हवाहवाई दौरे की बजाए प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की जरूरत

  • 4पीएम की परिचर्चा में सामने आया कि कोरोना से गांवों में मचा हाहाकार, सरकार नहीं दे रही ध्यान
  • दो-दो घंटे के दौरे करने से बेहतर कोरोना ग्रसित जिलों पर दें ध्यान
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीते दस-पंद्रह दिनों से लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं। 11 मंडलों के तहत 32 जिलों का दौरा अब तक कर चुके हैं। मगर उनके ताबड़तोड़ दौरे से जनता खुश नहीं है। लोगों ने हवाहवाई दौरे की बजाए प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की जरूरत बताई है। कहा कि दो-दो घंटे के दौरे करने से बेहतर कोरोना ग्रसित जिलों पर ध्यान दें। गांवों में हाहाकार मचा है, वहां की स्थिति पर ध्यान दें तो ही कोरोना से जंग जीत पाएंगे। यह बात निकलकर आई वरिष्ठï पत्रकार अरविंद सिंह, अशोक वानखेड़े, शरत प्रधान, स्वतंत्र पत्रकार रणविजय सिंह व 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के साथ एक लंबी परिचर्चा में। परिचर्चा में वरिष्ठï पत्रकार अशोक वानखेड़े ने कहा योगी के दौरे हवाहवाई है। याद हो अगर मुख्यमंत्री एक शहीद के घर गए तो कारपेट बिछा दिया गया। आसन लगा दिया गया। बाद में लौटे तो हाल फिर वहीं ढाक के तीन पात। उनका दौरा सिर्फ छलावा है। आज के समय में बहुत बड़ा जिगरा चाहिए प्रजा को या मतदाता का सामना करने के लिए क्योंकि लाशें गंगा में तैर रही हंै। अस्पतालों में स्थिति बुरी है। यह किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने कहा कि बनारस से मोदी सांसद है, बताइए कितने दौरे किए अब तक या फिर बनारस के कितने गांवों में गए। सब आंख मूंदकर बैठे हैं। पंचायत चुनाव में इतनी मौतें हुई हैं। भ्रष्टïाचार चरम पर है। ऐसे में दौरे करेंगे तो जनता तो सवाल पूछेगी ना। मगर जमीन पर काम नहीं दिख रहा है। वानखेड़े ने कहा, संगठन में इन दिनों बयार बह रही है केशव मौर्य के प्रदेशाध्यक्ष बनने की। एके शर्माजी आ गए हैं। इन सब वजह से योगीजी दौरे कर रहे हैं कि ऊपर मैसेज जाए कि यूपी के सीएम कितना एक्टिव हैं। वरिष्ठï पत्रकार शरत प्रधान ने कहा जब आदमी किसी पोजिशन पर बैठा होता है तो वो दौरे करता है। अपना प्रचार करता है। अखबारों में छपी वाहवाही से खुश होता है। उसे अपने अफसरों से भी बड़ाई ही नजर आती है। लेकिन अगर गौर करें तो जब यूपी में केस बढ़ रहे थे तो कहां थे दौरे और जब दूसरी लहर शांत होने लगी तो दौरे पे दौरे। इससे तो यही संदेश जा रहा है कि जब लोगों को ऑक्सीजन, इंजेक्ïशन व दवाएं जरूरत थी तो नहीं दिखे और जब स्थिति सामान्य हो गई तो आदेश दे रहे। जनता सब जानती है ये तो ड्रामा है। ड्रामा न होता तो उन्हें प्रयागराज के घाटों पर लाशें भी दिखती जबकि घाटों पर मरे हुए लोगों के कफन उतारे जा रहे हैं और योगीजी हिंदुत्व की बात करते हैं। आम लोगों तक सच न पहुंचे, मेरी इमेज बनती रही। इसी वजह से दौरे किए जा रहे हैं।
वरिष्ठï पत्रकार अरविंद सिंह ने कहा दौरे क्यों कर रहे हैं। क्या कारण है। ये सिर्फ शोभायात्रा जैसा है। दौरा तब सफल होता है जब एक दो दिन वहां रहे। जनता से बात करें। पश्चिम में मुजफ्फरनगर में एक लेडी धरना दे रही है। मगर उसकी बात नहीं सुन रहे। मुख्यमंत्रीजी इस समय दो घंटे का दौरा कर पाला बदल रहे। मध्य उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की इतनी बुरी हालत है। गंगा सहित कई नदियों के किनारे लाशें इस बात का गवाह है कि सरकार कितनी लापरवाह है। दुनियाभर में यूपी की बदनामी हुई। सरकारें चाहे तो हर घटना रोक सकती हैं मगर ये जो यात्राएं है निरर्थक हैं। ये यात्राएं नौकरशाहों के दारों बनाई गई है, जिसका पब्लिक पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। जनता की बात सुनी नहीं जा रही है तो बहुत सी बातें है। यूपी के सीएम को दौरा करने से पहले स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान देना चाहिए। गांवों से संक्रमण का खात्मा करने के बारे में सोचना चाहिए। स्वतंत्र पत्रकार रणविजय सिंह ने कहा ये जो दौरे है, इमेज को चमकाने के लिए है। हालांकि मुख्यमंत्रीजी मेहनती है हमारे मगर उनकी मेहनत दिख नहीं रही है। ये जो दौरे कर रहे हैं इनका धरातल पर असर नहीं दिख रहा है। अगर एक-दो रातें वहां बिताते, जनता की बात सुनते तो इसका रिजल्ट भी देखने को मिलता। गांवों में बुखार-खांसी से लोग मर रहे हैं। कई ऐसे गांव है, जहां 20 से 40 लोगों की मौत हो गई। गांवों की निगरानी समिति का भी यही कहना है कि यहां टेस्टिंग नहीं हो रही है। अगर टेस्टिंग की जाए तो हजारों केस मिल जाएंगे। तो सबसे बड़ी बात कोरोना काल में दौरा करने से बेहतर है लोगों को जागरूक करें। जागरूकता फैलाए कि किस तरह कोरोना से बचाव करना है।

