम ने अपने वहाट्सएप ग्रुप में रात बारह बजे सीएमओ को लिखा। तब भी सुबह चार बजे के बाद ही इस बुजुर्ग को कोविड अस्पताल इरा में भर्ती कराया गया और वो भी तब जब रात के दो बजे तक सीएम और पीएम को लगातार ट्वीट किए गए। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि योगी सरकार के आदेश के बावजूद अस्पतालों में लापरवाही बरती जा रही है। सीएमओ व स्वास्थ्य महकमा भी सही जवाब नहीं दे रहा है। ऐसे में आमजन को कितनी परेशानी होती है इसका त्वरित निराकरण किया जाए।
11 घंटे किसी ने नहीं की मदद
कोविड पेशेंट तारा दत्त त्रिपाठी के परिजनों का आरोप है कोविड रिपोर्ट आने के बाद रिलीफ अस्पताल ने कोई मदद नहीं की। साथ ही सरकारी कोविड अस्पतालों व सेंटरों में फोन करते रहे। मगर सब इधर-उधर टालते रहे। करीब ग्यारह घंटे तक किसी ने मदद नहीं की। गनीमत रही कि सीएम और पीएम के ट्वीट के बाद सुबह चार बजे उन्हें भर्ती किया गया। फिलहाल अब उनकी हालत स्थिर है। अभी वेंटीलेटर पर है।
अगर कोई कोरोना का मरीज है तो उसे कोविड अस्पतालों में भर्ती किया जाएगा। इसके लिए उसे संपर्कभर करना है। कोविड अस्पताल मरीज को भर्ती करने से मना नहीं कर सकते।
डॉ. एमके सिंह, डिस्ट्रिक्ट इम्युनाइजेशन ऑफिसर

सिविल कोर्ट के तीन गेट खोलने की मांग

  • सेंट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ ने न्यायाधीश से किया अनुरोध
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। सेंट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ ने जिला न्यायाधीश से सिविल कोर्ट परिसर के गेट एक तीन और पांच को खोलने एवं लिफ्टों के संचालन को सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया है। एसोसिएशन के महामंत्री संजीव पांडेय ने अपने पत्र में लिखा है कि कोरोना के समय में सिविल कोर्ट परिसर के गेट संख्या 1, 2 और 5 को बंद कर दिया गया था। अब कोरोना काल लगभग समाप्त है। न्यायालय पूर्ण रूप से खुल रहा है। ऐसी स्थिति में इन गेटों को बंद रखना उचित नहीं है। गेट बंद होने के कारण वादकारी व अधिवक्तागण का आवागमन बढ़ गया है। लिहाजा तीनों गेटों को खोला जाना नितांत आवश्यक है। महामंत्री संजीव पांडेय ने कहा कि कोर्ट परिसर में लिफ्टें विगत काफी समय से बंद पड़ी है, जिसके विरोध में अधिवक्तागण सांकेतिक रूप से दस दिसंबर को न्यायिक कार्य से विरत भी रहे कुछ अधिवक्ता धरने पर भी बैठे और आपके मौखिक आश्वासन पर धरना समाप्त किया था। एसोसिएशन ने माननीय न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि वे लिप्टों का संचालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित करें।

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