MVA में हुए सीट बंटवारे ने बढ़ाई BJP की टेंशन, पिछड़ा महायुति
मुंबई। लोकसभा चुनावों को लेकर देश का सियासी तापमान अपने चरम पर है। जिस तरह से मौसम का तापमान बढ़ता जा रहा है, उसी तरह से देश की सियासत का पारा भी चढ़ता जा रहा है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि देश के अंदर होने वाले लोकसभा चुनावों के आगाज में अब सिर्फ 10 दिनों का ही वक्त बाकी रह गया है। सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनावों के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होना है। इसलिए अब सभी राजनीतिक दलों की ओर से ताबड़तोड़ रैलियां और चुनाव प्रचार शुरू हो गया है। तो वहीं नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर सियासी बयानवाजी और राजनीतिक हमले भी तेज हो गए हैं। इस बीच अब सियासी दलों द्वारा गठजोड़ व गठबंधन की तैयारी भी पूरी होने लगी हैं। राजनीतिक दलों द्वारा अपने सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे पर चर्चा और ऐलान किया जाने लगा है।
इस बीच 48 लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में सियासत काफी गरमाई हुई है। यहां सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के गठबंधनों में सीट शेयरिंग को लेकर पिछले कई दिनों से माथापच्ची चल रही है। यहां सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे पर बात नहीं बन पा रही है। लेकिन आज पिछले कई दिनों से चल रही ये माथापच्ची विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी में अंतत: थम गई। महाविकास अघाड़ी में शामिल दलों कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी शरद पवार के बीच आज सीट शेयरिंग पर अंतत: बात बन गई और तीनों दलों की ओर से संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके महाविकास अघाड़ी में शीट शेयरिंग का फाइनली ऐलान भी कर दिया गया। एमवीए में हुए सीट बंटवारे के मुताबिक, महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में गठबंधन में सबसे अधिक 21 सीटों पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना चुनाव लड़ेगी।
जबकि 17 सीटों पर कांग्रेस पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी। और 10 सीटों पर शरद पवार की एनसीपी ताल ठोकेंगी। मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तीनों दलों के प्रमुख नेता- उद्धव ठाकरे, शरद पवार और पृथ्वीराज चव्हाण मौजूद रहे। इस दौरान कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है। हमें तानाशाही से लड़ना होगा। गठबंधन के लिए सोनिया गांधी को ईडी दफ्तर में बैठाया गया। हमने सीट शेयरिंग की समस्या खत्म कर दी है। हमारे कार्यकर्ताओं को भी बीजेपी को हराने के लिए बड़ा दिल दिखाना चाहिए। नाना पटोले ने आगे कहा कि वे हमारे गठबंधन को मुस्लिम लीग बता रहे हैं, इससे जाहिर होता है कि वह कितने डरे हुए है। वोट ट्रांसफर होगा। हमारे साथ असली एनसीपी और असली शिवसेना हैं। लोग हमारे लिए चुनाव लड़ रहे हैं। वे मोदी के लिए वोट मांग रहे हैं। कांग्रेस नेता ने सवाल उठाते हुए पूछा आखिर लोग मोदी को वोट क्यों देंगे?
वहीं इस मौके पर शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा व पीएम मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सीटों पर लड़ने की इच्छा सभी की है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। जीतने की क्षमता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। याद भी रखें कि हमारी लड़ाई महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि कल प्रधानमंत्री मोदी महाराष्ट्र में आए थे। एक तो कल सूर्यग्रहण था, अमावस भी थी और पीएम मोदी की सभा भी थी। प्रधानमंत्री अगर एक पार्टी का प्रचार करने लगें तो ये अच्छी बात नहीं होगी।
उद्धव ने आगे कहा कि अगर हम पीएम मोदी आलोचना कर रहे हैं तो ध्यान रहे कि हम देश के प्रधानमंत्री की आलोचना नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम ‘भ्रष्ट जनता पार्टी’ यानी भाजपा के एक नेता की आलोचना कर रहे हैं। शिवसेना यूबीटी प्रमुख यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे पीएम को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पीएम मोदी सिद्धातों पर आधारित नेतृत्व नहीं दे पाए हैं। वह बाहर आकर कह रहे हैं कि हम नकली सेना हैं। उन्होंने लोगों पर छापे मारे और चुनावी बांड में पैसे लिए। भ्रष्ट जनता पार्टी और उनके साथ वसूली सेना है। उन्होंने एक वॉशिंग मशीन खोली है। उनके साथ दाग अच्छे हैं वाला वॉशिंग पाउडर हैं।
बता दें कि एमवीए में हुए इस सीट बंटवारे के तहत सबसे अधिक 21 सीटें उद्धव ठाकरे की शिवसेना को ही मिली हैं। शिवसेना को जो 21 सीटें मिली हैं। उनमें जलगांव, परभणी, नाशिक, पालघर, कल्याण, ठाणे, रायगढ़, मावल, धाराशिव, रत्नागिरी, बुलढाणा, हातकणंगले, संभाजीनगर, शिरडी, सांगली, हिंगोली, यवतमाल वाशीम, मुंबई उत्तर-पश्चिम, मुंबई दक्षिण-मध्य, मुंबई दक्षिण और मुंबई उत्तर- पूर्व की सीट शामिल है।