आधुनिक भारत के निर्माता रहे जवाहर लाल नेहरू: लल्लू
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि आज देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुण्यतिथि पर कांग्रेस मुख्यालय में उन्हें याद किया गया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। लल्लू ने कहा पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं जिन्होंने देश की आजादी के लिए अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन किए और कई वर्ष जेल की काल कोठरी में गुजारे। वह आधुनिक भारत के निर्माता भी हैं जिन्होंने पंचवर्षीय योजनाएं शुरू की, धर्मनिरपेक्ष संविधान निर्माण में अपना सहयोग दिया। देश में बड़ी-बड़ी योजनाएं शुरू की, रेलवे लाइन, हवाई सेवाएं, शिक्षा स्वास्थ्य के क्षेत्र में, सड़कों का निर्माण आदि प्रमुख कार्य हैं। पूर्व पीएम की पुण्यतिथि पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उनकी फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित की।

राज्य कर्मचारी अब नहीं कर सकेंगे हड़ताल

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। कोरोना महामारी की तीसरी लहर को देखते हुए प्रदेश सरकार ने आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम 1966 एस्मा लागू किया है। साथ ही यूपी में सभी सरकारी सेवाओं में हड़ताल पर रोक लगा दी गई है। एस्मा लागू होते ही यूपी सरकार के अधीन सभी लोक सेवा, प्राधिकरण, निगम समेत सभी सरकारी विभागों पर यह आदेश लागू रहेगा। बताया जा रहा है कि कई विभाग अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे थे। जब कोरोना महामारी का खतरा अभी भी बरकररार है। ऐसे में कर्मचारियों को अब 6 महीने तक हड़ताल की अनुमति नहीं होगी। जानकारी के मुताबिक सरकार एस्मा को आगे भी बड़ा सकती है। अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल (कार्मिक) के मुताबिक सरकार ने फिलहाल 6 महीने के लिए एस्मा लगाया है। जरूरत पड़ने पर इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। वहीं हालात ठीक होते देख इसे 6 महीने से पहले वापस भी लिया जा सकता है। इस कानून के लागू हो जाने के बाद राज्य में अति आवश्यक सेवाओं में लगे कर्मचारी छुट्टी एवं हड़ताल पर नहीं जा सकेंगे। सभी अति आवश्यक कर्मचारियों को सरकार के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। जो कर्मचारी आदेशों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

लोहिया राष्टï्रीय विधि विवि ने ऑनलाइन की कानून की किताबें

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। कोरोना काल में सब कुछ बदल गया है। एक ओर जहां विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया आगे बढ़ गई है तो दूसरी ओर ऑनलाइन कक्षाएं भी शुरू हो गई हैं। डॉ.राम मनोहर लोहिया राष्टï्रीय विधि विवि में भी कानून की पढ़ाई के साथ लॉकडाउन में ई-जनरल और किताबों को ऑनलाइन पढ़ने वालों की संख्या 10 गुना बढ़ गई है। नए सत्र से इस बार कानून की पढ़ाई में कई बदलाव किए गए हैं। आपसी समझौते को तरजीह के साथ ही मूट कोर्ट में इसे मुख्य विषय रूप में पढ़ाने की कवायद चल रही है। इसे लेकर बैठक हो चुकी है।

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