चुनावी साल में श्रमिकों पर मेहरबानी, भरपूर बिजली की तैयारी

  • असंगठित श्रमिकों को 500 रुपए महीने भत्ता

लखनऊ। प्रदेश में चरम पर पहुंच चुकी सियासी गर्मी के बीच योगी सरकार ने लगातार दूसरी बार सत्ता का ख्वाब पूरा करने के लिए श्रमिकों, बुजुर्गों और बिजली पर जमकर मेहरबानी दिखाई है। पहली बार श्रमिकों के लिए भरण-पोषण भत्ते का प्रावधान किया गया है। सरकार असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों को 500 रुपये प्रतिमाह भरण-पोषण भत्ता देगी। वहीं, बुजुर्गों की पेंशन भी दोगुनी यानी 500 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया है।

दिव्यांगों को मिलने वाला अनुदान भी 500 से 1000 रुपये कर दिया गया है। योगी सरकार ने साल के दूसरे अनुपूरक बजट में एक तरह से श्रमिकों और बिजली के लिए खजाना खोल दिया है। 8479.53 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट में से अकेले 4000 करोड़ रुपये का प्रावधान सिर्फ असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए किया गया है। वहीं, बिजली के लिए 3382.50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। विधानसभा चुनाव के एलान की उल्टी गिनती के संकेतों के बीच वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अनुपूरक बजट पेश किया। साथ ही वर्ष 2022-23 का अंतरिम बजट व चार महीने का लेखानुदान भी पेश किया गया। इसमें सूचना को भी प्रचार के लिए 150 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं।

विधान परिषद में उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने अनुपूरक बजट पेश किया। सरकार असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत श्रमिकों को दिसंबर से मार्च तक 500 रुपये प्रतिमाह भरण-पोषण भत्ता देगी। यह भत्ता 1000-1000 रुपये की दो किस्तों में दिया जाएगा। प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के करीब 6.60 करोड़ श्रमिक हैं। इनमें से अब तक लगभग 2.50 करोड़ लोगों का पंजीकरण हो चुका है। 31 दिसंबर तक पंजीकरण कराने वाले सभी श्रमिक इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।

पेंशन दोगुना, 56 लाख बुजुर्गों को फायदा

विपक्षी दलों की ओर से बिजली को लेकर की जा रही लुभावनी घोषणाओं के जवाब में योगी सरकार ने चुनाव तक शहरों से लेकर गांवों तक 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए अनुपूरक बजट में अंशपूंजी के रूप में 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इससे गांवों, तहसीलों और बुंदेलखंड को भी अब महानगरों, जिला मुख्यालयों व उद्योगों की भांति कटौतीमुक्त बिजली मिल सकेगी। सरकार ने वृद्धावस्था/किसान पेंशन में दोगुना बढ़ोतरी का फैसला किया है।

वृद्धावस्था पेंशन 500 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1000 रुपये की जा रही है। इसके लिए 670 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इससे करीब 56 लाख बुजुर्ग लाभान्वित होंगे। इसी तरह 11 लाख दिव्यांगों को भी 500 रुपये के बजाय अब 1000 रुपये प्रतिमाह अनुदान मिलेगा। इसके लिए 167 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

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