वहीं कांग्रेस को जो 17 लोकसभा सीटें गठबंधन के तहत मिली हैं। जिन पर कांग्रेस को चुनाव लड़ना है। उनमें नंदुरबार, धुले, अकोला, अमरावती, नागपुर, भंडारा गोदिंया, गढ़चिरौली-चिमूर, चंद्रपुर, नांदेड़, जालना, मुंबई, पुणे, लातूर, सोलापुर, कोल्हापुर, रामटेक और उत्तर मुबई जैसी लोकसभा सीटें शामिल हैं।
इसके अलावा शरद पवार की एनसीपी को 10 सीटें एमवीए में गठबंधन के तहत दी गई हैं। इन 10 सीटों में बारामती, शिरूर, सतारा, भिवंडी, डिंडोरी, माढा, रावेर, वर्धा, अहमदनगर दक्षिण और बीड लोकसभा सीट शामिल है।
महाविकास अघाड़ी में हुए इस सीट शेयरिंग के ऐलान के बाद अब एमवीए में सबकुछ क्लियर है और एमवीए की तैयारियां पुख्ता हैं। आपसी सहमति बनाने के लिए भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस ने सांगली और भिवंडी सीटों पर अपना दावा छोड़ दिया है। अब सांगली से शिवसेना (यूबीटी) और भिवंडी से एनसीपी (शरद गुट) चुनाव लड़ेगी। एमवीए की घटक दल शिवसेना ने कहा कि गठबंधन का लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराना है। इस दौरान कांग्रेस ने कहा कि पार्टी ने गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने के लिए बड़ा दिल दिखाने का फैसला किया है।
एमवीए में सीट शेयरिंग का ऐलान भले आज हुआ हो, लेकिन एमवीए के दलों ने कुछ-कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा पहले ही कर दी थी। इसमें उद्धव ठाकरे ने अब तक 21 उम्मीदवारों का एलान कर चुके हैं। कुछ दिन पहले शिवसेना (यूबीटी) ने चार उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की थी। इससे पहले उन्होंने 17 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी। वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) ने अब तक लोकसभा चुनाव के लिए सात उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है।
पार्टी ने भिवंडी सीट से सुरेश म्हात्रे को मैदान में उतारा है और बीड सीट से बजरंग सोनावणे को टिकट दिया है। इसके अलावा सुप्रिया सुले को बारामती लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। जबकि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश में अब तक महाराष्ट्र की सात सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। सात नामों में पूर्व सीएम सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणीति शिंदे का नाम शामिल है।
साफ है कि विपक्ष भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए पूरी ताकत से एकजुट हो रहा है। इसके लिए अगर किसी दल को समझौता भी करना पड़ रहा है तो वो संतोष कर रहा है और मिलकर भाजपा का मुकाबला कर रहा है।
वहीं महाविकास अघाड़ी में प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अगाड़ी (वीबीए) के शामिल न होने पर भी शिवसेना-यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमें लगा था कि प्रकाश आंबेडकर हमारे साथ आएंगे पर वो नहीं आए। हमारे दिल में उनके लिए बहुत मान-सम्मान है। देश में बदलाव लाने के लिए दिल बड़ा करना होता है।
बता दें कि उद्धव ठाकरे की ओर से 17 सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाने के बाद प्रकाश आंबेडकर ने गठबंधन से अलग होने की घोषणा की थी और 11 प्रत्याशियों का एलान कर दिया था। बाद में एमवीए की तरफ से उन्हें वापस लाने की कोशिश हुई, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी। दरअसल, प्रकाश आंबेडकर एमवीए से जितनी सीट मांग रहे थे, उस पर सहमति नहीं बन पा रही थी।
फिलहाल अब एमवीए में सीट शेयरिंग पर बात फाइनल हो गई है और अब कांग्रेस, एनसीपी शरद पवार और उद्धव ठाकरे की शिवसेना को बीच सीटों का बंटवारा भी हो चुका है। लेकिन सत्ता पक्ष के गठबंधन महायुति में अब तक सीट बंटवारे पर बात तय नहीं हो पाई है। बता दें कि महायुति में भाजपा, शिवसेना शिंदे गुट और अजित पवार की एनसीपी शामिल हैं। सत्ता पक्ष में होने के बाद भी महायुति में अब तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है। और इसकी वजह है कि तीनों दलों में अपनी-अपनी सीटों को लेकर माथापच्ची मची हुई है।
क्योंकि हर कोई अपनी मनपसंद सीटें चाह रहा है, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। तो वहीं दूसरी ओर भाजपा गठबंधन में अपना वर्चस्व रखना चाह रही है इसको लेकर भी गठबंधन में सीट बंटवारा नहीं हो पा रहा है। लेकिन अब विपक्षी गठबंधन में सीटों का बंटवारा फाइनल होने के बाद सत्ता पक्ष पर दबाव है। ऐसे में देखना ये है कि अब सत्ता पक्ष के महायुति में सीट बंटवारे का औपचारिक ऐलान कब तक संभव हो पाता है। फिलहाल इतना तो तय है कि एमवीए में सीट बंटवारे के बाद अब भाजपा व उसके सहयोगियों पर दबाव बढ़ गया है।